विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2016 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा. 382/2016-आरबी 02 जनवरी 2017 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (ए) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 (7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी-2004) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात :- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ:- (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2016 कहलाएंगे। (ii) वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे। 2. विनियम में संशोधन मूल विनियमावली में, विनियम 6 में, उप-विनियम (2) में, मौजूदा खंड (vi) के पश्चात निम्नलिखित को जोड़ा जाएगा, अर्थात: “(vii) भारतीय पार्टी किसी ऐसी समुद्रपारीय एंटिटी [विदेश में स्थापित अथवा अधिग्रहित किए गए संयुक्त उद्यम (JV) / पूर्ण-स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS) में प्रत्यक्ष रूप में अथवा उप-अनुषंगी सहायक कंपनी (SDS) में अप्रत्यक्ष रूप में] में प्रत्यक्ष निवेश नहीं करेगी जो उन देशों में अवस्थित है, जिनकी वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) द्वारा “असहयोगी देश एवं प्रदेश” के रूप में पहचान की गई है और इसकी सूची वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की वेबसाइट www.fatf-gafi.org पर उपलब्ध है अथवा समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस बारे में अधिसूचित किया जाता है। ” (शेखर भटनागर) पाद-टिप्पणी :- मूल विनियमावली 19 नवंबर 2004 के जी.एस.आर.सं.757(अ), भाग ।।, खंड 3, उप-खंड (i) के तहत सरकारी राजपत्र में प्रकाशित हुई थी और तत्पश्चात निम्नलिखित द्वारा संशोधित की गयी:- जी.एस.आर. सं. 220 (अ) दिनांक अप्रैल 7, 2005 |