मास्टर निदेश का पैरा
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मौजूदा प्रावधान
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संशोधित प्रावधान
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बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 35क के अधीन भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा "स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस)" के संबंध में दिनांक 15 सितंबर 2015 को कार्यालय ज्ञापन एफ.सं.20/6/2015-एफटी के द्वारा जारी केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसरण में भारतीय रिज़र्व बैंक इससे आश्वस्त होने पर कि यह लोक हित में है, एतद् द्वारा सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) यह निदेश जारी करता है।
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बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 35क के अधीन भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा "स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस)" के संबंध में दिनांक 15 सितंबर 2015 को कार्यालय ज्ञापन एफ.सं.20/6/2015-एफटी और दिनांक 25 मार्च 2025 की प्रेस विज्ञप्ति आईडी 2115009 के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक इससे आश्वस्त होने पर कि यह लोक हित में है, एतद् द्वारा सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) यह निदेश जारी करता है।
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1.3. (v)
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मध्यम और दीर्घावधि सरकारी जमा (एमएलटीजीडी) – प्राधिकृत बैंक में केंद्र सरकार के खाते में 5-7 वर्ष की मध्यम अवधि अथवा 12-15 वर्ष की दीर्घावधि, अथवा केंद्र सरकार द्वारा समय- समय पर निर्धारित की जाने वाली इस प्रकार की अवधि के लिए जीएमएस के अंतर्गत जमा किया गया स्वर्ण।
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मध्यम और दीर्घावधि सरकारी जमा (एमएलटीजीडी) – प्राधिकृत बैंक में केंद्र सरकार के खाते में 5-7 वर्ष की मध्यम अवधि अथवा 12-15 वर्ष की दीर्घावधि, अथवा केंद्र सरकार द्वारा समय- समय पर निर्धारित की जाने वाली इस प्रकार की अवधि के लिए जीएमएस के अंतर्गत जमा किया गया स्वर्ण। भारत सरकार द्वारा 26 मार्च 2025 से नवीनीकरण सहित एमएलटीजीडी का संग्रहण बंद कर दिया है।
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2.2.2. (ii)
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इस श्रेणी के अंतर्गत जमाएं केंद्र सरकार की ओर से प्राधिकृत बैंक द्वारा स्वीकार की जाएंगी। सीपीटीसी द्वारा जारी रसीदों तथा प्राधिकृत बैंक द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्र में इसकी स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।
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इस श्रेणी के अंतर्गत जमाएं केंद्र सरकार की ओर से प्राधिकृत बैंक द्वारा स्वीकार की जाएंगी। सीपीटीसी/ जीएमसीटीए द्वारा जारी रसीदों तथा प्राधिकृत बैंक द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्र में इसकी स्पष्ट जानकारी दी जाएगी। इस श्रेणी के अंतर्गत जमाराशि का संग्रहण, जिसमें नवीकरण भी शामिल है, 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है। 25 मार्च 2025 तक एमएलटीजीडी (निम्नलिखित पैरा 2.3 के साथ पढ़ें) इस निदेश के प्रासंगिक प्रावधानों द्वारा शासित होती रहेगी।
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2.2.2 (vii)
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केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 05 नवंबर 2016 से अगली सूचना तक प्राधिकृत बैंकों को एमएलटीजीडी के लिए 1.5% की एक समान दर पर हैंडलिंग प्रभार (स्वर्ण की शुद्धता की जांच करने, परिष्करण, परिवहन, भंडारण तथा अन्य संबंधित लागतों सहित) तथा योजना के अंतर्गत जुटाए गए स्वर्ण के बराबर भारतीय रुपये में राशि के 1% कमीशन का भुगतान किया जाए। जमाओं के नवीनीकरण के मामले में, चूंकि बैंक शुद्धता परीक्षण, शोधन, परिवहन, भंडारण और बीमा आदि पर कोई खर्च नहीं उठाएंगे, अत: बैंकों को नवीनीकरण की तिथि पर उनकी प्रशासनिक और खाता रखरखाव लागत के प्रति सोने की राशि के बराबर रुपये का केवल 1% का एक निश्चित कमीशन दिया जाएगा।
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केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 05 नवंबर 2016 से जमाराशि स्वीकार किए जाने तक प्राधिकृत बैंकों को नए एमएलटीजीडी के लिए 1.5% की एक समान दर पर हैंडलिंग प्रभार (स्वर्ण की शुद्धता की जांच करने, परिष्करण, परिवहन, भंडारण तथा अन्य संबंधित लागतों सहित) तथा योजना के अंतर्गत जुटाए गए स्वर्ण के बराबर भारतीय रुपये में राशि के 1% कमीशन का भुगतान किया जाए। दिनांक 25 मार्च 2025 तक या उससे पूर्व जमाराशि के नवीनीकरण के मामले में, शुद्धता परीक्षण, परिष्करण, परिवहन, भंडारण और बीमा आदि पर बैंकों को कोई व्यय नहीं करना होगा, इसलिए बैंकों को नवीनीकरण की तिथि पर उनकी प्रशासनिक और खाता रखरखाव लागत के लिए सोने की राशि के बराबर रुपये का 1% का एक निश्चित कमीशन दिया जाएगा।
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2.3.
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स्वर्ण जमा खाते खोलना
ग्राहक पहचान के संबंध में स्वर्ण जमा खाते खोलना उन्हीं नियमों के अधीन होगा, जो अन्य किसी भी जमा खाते के संबंध में लागू हैं। ऐसे जमाकर्ता, जिनका प्राधिकृत बैंक में अन्य कोई खाता नहीं है, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित केवाईसी मानदंडों को पूरा करने के बाद, सीपीटीसी/ जीएमसीटीए में स्वर्ण सुपुर्द करने से पहले किसी समय प्राधिकृत बैंक में शून्य शेष के साथ स्वर्ण जमा खाता खोलेंगे।
प्राधिकृत बैंक इस तथ्य पर ध्यान दिए बिना कि जमाकर्ता जमा प्रमाणपत्र जारी करने की रसीद प्रस्तुत करता है या नहीं, सीपीटीसी/ जीएमसीटीए में स्वर्ण प्राप्त होने से 30 दिन के बाद एसटीबीडी या एमएलटीजीडी, जैसा भी मामला हो, में 995 परिशुद्धता वाले स्वर्ण की राशि जमा करेंगे, जैसाकि सीपीटीसी/ जीएमसीटीए से प्राप्त सूचना में सूचित किया गया हो।
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स्वर्ण जमा खाते खोलना
ग्राहक पहचान के संबंध में स्वर्ण जमा खाते खोलना उन्हीं नियमों के अधीन होगा, जो अन्य किसी भी जमा खाते के संबंध में लागू हैं। ऐसे जमाकर्ता, जिनका प्राधिकृत बैंक में अन्य कोई खाता नहीं है, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित केवाईसी मानदंडों को पूरा करने के बाद, सीपीटीसी/ जीएमसीटीए में स्वर्ण सुपुर्द करने से पहले किसी समय प्राधिकृत बैंक में शून्य शेष के साथ स्वर्ण जमा खाता खोलेंगे।
प्राधिकृत बैंक इस तथ्य पर ध्यान दिए बिना कि जमाकर्ता जमा प्रमाणपत्र जारी करने की रसीद प्रस्तुत करता है या नहीं, सीपीटीसी/ जीएमसीटीए में स्वर्ण प्राप्त होने से 30 दिन के बाद एसटीबीडी या एमएलटीजीडी, जैसा भी मामला हो, में 995 परिशुद्धता वाले स्वर्ण की राशि जमा करेंगे, जैसाकि सीपीटीसी/ जीएमसीटीए से प्राप्त सूचना में सूचित किया गया हो बशर्ते कि एमएलटीजीडी के मामले में, सीपीटीसी/जीएमसीटीए द्वारा जारी जमाराशि रसीद 25 मार्च 2025 या उससे पहले की हो।
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2.4.
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एमएलटीजीडी के नवीकरण/मोचन के लिए दिशानिर्देश
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एमएलटीजीडी के मोचन के लिए दिशानिर्देश
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2.4.i. (c)
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नामित बैंक जमाकर्ताओं को पत्र और अन्य माध्यमों (जैसे एसएमएस, ईमेल, फ़ोन कॉल आदि, जहाँ भी विवरण उपलब्ध हों) के माध्यम से मोचन तिथि से कम से कम 120 दिन पहले मोचन के बारे में सूचित करेंगे और उनसे मोचन या नवीनीकरण के लिए अपनी प्राथमिकता पर 30 दिनों के भीतर अपना जवाब देने को कहेंगे। बैंक को अपने पत्र में, अपनी राज्यवार शाखाओं की सूची शामिल करनी चाहिए जहाँ स्वर्ण मोचन की सुविधा उपलब्ध है, साथ ही स्वर्ण मोचन के लिए जमाकर्ता द्वारा वहन किए जाने वाले अतिरिक्त प्रशासनिक शुल्कों का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए। जमाकर्ता को अपने पत्र में, बैंक निम्नलिखित विकल्पों के बारे में पूछेगा:
i. नवीनीकरण या मोचन
ii. सोने या भारतीय रुपये में मोचन (केवल उन जमाकर्ताओं के लिए जिन्होंने जमा के समय सोने में मोचन की मांग की थी), साथ ही उस शाखा का नाम जहां से जमाकर्ता सोना प्राप्त करेगा, जैसा भी लागू हो
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नामित बैंक द्वारा जमाकर्ताओं को पत्र और अन्य माध्यमों (जैसे एसएमएस, ईमेल, फोन कॉल आदि, जहां भी विवरण उपलब्ध हो) से मोचन तिथि से कम से कम 120 दिन पहले मोचन के बारे में सूचित किया जाएगा और उनसे मोचन हेतु वरीयता के लिए 30 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया प्रेषित करने के लिए कहा जाएगा। बैंक को अपने पत्र में राज्यवार अपनी शाखाओं की सूची शामिल करनी चाहिए जहां सोने में मोचन की सुविधा उपलब्ध है, साथ ही सोने में मोचन के लिए जमाकर्ता द्वारा वहन किए जाने वाले अतिरिक्त प्रशासनिक शुल्क को भी स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट करना चाहिए। बैंक द्वारा जमाकर्ता से सम्प्रेषण में सोना अथवा भारतीय रुपये में मोचन का विकल्प (केवल उन जमाकर्ताओं के लिए जिन्होंने जमा करते समय स्वर्ण में मोचन मांगा हो) मांगने के साथ ही, यथा लागू, उस शाखा का नाम भी पूछा जाएगा जहां से जमाकर्ता द्वारा सोना प्राप्त किया जाएगा।
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2.4.i. (d)
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जमाकर्ता को एमएलटीजीडी के मोचन/नवीनीकरण/समयपूर्व समापन के लिए संबंधित नामित बैंक द्वारा जारी मूल जमा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
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जमाकर्ता को एमएलटीजीडी के मोचन/ समयपूर्व समापन के लिए संबंधित नामित बैंक द्वारा जारी मूल जमा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
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2.4.i. (h)
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पूर्वव्यापी प्रभाव से जमाराशियों के नवीनीकरण की अनुमति नहीं होगी। नामित बैंक उपर्युक्त पैरा 2.4.i.(सी) के अनुसार जारी किए जाने वाले पत्र में मौजूदा ग्राहकों से नवीनीकरण का विकल्प मांगेंगे।
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एमएलटीजीडी का नवीकरण 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है। पूर्वव्यापी प्रभाव से जमाराशि के नवीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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2.4.ii. (c)
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यदि जमाकर्ता बैंक को उसके 120 दिन के पूर्व सूचना (उपर्युक्त पैरा 2.4.i.(c) के अनुसार जारी) के प्रत्युत्तर में मोचन के तरीके (सोना या आईएनआर) के लिए कोई विकल्प नहीं बताता है, तो खाता खोलते समय दर्शाया गया विकल्प मान्य होगा। इसके अतिरिक्त, यदि ग्राहक द्वारा परिपक्वता तिथि पर सोना नहीं मोचन किया जाता है, तो ऐसा स्टॉक अधिकतम 60 दिनों की अवधि के लिए बैंक की हिरासत में रखा जाएगा। जमाकर्ता इस 60-दिवसीय अवधि के दौरान जमा राशि का नवीनीकरण कर सकता है, लेकिन उसे लागू प्रशासनिक शुल्क का भुगतान करना होगा (उपर्युक्त पैरा 2.4.ii.(b) देखें)। यदि जमाकर्ता नियत तिथि पर या परिपक्वता तिथि से 60 दिनों के भीतर जमा राशि का मोचन नहीं करता है और जमा राशि का नवीनीकरण भी नहीं करता है, तो मोचन स्वचालित रूप से INR में किया जाएगा और धनराशि संबंधित बैंक में जमाकर्ता के लिंक्ड बचत/चालू खाते में जमा कर दी जाएगी। सक्रिय बैंक खाता उपलब्ध न होने की स्थिति में, बैंक प्राथमिकता के आधार पर आरबीआई को इसकी सूचना देंगे।
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यदि जमाकर्ता बैंक को 120 दिन पहले दिए गए पत्र (जैसा कि ऊपर पैरा 2.4.i.(सी) में जारी किया गया है) के जवाब में मोचन के तरीके (सोना या भारतीय रुपये) के लिए कोई विकल्प नहीं इंगित करता है, तो खाता खोलते समय दर्शाया गया विकल्प मान्य होगा। इसके अलावा, यदि ग्राहक द्वारा परिपक्वता तिथि पर सोने का मोचन नहीं किया जाता है, तो ऐसा स्टॉक अधिकतम 60 दिनों की अवधि तक बैंक की अभिरक्षा में रखा जाएगा। यदि जमाकर्ता नियत तिथि पर या परिपक्वता तिथि से 60 दिनों के भीतर जमा राशि का मोचन नहीं करता है, तो मोचन स्वचालित रूप से भारतीय रुपये में किया जाएगा और धनराशि संबंधित बैंक में जमाकर्ता के सहब्द्ध (लिंक्ड) बचत/चालू खाते में जमा कर दी जाएगी। सक्रिय बैंक खाता उपलब्ध नहीं है तो प्राथमिकता देते हुए बैंक इसकी सूचना आरबीआई को देंगे।
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2.4.ii.e. (i)
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प्रत्येक बैंक को एमएलटीजीडी के तहत जुटाए गए सोने में से कम से कम अगले तीन महीनों में देय स्वर्ण मोचन के बराबर सोने का स्टॉक बनाए रखना होगा। एमएमटीसी को नीलामी के लिए एमएलटीजीडी सोना देने से पहले, प्रत्येक बैंक को RBI से पूर्व अनुमति लेनी होगी। भारत सरकार की ओर से, आरबीआई अगले तीन महीनों के लिए एमएलटीजीडी की मोचन आवश्यकता और सभी बैंकों के पास उपलब्ध कुल स्वर्ण स्टॉक का आकलन करने के बाद ऐसी अनुमति देगा।
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प्रत्येक बैंक को 25 मार्च 2025 तक एमएलटीजीडी के तहत जुटाए गए सोने में से कम से कम अगले 3 महीनों में देय सोने के मोचन के बराबर सोने का स्टॉक बनाए रखना होगा। मोचन के लिए पर्याप्त सोना उपलब्ध नहीं है तो बैंक को कम से कम 3 महीने पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से भारत सरकार के ध्यान में यह बात लानी होगी।
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2.4. (iv)
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जमा का नवीनीकरण - तौर-तरीके
ए) यदि कोई जमाकर्ता जीएमएस के अंतर्गत जमा को एमटीजीडी या एलटीजीडी के रूप में जारी रखने का इच्छुक है, तो उसे मूल स्वर्ण जमा के समय चुने गए विकल्प के बावजूद अपनी जमा राशि का नवीनीकरण करने की अनुमति दी जा सकती है। हालाँकि, पूर्वव्यापी प्रभाव से नवीनीकरण की अनुमति नहीं होगी।
बी) जमाकर्ता, बैंक के पत्र के प्रत्युत्तर में, निर्दिष्ट बैंक को जमा राशि के नवीनीकरण हेतु अपनी इच्छा के बारे में सूचित कर सकता है (ऊपर पैरा 2.4.i.(c) देखें)। बैंक, जमा की अवधि, मोचन विकल्प (सोना या भारतीय रुपये), और ब्याज भुगतान (समय-समय पर या परिपक्वता पर), आदि के संबंध में प्रासंगिक निर्देश प्राप्त करेगा।
सी) जमा राशि ऐसे अनुरोध की प्राप्ति की तिथि पर प्रचलित दर पर स्वीकार की जाएगी, न कि परिपक्वता तिथि से। ग्राहक बीच की अवधि के लिए ब्याज का दावा करने के लिए पात्र नहीं होगा।
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हटा दिया गया।
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2.4. (v)
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आंशिक नवीनीकरण और सोने/भारतीय रुपये में आंशिक मोचन - तौर-तरीके
ए) जमा राशि के एक भाग को पैरा 2.4.(iv) में उल्लिखित प्रक्रिया और शर्तों के अनुसार नवीकृत करने की भी अनुमति दी जा सकती है।
बी) जमाकर्ता द्वारा चुने गए विकल्प के अनुसार शेष स्वर्ण जमा राशि के मोचन की अनुमति दी जा सकती है। शेष राशि के लिए ऐसे मोचन अनुरोध पर क्रमशः स्वर्ण और भारतीय रुपये में मोचन हेतु पैरा 2.4.(ii) और 2.4.(iii) में उल्लिखित संबंधित शर्तों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है।
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हटा दिया गया।
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