स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, 2015 - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, 2015
आरबीआई/2017-18/79 17 अक्तूबर 2017 सभी एजेंसी बैंक महोदय/महोदया स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, 2015 उपर्युक्त विषय पर कृपया 22 अक्तूबर 2015 के भारतीय रिज़र्व बैंक के मास्टर दिशानिर्देश सं.डीबीआर.आईबीडी.सं.45/23.67.003/2015-16 (31 मार्च 2016 तक अद्यतन) के साथ पठित 6 मार्च 2017 के डीजीबीए के परिपत्र डीजीबीए.जीबीडी.सं. 2294/15.04.001/2016-17 का संदर्भ देखें। 2. यह निर्णय लिया गया है कि मध्यावधि और दीर्घावधि की सरकारी जमाराशियों (एमएलटीजीडी) के संबंध में बैंकों द्वारा किए गए भुगतानों की केंद्रीय लेखा अनुभाग (सीएएस), भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर द्वारा प्रतिपूर्ति की जाए। 3. तदनुसार बैंकों सूचित किया जाता है कि वे जमाकर्ताओं को पहले से ही देय ब्याज की राशि का तुरंत भुगतान कर दें और इसे नोट कर लें कि भविष्य में जमाकर्ताओं को ब्याज का भुगतान देय तारीख को ही कर दिया जाए। भुगतान करने के बाद बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक (केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर) के माध्यम से सरकार के समक्ष दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। भवदीय (डी.जे.बाबू) |