RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79231251

भारत में विदेशी निवेश - भारतीय कंपनियों में कुल विदेशी निवेश, भारतीय कंपनियों के स्वामित्व के अंतरण और नियंत्रण एवं भारतीय कंपनियों द्वारा डाउनस्ट्रीम निवेश की गणना के लिए दिशानिर्देश

भारिबैंक/2013-14/251
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 42

12 सितंबर 2013

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय

भारत में विदेशी निवेश - भारतीय कंपनियों में कुल विदेशी निवेश, भारतीय कंपनियों के स्वामित्व के अंतरण और नियंत्रण एवं भारतीय कंपनियों द्वारा डाउनस्ट्रीम निवेश की गणना के लिए दिशानिर्देश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 4 जुलाई 2013 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 1 के संलग्नक के पैरा 6(ii) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो ऐसी भारतीय कंपनी द्वारा डाउनस्ट्रीम निवेश करने से संबंधित है जिसका स्वामित्व और/अथवा नियंत्रण निवासी एंटिटी/ एंटिटीज के पास नहीं है।

2. इस नीति की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि उल्लिखित पैरा की मद सं. (डी) में दी गयी शर्त में संशोधन किया जाए। संशोधित शर्त संलग्नक में दी गयी है।

3. 4 जुलाई 2013 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 1 में निहित सभी अन्य शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें।

5. रिज़र्व बैंक ने अब विनियमावली में संशोधन कर दिया है तथा 27 अगस्त 2013 की अधिसूचना सं.फेमा.284/2013-आरबी के जरिए उसे अधिसूचित किया है और जिसे 6 सितंबर 2013 के जी.एस.आर.596 के द्वारा अधिसूचित किया गया है।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।

भवदीय

(सी. डी. श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


[12.9.2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़)
परिपत्र सं. 42 का संलग्नक]

4 जुलाई 2013 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 1 का संलग्नक देखें

पूर्ववर्ती शर्त

संशोधित शर्त

पैरा ई 6(ii)(घ)

डाउनस्ट्रीम निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों को डाउनस्ट्रीम निवेश के प्रयोजन के लिए अपेक्षित निधियां विदेशों से लानी होंगी और वे घरेलू (भारतीय) बाज़ार से ली गई निधियों का प्रयोग इसके लिए नहीं करेंगी। हालांकि, इससे डाउनस्ट्रीम कंपनियों की परिचालक कंपनियों को भारतीय बाज़ार से कर्ज़ लेने से रोका नहीं जाएगा। किसी भारतीय कंपनी द्वारा आंतरिक उपचयों (accruals) से डाउनस्ट्रीम निवेश केवल तभी स्वीकार्य है, जब वह किसी दूसरी भारतीय कंपनी/कंपनियों की पूंजी में केवल निवेश करने का कार्य करती हो और जब वह ऊपर दिए प्रावधानों तथा नीचे दिए गए वर्णन के अनुसार होः

डाउनस्ट्रीम निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों को डाउनस्ट्रीम निवेश के प्रयोजन के लिए अपेक्षित निधियां विदेशों से लानी होंगी और वे घरेलू (भारतीय) बाज़ार से ली गई निधियों का प्रयोग इसके लिए नहीं करेंगी। हालांकि, इससे डाउनस्ट्रीम कंपनियों की परिचालक कंपनियों को भारतीय बाज़ार से कर्ज़ लेने से रोका नहीं जाएगा। किसी भारतीय कंपनी द्वारा आंतरिक उपचयों (accruals) से डाउनस्ट्रीम निवेश केवल तभी स्वीकार्य है, जब वह खंड 6 (i) के उपबंधों तथा नीचे दिए गए वर्णन के अनुसार होः

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?