भारिबैंक/2009-10/445 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 49 04 मई 2010 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश शेयरों/अधिमान शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों बिक्री के रूप में अंतरण(ट्रांसफर)-संशोधित कीमत निर्धारण दिशा-निर्देश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -।) बैंकों का ध्यान समय समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के किसी निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण(ट्रांसफर) अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000कीऔरआकर्षितकियाजाताहै। 2. अधिसूचना की अनुसूची 1 के अनुसार, कोई भारतीय कंपनी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के तहत, भारत से बाहर के किसी निवासी व्यक्ति को अन्य बातों के साथ-साथ, कीमत निर्धारण दिशा-निर्देशों के अनुपालन की शर्त पर ईक्विटी शेयर, अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयर तथा अनिवार्यत: परिवर्तनीय डिबेंचरों (ईक्विटी लिखतों) जारी कर सकती है । इसके अतिरिक्त, 4 अक्तूबर 2004 के ए.पी.(डी्आइआर सिरीज) परिपत्र सं.16 और 22 अप्रैल 2009 के ए.पी.(डी्आइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 के अनुसार, निवासियों से अनिवासियों को तथा इसके विपरित वित्तीय सेवा क्षेत्र (अर्थात् बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, बीमा, आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां, प्रतिभूति बाजार में इन्फ्रास्टक्चर कंपनियां अर्थात् स्टाक एक्स्चेंजों, निक्षेपागृह(डिपाजिटरीज) और समाशोधन निगम, क्रेडिट इन्फर्मेशन कंपनियां और पण्य बाजारों(कामाडिटी एक्सचेंजेस)) से अन्य क्षेत्रों में किसी भारतीय कंपनी के ईक्विटी लिखतों के बिक्री के रूप में अंतरण(ट्रांसफर) के लिए सामान्य अनुमति उपलब्ध है । 3. भारत सरकार के साथ परामर्श करते हुए मौजूदा दिशा-निर्देशों की पुनरीक्षा की गयी है और तदनुसार अधिमानी आबंटन सहित शेयरों के निर्गम के संबंध में कीमत निर्धारण दिशा-निर्देशों को संशोधित किया गया है । इस संबंध में जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के किसी निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली,2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी) में संशोधन करनेवाली 21 अप्रैल 2010 के जी.एस.आर. सं.341 के जरिये अधिसूचित 7 अप्रैल 2010 की अधिसूचना सं. फेमा 205/2010-आरबी की एक प्रति संलग्न की गयी है (अनुबंध-।।) । 4. इसके अतिरिक्त, 4 अक्तूबर 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.16 के जरिये निवासी से अनिवासी को तथा इसके विपरित ईक्विटी लिखतों के अंतरण के लिए कीमत निर्धारण दिशा-निर्देशों की भी पुनरीक्षा की गयी है और उक्त परिपत्र के संलग्नक के पैराग्राफ सं. 2.2 और 2.3 तदनुसार संशोधित किये गये हैं। सभी क्षेत्रों में किसी भारतीय कंपनी के शेयरों के अंतरण के लिए लागू संशोधित अनुदेश अनुबंध - । में दिये गये हैं । दिनांक 4 अक्तूबर 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.16 के सभी अन्य अनुदेश यथावत् रहेंगे । 5. ये निर्देश तत्काल प्रभाव से परिचालित किये जाएंगे । 6. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक घटकों को और संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा अधिनियम,1999 (1999का42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय सलीम गंगाधरन प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध –। [4 मई 2010 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 49 का अनुबंध ]
पैराग्राफ सं.( 4 अक्तूबर 2004 का ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं. 16 देखें ) |
वर्तमान प्रावधान |
संशोधित प्रावधान |
2.2 |
अनिवासी को निवासी द्वारा अंतरण (अर्थात् पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकाय,विदेशी राष्ट्रिकों,अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेशक लेकिन निगमित अनिवासी कंपनी को छोड़कर) निवासी से अनिवासी को बिक्री द्वारा अंतरित शेयरों का मूल्य निम्नलिखित से कम नहीं होना चाहिए। क) स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों के सूचीबद्ध होने की स्थिति में प्रचलित बाज़ार मूल्य, ख) असूचीबद्ध शेयरों के मामले में पूर्ववर्ती पूंजी निर्गम नियंत्रक द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार किसी सनदी लेखाकार द्वारा किया गया शेयरों का उचित मूल्यांकन। इस तरह् लगाए गए प्रति शेयर की कीमत सनदी लेखाकार द्वारा प्रमाणित की जाए। |
अनिवासी को निवासी द्वारा अंतरण (अर्थात् विदेशी राष्ट्रिकों,अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेशक और पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकाय लेकिन निगमित अनिवासी कंपनी को छोड़कर) (क) जहां किसी भारतीय कंपनी के शेयर भारत में किसी मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंज पर सूचीबद्ध है, तो बिक्री द्वारा अंतरित शेयरों की कीमत उस कीमत से कम नहीं होनी चाहिए जिस पर सेबी दिशा-निर्देशों के तहत यथा लागू शेयरों का अधिमानी( Preferential) आबंटन किया जा सकता है बशर्ते कि उक्त संबंधित तारीख, जो शेयरों की खरीद अथवा बिक्री की तारीख होगी, के पहले उसमें विनिर्दिष्ट किये गये अनुसार ऐसी अवधि के लिए निर्धारित की गयी हो । (ख) जहां किसी भारतीय कंपनी के शेयर भारत में किसी मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंज पर सूचीबद्द नहीं है, तो शेयर की कीमत, बट्टागत नकद प्रवाह प्रणाली के अनुसार सेबी पंजीकृत श्रेणी-। मर्चंट बैंकर/सनदी लेखाकार द्वारा निर्धारित किये जानेवाले उचित मूल्य से कम नहीं होनी चाहिए । प्रति शेयर की कीमत सेबी पंजीकृत श्रेणी-। मर्चंट बैंकर/सनदी लेखाकार द्वारा प्रमाणित की जानी चाहिए । |
2.3 |
निवासी को अनिवासी (निगमित अनिवासी कंपनी, पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकाय, विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेश) द्वारा अंतरण निवासी को अनिवासी द्वारा शेयरों की बिक्री मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 बी (2) के अनुसार होंगी, जो निम्नलिखित है: क) जहां स्टॉक एक्सचेंज में किसी भारतीय कंपनी के शेयरों का लेनदेन किया जाता है i) बिक्री स्टॉक एक्सचेंज में प्रचलित बाज़ार मूल्य पर की जाती है तथा यह सेक्यूरिटीज़ एण्ड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) में पंजीकृत मर्चेंट बैंकर या स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत किसी स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से की जाती है । ii) यदि अंतरण, खंड (i) में बताए गए से इतर है तो मूल्य का हिसाब 5 प्रतिशत के घट-बढ़ के साथ आवेदन की तारीख से एक सप्ताह पूर्व के औसत दरों (प्रति दिन के घट-बढ़ का औसत) को ध्यान में रखकर लगाया जाएगा। यद्यपि जहां निवासी प्रवर्तकों के पक्ष में प्रबंधन नियंत्रण देने के उद्देश्य से भारत में वर्तमान प्रवर्तकों को, भारतीय कंपनी के विदेशी सह्भगियों अथवा विदेशी प्रवर्तकों द्वारा शेयर बेचे जा रहे हैं वहां बिक्री के लिए प्रस्ताव, उपर्युक्त के अनुसार लगाए गए मूल्य एवं उसके ऊपर 25 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के मूल्य पर विचार किया जाएगा। ख) जहाँ भारतीय कंपनी शेयर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं है अथवा बहुत कम कारोबारवाले हैं: i) यदि अंतरण के लिए देय प्रतिफल, शेयरों के मूल्यांकन के संबंध में अंतरण किए जानेवाले प्रस्तावित शेयरों के भारतीय कंपनी के सांविधिक लेखा परीक्षकों से प्राप्त प्रमाणपत्र की प्रस्तुति पर वर्तमान में प्रचलित किसी मूल्यांकन क्रियविधि पर आधरित विक्रेता और क्रेता के बीच पारस्परिक सहमति से तय मूल्य पर प्रति विक्रेता प्रति कंपनी 20 लाख रुपये से अधिक न हो, और ii)यदि तय किए गए मूल्य पर प्रति विक्रेता प्रति कंपनी 20 लाख रुपये से अधिक के अंतरण निम्नलिखित किसी एक प्रकार से विक्रेता के विकल्प पर के लिए देय प्रतिफल की राशि तय होगी: अ) मूल्य अर्जन गुणज से संबद्ध प्रति शेयर अर्जन पर आधरित मूल्य अथवा बही मूल्य गुणज से संबद्ध निवल परिसंपत्ति मूल्य पर आधारित मूल्य, जो भी अधिक हो, अथवा आ) रिज़र्व बैंक द्वारा यथानिर्धारित छोटे खंडों में प्रचलित बाज़ार मूल्य ताकि संपूर्ण शेयर धारिता व्यापार प्रणाली पर आधारित स्क्रीन के माध्यम से कम से कम व्यापारिक 5 दिनों में बेची जाती है । अथवा इ. किसी भी स्टॉक एक्स्चेंज में शेयरों के सूचीबद्ध न होने की स्थिति में उस मूल्य पर, जो शेयर के दो स्वतंत्र मूल्यांकन से निम्न है, पहले कंपनी के सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा और दूसरा सनदी लेखाकार द्वारा अथवा सेक्यूरिटीज़ एण्ड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के पास पंजीकृत श्रेणी । के मर्चेंट बैंकर द्वारा। |
निवासी को अनिवासी (निगमित अनिवासी कंपनी, पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकाय, विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेश) द्वारा अंतरण निवासी से अनिवासी को बिक्री द्वारा अंतरित शेयरों का मूल्य उस न्यूनतम मूल्य से कम नहीं होना चाहिए जिस पर उपर्युक्त पैरा 2.2 में दिये गये अनुसार निवासी से अनिवासी को शेयरों का अंतरण किया जा सकता है । |
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