विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2025 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा. 10 (आर)(5)/2025-आरबी 14 जनवरी 2025 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2025 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 9 और धारा 47 की उप-धारा (2) के खंड (ई) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) विनियमावली, 2015 (अधिसूचना सं.फेमा. 10 (आर)/2015-आरबी, दिनांक 21 जनवरी 2016) (जिसे इसके बाद ‘मूल विनियमावली’ कहा गया है) में निम्नलिखित संशोधन करता है, यथा: - 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) (पाँचवाँ संशोधन) विनियमावली, 2025 कहलाएगी। ii) यह सरकारी राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगी। 2. मूल विनियमावली में, विनियम 5 में, उप विनियम (सी) के बाद निम्नलिखित उप विनियम (सीए) अंतर्विष्ट किया जाएगा, यथा: - “सीए. भारत में निवासी व्यक्ति, जो कि एक निर्यातक है, माल और सेवाओं के निर्यात के बदले निर्यातक द्वारा प्राप्त किए गए पूर्ण निर्यात मूल्य तथा अग्रिम विप्रेषण की वसूली के लिए भारत के बाहर किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है, धारण कर सकता है और बनाए रख सकता है। इस खाते में प्राप्त निधियों का उपयोग प्राप्ति के अगले माह के अंत तक भारत में अपने आयात के लिए भुगतान या भावी प्रतिबद्धताओं के समायोजन के बाद भारत में प्रत्यावर्तन के उद्देश्य से किया जा सकता है, बशर्ते विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 के विनियम 9 में यथा विनिर्दिष्ट वसूली और प्रत्यावर्तन संबंधी अपेक्षाएँ भी पूरी होती हों।“ (डॉ. आदित्य गेहा) मूल विनियमावली भारत सरकार के सरकारी राजपत्र- असाधारण – भाग- II, खण्ड 3, उप-खण्ड (i) दिनांक 21.01.2016- जीएसआर संख्या 96 (ई), में प्रकाशित की गयी थी और इसे बाद में निम्नलिखित द्वारा संशोधित किया गया, यथा: - जीएसआर संख्या 570 (ई) दिनांक 01.06.2018 |