भारतीय स्टेट बैंक द्वारा श्रीलंका सरकार को प्रदत्त भारत सरकार से गारंटीप्राप्त मीयादी ऋण – भारतीय रुपये (आईएनआर) में निपटान - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा श्रीलंका सरकार को प्रदत्त भारत सरकार से गारंटीप्राप्त मीयादी ऋण – भारतीय रुपये (आईएनआर) में निपटान
भा.रि.बैंक/2022-23/53 19 मई 2022 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया / महोदय भारतीय स्टेट बैंक द्वारा श्रीलंका सरकार को प्रदत्त भारत सरकार से गारंटीप्राप्त मीयादी ऋण – भारतीय रुपये (आईएनआर) में निपटान प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2016 के विनियम 3 एवं 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके तहत यह अपेक्षित है कि एशियाई समशोधन संघ (एसीयू) के सदस्य देशों के बीच किए जाने वाले निर्यात/आयात लेनदेन एसीयू प्रणाली के माध्यम से किए जाएँ। 2. श्रीलंका से भुगतान प्राप्त करने में निर्यातकों को हो रही कठिनाइयों को देखते हुए तथा श्रीलंका द्वारा भारत से आवश्यक वस्तुओं की खरीद के वित्तपोषण हेतु भारत सरकार द्वारा गारंटीकृत 1000 मिलियन अमरीकी डॉलर के सावधि ऋण की मंजूरी हेतु श्रीलंका सरकार के साथ दिनांक 17 मार्च 2022 के भारतीय स्टेट बैंक के ऋण-सुविधा समझौते के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि श्रीलंका के साथ किए जा रहे इस तरह के व्यापारिक लेनदेन, जो उक्त व्यवस्था के तहत आते हैं, का निपटान एसीयू प्रणाली के बाहर भारतीय रुपये (आईएनआर) में किया जाए। 3. इस व्यवस्था के अंतर्गत, भारत से निर्यात हेतु पात्र वस्तुओं और सेवाओं, इस करार के तहत यथापरिभाषित, के वित्तपोषण की अनुमति प्रदान की जाएगी बशर्ते वे भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात के लिए पात्र हों और उनकी खरीद के लिए वित्तपोषण की सहमति एसबीआई द्वारा इस करार के तहत प्रदान की गयी हो। 4. उपर्युक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित सहभागियों को अवगत कराएं और उन्हें सूचित करें कि वे स्टेट बैंक भवन, कार्पोरट केंद्र, मदाम कामा रोड, नरीमन पॉइंट, मुंबई-400021 पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालय में जाकर अथवा https://sbi.co.in/web/international-banking/credit-finance/commercial-loans. पर लॉग ऑन करके उक्त ऋण व्यवस्था संबंधी विस्तृत ब्योरा प्राप्त कर लें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/ कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं। भवदीय (विवेक श्रीवास्तव) |