भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/175 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.08 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार भारत में निवास करने वाला कोई व्यक्ति यदि उपहार के रूप में किसी प्रतिभूति का अंतरण भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति को करने का प्रस्ताव करता है तो उससे अपेक्षित है कि वह पूर्वानुमति हेतु रिज़र्व बैंक को आवेदन करे । 2. विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 के अंतर्गत व्यक्तियों को सुलभ सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है कि भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों को अपने घनिष्ठ संबंधियों/रिश्तेदारों जो अनिवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति हैं (कंपनी अधिनियम,1956 की धारा 6 में यथा परिभाषित रिश्तेदार) को शेयर/प्रतिभूति, परिवर्तनीय डिबेंचरों, आदि को उपहार में देने की आम अनुमति, कतिपय शर्तों के तहत, प्रदान की जा सकती है । 3. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि भारत में निवास करने वाला कोई व्यक्ति जो भारत से बाहर निवास करने वाले किसी व्यक्ति को उपहार के तौर पर शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों सहित कोई प्रतिभूति अंतरित करने का प्रस्ताव करता है, वह इसके लिए अब तक की भाँति रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति प्राप्त करेगा । हांलाकि, अंतरणकर्ता द्वारा उपहार के रूप में भारत से बाहर के किसी निवासी को अंतरित प्रतिभूतियों सहित एक कैलेण्डर वर्ष में अंतरित प्रतिभूतियों का मूल्य जो अधिकतम 25000 अमरीकी डॉलर था, वह अब बढ़ाकर प्रति वित्तीय वर्ष 50,000 अमरीकी डॉलर कर दिया गया है । 4. 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 10ए(ए) में विनिर्दिष्ट सभी अन्य शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी । 5. 3 मई 2000 की रिज़र्व बैंक की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों/घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 7. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीया, (मीना हेमचंद्र) |