RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

110937167

परिचालन जोखिम प्रबंधन और परिचालन आघात-सहनीयता पर मार्गदर्शी नोट

आरबीआई/2024-25/31
विवि.ओआरजी.आरईसी.21/14.10.001/2024-25

अप्रैल 30, 2024

1. उद्देश्य

1.1 परिचालन जोखिम सभी बैंकिंग/वित्तीय उत्पादों, सेवाओं, गतिविधियों, प्रक्रियाओं और प्रणालियों में अंतर्निहित है। परिचालन जोखिम का प्रभावी प्रबंधन विनियमित संस्थाओं (आरई) के जोखिम प्रबंधन ढांचे का एक अभिन्न अंग है। परिचालन जोखिम का सुदृढ़ प्रबंधन आरई के उत्पादों, सेवाओं, गतिविधियों, प्रक्रियाओं और प्रणालियों के पोर्टफोलियो को प्रशासित करने में निदेशक मंडल और वरिष्ठ प्रबंधन की समग्र प्रभावशीलता को दर्शाता है।

1.2 परिचालन संबंधी व्यवधान आरई की व्यवहार्यता को खतरे में डाल सकता है, इसके ग्राहकों और अन्य बाजार सहभागियों को प्रभावित कर सकता है और अंततः वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। यह मानव निर्मित कारणों, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) खतरों (उदाहरण के लिए, साइबर हमले, प्रौद्योगिकी में परिवर्तन, प्रौद्योगिकी विफलताएं, आदि), भू-राजनीतिक संघर्ष, व्यापार व्यवधान, आंतरिक/बाहरी धोखाधड़ी, निष्पादन/वितरण त्रुटियों, तृतीय पक्ष पर निर्भरता, या प्राकृतिक कारण (जैसे, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आदि) के परिणामस्वरूप हो सकता है।

1.3 एक आरई को जोखिमों के संपूर्ण आयाम (अपनी जोखिम मूल्यांकन नीतियों/प्रक्रियाओं में उपर्युक्त जोखिमों सहित) को ध्यान में रखना होगा, उचित उपकरणों का उपयोग करके उनकी पहचान करना और उनका आकलन करना होगा, इसके भौतिक परिचालन जोखिमों की निगरानी करनी होगी और परिचालन संबंधी व्यवधानों को कम करने और महत्वपूर्ण कार्यों को जारी रखने के लिए मजबूत आंतरिक नियंत्रणों का उपयोग करके उचित जोखिम शमन/प्रबंधन रणनीतियां तैयार करना होगा, जिससे कि परिचालन आघात-सहनीयता सुनिश्चित हो सके।

1.4 अब तक, आरई को जिन प्रमुख परिचालन जोखिमों का सामना करना पड़ता था, वे बढ़ती निर्भरता और वित्तीय सेवाओं और मध्यस्थता के प्रावधान के लिए प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाने से संबंधित दोष पूर्णता के कारण उत्पन्न होते थे। तथापि, वित्तीय क्षेत्र की तृतीय-पक्ष प्रदाताओं (प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं सहित) पर बढ़ती निर्भरता, जो कि आभासी कामकाजी व्यवस्थाओं पर अधिक निर्भरता के साथ कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ गई है, ने परिचालन जोखिम प्रबंधन और परिचालन आघात-सहनीयता के बढ़ते महत्व को उजागर किया है; जो न केवल एक व्यवहार्य चालू संस्था बने रहने की क्षमता को मजबूत करके आरई को लाभ पहुंचाता है, बल्कि किसी भी व्यवधान के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों की निरंतर डिलीवरी सुनिश्चित करके वित्तीय प्रणाली का समर्थन करता हैं।

1.5 पूर्वोक्त को ध्यान में रखते हुए, रिज़र्व बैंक, परिचालन जोखिम प्रबंधन और परिचालन आघात-सहनीयता पर इस मार्गदर्शी नोट (इसके बाद 'मार्गदर्शी नोट') के माध्यम से यह अभिप्रेत करना चाहता है कि:

1.5.1 आरई के परिचालन जोखिम प्रबंधन की प्रभावशीलता को बढ़ावा देना और इसमें और सुधार करना, और

1.5.2 वित्तीय प्रणाली के भीतर अंतर्संबंधों और अन्योन्याश्रितताओं को देखते हुए, जो उस जटिल और गतिशील परिस्थिति से उत्पन्न होता है जिसमें आरई संचालित होते हैं, उनके परिचालन आघात-सहनीयता को बढ़ाना।

1.6 यह मार्गदर्शी नोट 14 अक्टूबर 2005 के "परिचालन जोखिम के प्रबंधन पर मार्गदर्शी नोट" को अद्यतन करता है। इसे मार्च 2021 में जारी बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासल समिति (बीसीबीएस) सिद्धांतों, अर्थात, (ए) 'परिचालन जोखिम के सुदृढ़ प्रबंधन के लिए संशोधित सिद्धांतों' और (बी) 'परिचालन आघात-सहनीयता के सिद्धांतों' के साथ-साथ कुछ अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर तैयार किया गया है।

1.7 मार्गदर्शी नोट एक सिद्धांत-आधारित और आनुपातिक दृष्टिकोण अपनाता है ताकि विभिन्न आकार, प्रकृति, जटिलता, भौगोलिक स्थिति और उनके व्यवसायों के जोखिम प्रोफाइल के आरई में सुचारु कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। यद्यपि सटीक दृष्टिकोण एक आरई से दूसरी आरई में भिन्न हो सकता है, अपितु मार्गदर्शी नोट आरई को उनके परिचालन जोखिम प्रबंधन ढांचे (ओआरएमएफ) को बेहतर बनाने और मजबूत करने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह आरई को परिचालन जोखिम प्रबंधन के लिए पर्याप्त लचीलापन देता है ताकि संभावित परिचालन व्यवधानों का सामना करने, अनुकूलन करने और उनसे उबरने की उनकी क्षमता बढ़ सके और उनका परिचालन आघात-सहनीयता सुनिश्चित हो सके। इस मार्गदर्शी नोट में निर्धारित प्रणालियाँ, प्रक्रियाएँ और साधन सांकेतिक प्रकृति के हैं और इन्हें रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए प्रासंगिक विनिर्देशों के साथ संयोजन में पढ़ा जाना चाहिए। यदि कोई असंगतता हो तो रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्रासंगिक विनिर्देश मान्य होंगे।

1.8 परिचालन जोखिम विनियामक पूंजी आवश्यकताएं लागू दिशानिर्देशों1 द्वारा निर्देशित होती रहेंगी।

2. प्रयोज्यता

2.1 यह मार्गदर्शी नोट निम्नलिखित आरई पर लागू होगा:

2.1.1 सभी वाणिज्यिक बैंक2;

2.1.2 सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/केंद्रीय सहकारी बैंक;

2.1.3 सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (जैसे, एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी); और

2.1.4 आवास वित्त कंपनियों सहित सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां।

3. निरसन और संक्रमणकालीन व्यवस्था

इस मार्गदर्शी नोट के जारी होने के साथ ही 14 अक्टूबर 2005 का "परिचालन जोखिम प्रबंधन पर मार्गदर्शी नोट" निरस्त हो जाएगा।

4. मुख्य परिवर्तन

निरस्त मार्गदर्शी नोट की तुलना में इस मार्गदर्शी नोट में किए गए मुख्य परिवर्तन अनुबंध में दिए गए हैं।

भवदीय,

(सुनील टी. एस. नायर)
मुख्य महाप्रबंधक


1 बैंकों के लिए परिचालन जोखिम पूंजी गणना का दृष्टिकोण समय-समय पर संशोधित 1 अप्रैल, 2024 के "मास्टर परिपत्र - बासल III पूंजी विनियमन" में उल्लिखित है। हालाँकि, लघु वित्त बैंक, भुगतान बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक, एनबीएफसी और सहकारी बैंकों जैसे आरई को परिचालन जोखिम के लिए अलग विनियामक पूंजी बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है।

2 “वाणिज्यिक बैंकों" का अर्थ है बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 5 की उपधारा (सी), (डीए), (जेए) और (एनसी) के तहत परिभाषित सभी बैंकिंग कंपनियां, संबंधित नए बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और भारतीय स्टेट बैंक। इसमें भारत के बाहर निगमित और भारत में संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त बैंक ('विदेशी बैंक'), स्थानीय क्षेत्र बैंक, भुगतान बैंक और लघु वित्त बैंक भी शामिल हैं।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?