जमा योजनाओं की पूर्ण परिवर्तनीयता - एनआरएनआर /एनआरएसआर खाते - स्पष्टीकरण
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.60 दिसंबर 10, 2002 सेवा में महोदया/महोदय, जमा योजनाओं की पूर्ण परिवर्तनीयता - प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मार्च 4, 2002 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.28 और इस विषय में समय समय पर जारी स्पष्टीकरण की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2.जमा योजनाओं के कार्यकारी पहलुओं से संबंधित, प्राधिकृत व्यापारियों के प्रश्नों के बारे में हमारा स्पष्टीकरण इस प्रकार है i) अतिदेय एनआरएनआर जमा का नवीकरण चूंकि प्राधिकृत व्यापारी एनआरएनआर योजना के अंतर्गत अप्रैल 1, 2002 से नवीकरण अथवा अन्य किसी प्रकार से कोई नई जमा राशि नहीं स्वीकार कर सकते हैं इसलिए अतिदेय एनआरएनआर जमा नवीकृत नहीं की जानी चाहिए। यदि परिपक्व अथवा अतिदेय एनआरएनआर जमा अप्रैल 1, 2002 के बाद नवीकरण के लिए प्रस्तुत की जाती है तो वह जमा धारक के एनआरई खाते में प्रस्तुत करने की तारीख को जमा कर दी जाए। ii) परिपक्व एनआरएनआर ज़मा को एनआरई खाते में एनआरएनआर जमा की परिपक्व रकम जो एनआरई खाते में जमा की गई है बाद में एफसीएनआर (आ) खाते में मई 3, 2000 की भारतीय रिज़र्व बैंक की अधिसूचना सं.फेमा.5/2000-आरबी की अनुसूची 1 के पैरा 4 (ग) के अनुसार अंतरित की जा सकती है। iii) एनआरएनआर खातों की परिपक्व आय का प्रत्यावर्तन यदि एनआरएनआर जमाकर्ता एनआरई खाताधारी नहीं है तो उसे एनआरएनआर जमा की परिपक्वता आय को भारत से बाहर प्रत्यावर्तित करने की अनुमति दी जा सकती कहै। iv) परिपक्व एनआरएनआर जमा को आरएफसी खाते में जमा करना अब निवासी हो चुके एनआरएनआर जमाधारकों की, अप्रैल 1, 2002 अथवा उसके बाद परिपक्व होने वाली एनआरएनआर जमाराशि उनके आरएफसी खाते में जमा की जा सकती है। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें। 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय, (ग्रेस कोशी) |
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