विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण और अंतरण) विनियमावली, 2015 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण और अंतरण) विनियमावली, 2015
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा. 7 (आर)/2015-आरबी 21 जनवरी 2016 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण और अंतरण) विनियमावली, 2015 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (एच), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 7/2000-आरबी को अधिक्रमित करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा भारत से बाहर अचल संपत्ति के अधिग्रहण और अंतरण के संबंध में निम्नलिखित विनियमों को निर्मित करता है, अर्थात:- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ:- i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण और अंतरण), विनियमावली, 2015 कहलाएंगे। ii) वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे। 2. परिभाषाएँ :- इन विनयमों में, जब तक कि प्रसंग से अन्यथा अपेक्षित न हो, -
3. भारत से बाहर अचल संपत्ति के अधिग्रहण अथवा अंतरण पर प्रतिबंध:- उक्त अधिनियम अथवा इन विनियमों में उपबंधित को छोड़कर, भारत में निवासी कोई व्यक्ति रिज़र्व बैंक की सामान्य अथवा विशेष अनुमति के बगैर भारत से बाहर किसी अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा अंतरण नहीं करेगा। 4. छूट:- इन विनियमों में अंतर्विष्ट कोई भी बात (शर्त) निम्नलिखित संपत्ति पर लागू नहीं होगी - (ए) भारत में निवासी ऐसे व्यक्ति द्वारा धारित संपत्ति जो किसी विदेशी राज्य का राष्ट्रिक है; (बी) भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा 8 जुलाई 1947 को अथवा उससे पहले अधिग्रहीत संपत्ति और जिसे वह रिज़र्व बैंक की अनुमति से लगातार धारण किए रहा है। 5. भारत से बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण और अंतरण:- (1) भारत में निवासी कोई व्यक्ति भारत से बाहर अचल संपत्ति का निम्नवत अधिग्रहण कर सकता है, - (ए) उक्त अधिनियम की धारा 6 की उप-धारा (4) में, अथवा विनियम 4 के खंड (बी) में संदर्भित व्यक्ति से उपहार अथवा विरासत के रूप में; (बी) विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2015 के अनुसार रखे गए निवासी विदेशी मुद्रा (RFC) खातेगत विदेशी मुद्रा से खरीद के मार्फत; (सी) भारत से बाहर के निवासी किसी रिश्तेदार के साथ संयुक्त रूप में, बशर्ते एतदर्थ भारत से बाहर निधियों प्रवाह/विप्रेषण न हो; (2) भारत में निवासी कोई व्यक्ति भारत से बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण भारत में निवासी किसी ऐसे व्यक्ति से विरासत या उपहार स्वरूप कर सकता है, जिसने ऐसी संपत्ति उसके अर्जन के समय यथा लागू विदेशी मुद्रा प्रावधानों के अनुसार अधिग्रहीत किया हो। (3) भारत में निगमित कोई कंपनी, जिसके समुद्रपारीय कार्यालय हैं, वह अपने कारोबार एवं अपने स्टाफ के आवासीय प्रयोजन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा, समय-समय पर, जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत से बाहर संपत्ति का अधिग्रहण कर सकती है। स्पष्टीकरण : इन विनियमों के प्रयोजन के लिए, किसी व्यक्ति के 'रिश्तेदार' का तात्पर्य उस व्यक्ति के पति, पत्नी, भाई अथवा बहन अथवा उसके आरोही अथवा अवरोही वंशज से है। (बी.पी. कानूनगो) |