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इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों में विदेशी निवेश

भारिबैंक/2011-12/271
ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.49

22 नवंबर 2011

सभी श्रेणी- I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/ महोदय,

इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों में विदेशी निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000, , की अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है। इस अधिसूचना के अनुसार कोई विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी) के पास पंजीकृत है और अनिवासी भारतीय शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों से भिन्न अन्य प्रतिभूतियों में, तत्संबंध में निहित शर्तों और भारतीय रिज़र्व बैंक तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा, समय-समय पर, विनिर्दिष्ट सीमाओं के तहत, निवेश कर सकते हैं।

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान 9 अगस्त 2011 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.8 तथा 3 नवंबर 2011 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 42 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशकों (उसमें यथा परिभाषित अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशकों, सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) तथा विदेशी जोखिम पूंजी निवेशकों (एफवीसीआई) से भिन्न) जो अपने ग्राहक को जानने (केवाईसी) संबंधी सेबी की अपेक्षाओं को पूरा करते हैं, को घरेलू मुचुअल फंडों की युनिटों में निवेश करने के लिए अनुमति दी गयी है ।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि पात्र अनिवासी निवेशकों को ( नीचे पैरा 3 में यथा उल्लिखित) (i)भारतीय कंपनी के रूप में स्थापित एवं भारतीय रिज़र्व बैंक के पास गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसीएस) के रूप में पंजीकृत कंपनी द्वारा स्थापित इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों द्वारा जारी रुपया तथा विदेशी मुद्रा में मूल्यवर्गीकृत बांडों (ii) सेबी के पास पंजीकृत घरेलू मुचुअल फंडों के रूप में गठित इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों द्वारा जारी रुपये में मूल्यवर्गीकृत युनिटों में प्रत्यावर्तनीय आधार पर सेबी द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी शर्तों के अनुसार निवेश करने के लिए अनुमति दी जाए ।

ये निवेश निम्नलिखित शर्तों के अधीन होंगे ।

3.पात्र अनिवासी निवेशक

ए) सरकारी धन-निधि, बहुद्देशी एजेंसीज, पेंशन फंड, बीमा निधियों तथा धर्मादा निधि जो सेबी के पास इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों ( इसके आगे 'इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों में सेबी के पास पंजीकृत पात्र अनिवासी निवेशक' के रूप में उल्लिखित ) में पात्र अनिवासी निवेशक के रूप में पंजीकृत हैं ।

बी) सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई)।

सी) विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 20/2000-आरबी) समय-समय पर यथा संशोधित, में यथा परिभाषित अनिवासी निवेशक (एनआरआइएस) ।

डी) सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों के उप-खाता धारक के रूप में पंजीकृत उच्च मालियतवाले व्यक्ति अथवा भारत में आईडीएफ में निवेश के लिए पात्र अनिवासी के तौर पर सेबी के पास अलग से पंजीकृत उच्च मालियतवाले व्यक्ति ।

4.इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों में निवेश हेतु अनिवासी निवेशक के लिए पात्र लिखत/प्रतिभूतियां

पात्र अनिवासी निवेशक

(i) इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों में निवेश हेतु सेबी के पास पंजीकृत पात्र अनिवासी निवेशक (उपर्युक्त 3(ए) के अनुसार)

पात्र लिखत

इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों द्वारा जारी विदेशी मुद्रा तथा रुपया मूल्यवर्गीकृत बांड और रुपया मूल्यवर्गीकृत युनिटें

(ii) सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक जो उपर्युक्त (i) के अनुसार अर्हताप्राप्त हैं

इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों द्वारा जारी विदेशी मुद्रा तथा रुपया मूल्यवर्गीकृत बांड और रुपया मूल्यवर्गीकृत युनिटें

(iii) सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक जो उपर्युक्त (i) के अनुसार अर्हताप्राप्त
नहीं है

इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों द्वारा जारी रुपया मूल्यवर्गीकृत बांड और युनिटें

(iv) अनिवासी भारतीय

इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों द्वारा जारी रुपया मूल्यवर्गीकृत बांड और युनिटें

(v) उच्च मालियत वाले व्यक्ति(3 (डी) के अनुसार)

इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों द्वारा जारी विदेशी मुद्रा तथा रुपया मूल्यवर्गीकृत बांड और रुपया मूल्यवर्गीकृत युनिटें

5.मूल/प्रारंभिक परिपक्वता

किसी अनिवासी निवेशक द्वारा उल्लिखित सभी प्रतिभूतियों में प्रथम निवेश के समय से मूल/प्रारंभिक परिपक्वता अवधि पांच वर्ष होगी ।

6. अवरुद्धता अवधि

उल्लिखित प्रतिभूतियों में सभी अनिवासी निवेश तीन वर्षों की अवरुद्धता अवधि की शर्त पर होंगे । तथापि, सभी अनिवासी निवेशक तीन वर्षों की अवरुद्धता अवधि के भीतर आपस में इनका व्यापार कर सकते हैं ।

7. विदेशी मुद्रा में मूल्यवर्गीकृत बांड

इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों द्वारा जारी विदेशी मुद्रा मूल्यवर्गीकृत बांडों को रिपोर्टिंग अपेक्षाओं के अलावा बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) के लिए मौजूदा फेमा दिशानिर्देशों/विनियमों के तहत सभी शर्तों (समग्र लागत सहित) का अनुपालन करना होगा ।

8. इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों में अनिवासी निवेश के लिए मात्रा संबंधी (परिमाणात्मक) सीमाएं

ए) इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों में सभी अनिवासी निवेश (अनिवासी भारतीय से भिन्न) (दोनों रुपया और विदेशी मुद्रा मूल्यवर्गित प्रतिभूतियों दोनों में) 10 बिलियन अमरीकी डालर की समग्र उच्चतम सीमा के भीतर होने चाहिए । 10 बिलियन अमरीकी डालर की यह सीमा इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र (जहां "इंफ्रास्ट्रक्चर" शब्द का अर्थ मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी दिशानिर्देशों में यथापरिभाषित "इंफ्रास्ट्रक्चर" शब्द से है) की भारतीय कंपनियों द्वारा अथवा इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों द्वारा (भारतीय रिज़र्व बैंक के पास गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के रूप में पंजीकृत आइएफसीएस) जारी बांडों/अपरिवर्तनीय डिबेंचरों में विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेश के लिए 25 बिलियन अमरीकी डालर की समग्र उच्चतम सीमा के भीतर होगी ।

बी) इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों में रुपये में मूल्यवर्गीकृत बांडों/युनिटों के रूप में अनिवासी भारतीयों हेतु निवेश करने के लिए कोई सीमा नहीं है ।

9. अन्य शर्तें

(ए) अंतिम उपयोग

(i) गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के रूप में गठित इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियां केवल ऐसी पब्लिक प्राइवेट साझेदारी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की ऋण प्रतिभूतियों में निवेश कर सकती है जिनके पास बायआउट गारंटी है और जिन्होंने कम से कम एक वर्ष वाणिज्यिक परिचालन किये हों । इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (डेट) निधियों द्वारा पुनर्वित्तीयन रियायत करार द्वारा कवर्ड कुल ऋण के 85% तक होगा ।

(ii) मुचुअल फंड के रूप में गठित इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियां इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों अथवा सभी इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों के बीच विशेष प्रयोजन कंपनी, परियोजना स्तरों और परियोजना प्रकारों की ऋण प्रतिभूतियों में अपनी निधियों के न्यूनतम 90% तक निवेश कर सकती हैं ।

(जहां "इंफ्रास्ट्रक्चर" शब्द का अर्थ मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी दिशानिर्देशों में यथापरिभाषित "इंफ्रास्ट्रक्चर" शब्द से है)

(बी) विदेशी मुद्रा हेजिंग

विदेशी मुद्रा हेजिंग की सुविधा पात्र अनिवासी इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (debt) निधियों के निवेशकों, इंफ्रास्ट्रक्चर कर्ज (डेट) निधियों के साथ ही साथ विदेशी मुद्रा/मुद्रा जोखिम वाली इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना कंपनियों को 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/2000/आरबी, समय समय पर यथा संशधोधित, के तहत मौजूदा उपबंधों के अनुसार उपलब्ध होगी ।

10.प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से संबंधित अपने घटकों/ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें।

11. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी) में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।

12. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं ।

भवदीया,

(मीना हेमचंद्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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