सरकारी एजेंसी कारोबार/बिजनेस की व्यवस्था - अनुसूचित निजी क्षेत्र के बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक का एजेंसी बैंक के रूप में नियुक्ति - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी एजेंसी कारोबार/बिजनेस की व्यवस्था - अनुसूचित निजी क्षेत्र के बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक का एजेंसी बैंक के रूप में नियुक्ति
भा.रि.बैंक/2021-2022/36 10 मई 2021 भारत के सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय/महोदया सरकारी एजेंसी कारोबार/बिजनेस की व्यवस्था - अनुसूचित निजी क्षेत्र के बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक का एजेंसी बैंक के रूप में नियुक्ति कृपया उपर्युक्त विषय पर भारतीय रिज़र्व बैंक का दिनांक 31 जनवरी 2012 का परिपत्र आरबीआई/2011-2012/377; डीजीबीए. जीएडी.सं. एच-5029/42.01.033/2011-12 देखें। 2. इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि निजी क्षेत्र के बैंकों को और सरकारी कारोबार/बिजनेस का आवंटन के संबंध में वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस), वित्त मंत्रालय द्वारा सितंबर 2012 से जो प्रतिबंध लगाया गया था उसे 24 फरवरी 2021 के उनके पत्र के माध्यम से हटा दिया गया है। 3. उपर्युक्त गतिविधियों के आधार पर अनुसूचित निजी क्षेत्र के बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक का एजेंसी बैंक के रूप में नियुक्ति के संबंध में वर्तमान दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है और सरकारी कारोबार करने के लिए जिस पर एजेंसी कमीशन दिया जाता है, अनुसूचित निजी क्षेत्र के बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक का एजेंसी बैंक के रूप में प्राधिकृत करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश/फ्रेमवर्क निम्नानुसार है: (i) वर्तमान निजी क्षेत्र के एजेंसी बैंक (जिनका आरबीआई के साथ पहले से ही एजेंसी बैंकिंग करार किया हुआ है): (ए) ऐसे वर्तमान निजी क्षेत्र के एजेंसी बैंक जिसका कि आरबीआई के साथ पहले से ही एजेंसी बैंकिंग करार है और जो सिविल/गैर-सिविल मंत्रालय/विभाग (केंद्र सरकार के लिए) या राज्य सरकार के संबंधित विभाग (राज्य सरकार के लिए) के सरकारी एजेंसी कारोबार करने के लिए प्राधिकृत हैं, वे भारतीय रिज़र्व बैंक से कोई भी नया अनुमोदन लिए बिना केंद्र और/या राज्य सरकार के लिए सरकारी एजेंसी का कारोबार करते रहेंगे। (बी) इन वर्तमान निजी क्षेत्र के एजेंसी बैंकों को नया/अतिरिक्त सरकारी एजेंसी का कारोबार करने के लिए महालेखा नियंत्रक का कार्यालय (केंद्र सरकार के लिए) या राज्य सरकार के वित्त विभाग (राज्य सरकार के लिए) से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद उन्हें दिनांक 31 जनवरी 2012 के परिपत्र सं. आरबीआई/2011-2012/377; डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-5029/42.01.033/2011-12 के अनुसार सरकारी और बैंक लेखा विभाग, केंद्रीय कार्यालय से अनुमोदन प्राप्त करना होगा। (ii) अन्य निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए (जिनका आरबीआई के साथ एजेंसी बैंकिंग करार नहीं हुआ है) अनुसूचित निजी क्षेत्र के बैंक, जिनका भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ एजेंसी बैंकिंग करार नहीं है किंतु सरकारी एजेंसी कारोबार का प्रबंधन/कार्य करना चाहते हैं उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ करार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक एजेंट के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। यह इस शर्तों के अधीन किया जाएगा कि संबंधित बैंक आवेदन करते समय या आरबीआई के साथ करार पर हस्ताक्षर करते समय स्थगन (Moratorium) या त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) फ्रेमवर्क के अधीन नहीं है। (iii) किसी विशेष सरकारी एजेंसी कारोबार के लिए किसी एजेंसी बैंक (अनुसूचित निजी क्षेत्र के एजेंसी बैंक सहित) को अधिकारिक मान्यता देने का विकल्प पूरी तरह संबंधित केंद्र सरकार के विभागों/राज्य सरकारों पर होगा। साथ ही, भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचित करते हुए संबंधित एजेंसी बैंकों को सूचित करने (नोटिस) के बाद इस व्यवस्था को बंद करने का विकल्प सरकारी विभागों/राज्य सरकारों के पास होगा। (iv) किसी एजेंसी बैंक (अनुसूचित निजी क्षेत्र के एजेंसी बैंक सहित) को अधिकारिक मान्यता प्रदान करने में अपनाई जानेवाली प्रक्रिया निम्नानुसार होगी: ए) केंद्र सरकार/ केंद्र शासित प्रदेश के कारोबार के लिए: केंद्र सरकार/ केंद्र शासित प्रदेश के कारोबार के लिए संबंधित सिविल/गैर-सिविल मंत्रालय/विभाग एजेंसी बैंक के साथ इस व्यवस्था के लिए प्रस्ताव तैयार करे और एजेंसी बैंक की अधिकारिक मान्यता /नए/अतिरिक्त सरकारी एजेंसी कारोबार के प्रस्ताव को महालेखा नियंत्रक का कार्यालय को परीक्षण/जांच के लिए भेजें। महालेखा नियंत्रक का कार्यालय प्रस्ताव पर अपनी सिफारिशों के साथ सरकारी और बैंक लेखा विभाग, केंद्रीय कार्यालय को अग्रेषित करेगा और उस पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक एजेंसी बैंक को संबंधित सिविल/ गैर-सिविल मंत्रालय/विभाग को नए/ अतिरिक्त सरकारी एजेंसी कारोबार उपलब्ध कराने के लिए औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त बैंक के रूप में प्राधिकृत करेगा। बी) राज्य सरकार के कारोबार के लिए: राज्य सरकार के संबंधित विभाग इस व्यवस्था की तैयारी करें और राज्य सरकार के वित्त विभाग से संपर्क करें जो नए/अतिरिक्त सरकारी एजेंसी कारोबार उपलब्ध कराने/एजेंसी बैंक को आधिकारिक मान्यता प्रदान करने के प्रस्ताव पर भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय निदेशक को सिफारिश करेगा जो , इसे अपने अभिमतों के साथ सरकारी और बैंक लेखा विभाग, केंद्रीय कार्यालय को अनुमोदन और आगे की कार्रवाई के लिए भेजेगा। इस पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक एजेंसी बैंक को संबंधित राज्य सरकार को नए/ अतिरिक्त सरकारी एजेंसी कारोबार उपलब्ध कराने के लिए औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त बैंक के रूप में प्राधिकृत करेगा। (v) किसी बैंक को कोई सरकारी कारोबार के लिए एक बार आरबीआई द्वारा प्राधिकृत किया जाता है तो परिचालन का क्षेत्र और मोड (भौतिक या ई-मोड) के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक से अलग से अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है और इस संबंध में पर महालेखा नियंत्रक का कार्यालय (केंद्र सरकार के लिए) या राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचित करते हुए निर्णय लिया जाएगा । (vi) कृपया यह नोट किया जाए कि विभिन्न सरकारी पहलों और योजनाओं के आधार पर एजेंसी बैंकों की निष्पादन की समीक्षा सरकार द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ परामर्श कर समय-समय पर की जाएगी जिसके आधार पर सरकारी कारोबार करने के लिए संबंधित बैंक को दी गई अनुमति को सभवत: हटाया /समाप्त किया जा सकता है। 4. संशोधित दिशा-निर्देश इस परिपत्र की तिथि से लागू होगा। भवदीय (आर. कमलक्कण्णन) |