भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की समीक्षा - सेक्टर विशेष संबंधी शर्तें - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की समीक्षा - सेक्टर विशेष संबंधी शर्तें
भारिबैंक/2014-2015/339 8 दिसंबर 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-मसय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी के जरिए रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के किसी निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (मूल विनियमावली) की अनुसूची 1 के संलग्नक "बी" की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें सरकारी मार्ग एवं स्वचालित मार्ग के तहत जिन क्षेत्रों/गतिविधियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अनुमत है उनके संबंध में प्रवेश मानदण्ड, सेक्टोरल कैप एवं अन्य शर्तें दी गई हैं। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 13 सितंबर 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 44 के अनुबंध की ओर भी आकृष्ट किया जाता है। 2. औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (DIPP), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति परिपत्र जारी करके प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को अद्यतन/अधिसूचित करती है। तदनुसार, सरकार ने अद्यतन प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में हुए परिवर्तन 17 अप्रैल 2014 के समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति परिपत्र के मार्फत जारी किए हैं और उक्त परिपत्र सरकार की वेबसाइट www.dipp.gov.in पर उपलब्ध है। समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति परिपत्र में अधिसूचित किए अनुसार सेक्टोरल वर्गीकरण/शर्तों और फेमा विनियमों में एकरूपता लाने के लिए, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी में उचित संशोधन करके अनुसूची 1 के संलग्नक "बी" को उचित रूप में पुनरीक्षित किया गया है। 3. रिजर्व बैंक ने 13 नवंबर 2014 के जीएसआर सं. 798(ई) के जरिये 2 जुलाई 2014 की अधिसूचना सं. फेमा. 312/2014-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दसवां संशोधन) विनियमावली, 2014 के द्वारा अब मूल विनियमावली को संशोधित कर दिया है। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (बी॰पी॰कानूनगो) |