वायदा संविदा- भारतीय कंपनियों में अनिवासियों के निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
वायदा संविदा- भारतीय कंपनियों में अनिवासियों के निवेश
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.28 17 अक्तूबर 2003 सेवा में महोदय/ महोदया वायदा संविदा- भारतीय कंपनियों में अनिवासियों के निवेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 16 नवंबर 2002 के ए.पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 50 के साथ पठित 3 मई 2000 की अधिसूचना फेमा सं.25/आरबी-2000 के विनियम 5 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. यह निर्णय लिया गया है कि भारत से बाहर रहने वाले निवासी व्यक्तियों को, जिनके भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हैं, भारतीय कंपनियों में किये गये उनके निवेशों पर मिलने वाले लाभांश की मुद्रा जोखिम से बचाव के लिए नियत मुद्राओं में से रुपया करेंसी की ,प्राधिकृत व्यापारियों के साथ वायदा-संविदा करने की अनुमति प्रदान की जाए। संबंधित कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा लाभांश की दर अनुमोदित किये जाने के बाद ही वायदा कवर लिया जा सकेगा। 3. विदेशी मुदा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदाएं) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं। 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों को अवगत कराएं। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुदा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन जारी किए गए हैं। भवदीया (ग्रेस कोशी ) |