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विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2007

भारतीय रिज़र्व बैंक
(विदेशी मुद्रा विभाग)
केद्रीय कार्यालय
मुंबई

अधिसूचना सं.फेमा.170/2007-आरबी

13 नवंबर 2007

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी प्रतिभूति
का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2007

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक , विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 20/आरबी-2000) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :-

(i) ये विनियम , विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2007 कहलाएगी।

(ii) ये विनियम सरकारी राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे ।

2. विनियमावली में संशोधन :-

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/आरबी-2000) की अनुसूची के पैराग्राफ 8 में स्पष्टीकरण के बाद निम्नलिखित परंतुकअंत:स्थापित किये जायेंगे :-

(क) " बशर्ते कि यदि आवक विप्रेषण की प्राप्ति तारीख से 180 दिनों के भीतर शयेर अथवा परिवर्तनीय बाँड जारी नहीं किये जाते अथवा एनआरई/एफसीएनआर( बैंक)खाते को डेविट नहीं किया जाता है तो आवक विप्रेषण से प्राप्त राशि सामान्य बैंकिंग चैनेल से जावक विप्रेषण के जरिये अथवा एनआरई/एफसीएनआर( बैंक)खाते को क्रेडिट करके , यथास्थिति, संबंधित व्यक्ति को वापस कर दी जायेगी ।

इसके अतिरिक्त , यदि ऐसी राशि विप्रेषण की प्राप्ति तारीख से 180 दिनों से अधिक बकाया रही हो तो रिजर्व बैंक , पर्याप्त कारण देते हुए एक आवेदनपत्र देने पर किसी भारतीय कंपनी को विप्रेषण से प्राप्त राशि प्रतिभूति जारी करके वापस करने की अनुमति दे सकता है ।

सलीम गंगाधरन
प्रभारी-मुख्य महाप्रबंधक


पाद टिप्पणी :

मूल विनियमावली सरकारी राजपत्र के भाग ।।, धारा 3, उप-धारा (i)में 8 मई 2000 के सं.सा.का.नि.406(अ) के जरिये प्रकाशित की गयी और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित की गयी :

दिनांक :

02.03.2001

के सं.सा.का.नि.158 (अ) 

दिनांक :

13.03.2001

के सं.सा.का.नि. 175(अ) 

दिनांक :

14.03.2001

के सं.सा.का.नि. 182(अ) 

दिनांक :

02.01.2001

के सं.सा.का.नि.04 (अ) 

दिनांक :

19.08.2002

के सं.सा.का.नि. 574(अ) 

दिनांक :

18.03.2003

के सं.सा.का.नि. 223(अ) 

दिनांक :

18.03.2003

के सं.सा.का.नि.225 (अ) 

दिनांक :

22.07.2003

के सं.सा.का.नि.558 (अ) 

दिनांक :

23.10.2003

के सं.सा.का.नि.835 (अ) 

दिनांक :

22.11.2003

के सं.सा.का.नि.899 (अ) 

दिनांक :

07.01.2004

के सं.सा.का.नि.12 (अ) 

दिनांक :

23.04.2004

के सं.सा.का.नि. 278(अ) 

दिनांक :

16.07.2004

के सं.सा.का.नि.454 (अ) 

दिनांक :

21.09.2004

के सं.सा.का.नि. 625(अ) 

दिनांक :

08.12.2004

के सं.सा.का.नि. 799(अ) 

दिनांक :

01.04.2005

के सं.सा.का.नि.201 (अ) 

दिनांक :

01.04.2005

के सं.सा.का.नि. 202(अ) 

दिनांक :

25.07.2005

के सं.सा.का.नि.504 (अ) 

दिनांक :

25.07.2005

के सं.सा.का.नि.505 (अ) 

दिनांक :

29.07.2005

के सं.सा.का.नि.513 (अ) 

दिनांक :

22.12.2005

के सं.सा.का.नि.738 (अ) 

दिनांक :

19.01.2006

के सं.सा.का.नि.29 (अ) 

दिनांक :

11.07.2006

के सं.सा.का.नि. 413(अ) 


सरकारी राजपत्र-असाधारण- भाग ।।,खंड 3, उप-खंड (i)में
29.11.2007 की सं.सा.का.नि.737(ङ) द्वारा प्रकाशित

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