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सम्पूर्ण मुद्रा परिवर्तक/प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–II को अतिरिक्त शाखाओं के लिए प्राधिकरण प्रदान करने संबंधी दिशानिर्देश

भारिबैंक/2015-16/174
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 12

10 सितंबर 2015

सभी प्राधिकृत व्यक्ति

महोदया/महोदय,

सम्पूर्ण मुद्रा परिवर्तक/प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–II को अतिरिक्त
शाखाओं के लिए प्राधिकरण प्रदान करने संबंधी दिशानिर्देश

सम्पूर्ण मुद्रा परिवर्तक/प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–II के लाइसेन्सधारियों का ध्यान मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियों के ज्ञापन विषय पर जारी 9 मार्च 2009 के ए.पी. (डी.आई.आर. सीरीज) परिपत्र सं. 57 के संलग्नक-I के पैराग्राफ (बी) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसमें अतिरिक्त शाखाओं के लिए प्राधिकरण प्रदान करने संबंधी दिशानिर्देश दिये गए हैं।

2. इन दिशानिर्देशों के और सरलीकरण के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि अतिरिक्त शाखा के प्राधिकरण हेतु सम्पूर्ण मुद्रा परिवर्तक / प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–II द्वारा आवेदनपत्र के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों के बाबत हुए परिवर्तनों को इन दिशानिर्देशों में अंतर्विष्ट कर लिया जाए। अपेक्षित दस्तावेजों से संबंधित मौजूदा दिशानिर्देश और संशोधित स्थिति नीचे तालिका में दी गई है : -

क्र. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार अपेक्षित दस्तावेज़ संशोधित स्थिति
1
अद्यतन लेखापरीक्षित खाते के साथ-साथ आवेदन पत्र की तारीख को निवल स्वाधिकृत निधियों की स्थिति के संबंध में सांविधिक लेखापरीक्षक के प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि।
कंपनी की निवल स्वाधिकृत निधियों की स्थिति के संबंध में कंपनी के मालिक/भागीदार/निदेशक/मुख्य वित्त अधिकारी द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र ही प्रस्तुत करना अपेक्षित है।
2
आवेदक के बैंकर से गोपनीय रिपोर्ट।
इस अपेक्षा को समाप्त कर दिया गया है।
3
इस आशय का प्रमाणपत्र कि प्रवर्तन निदेशालय/राजस्व आसूचना निदेशालय द्वारा कोई कार्रवाई प्रारम्भ नहीं की गई है अथवा लंबित नहीं है।
नयी शाखा के प्राधिकार के लिए जब भी आवेदन किया जाए, तो मौजूदा अनुदेशों के अनुसार अपेक्षित घोषणा पत्र प्रस्तुत किया जाए।
4
कंपनी में केवाईसी / एएमएल / सीएफ़टी नीति संबंधी मौजूदा फ्रेमवर्क की प्रतिलिपि।
केवल इस आशय की घोषणा प्रस्तुत की जाए कि कंपनी द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक को केवाईसी / एएमएल / सीएफ़टी नीति-व्यवस्था के संबंध में प्रस्तुत की गई घोषणा में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। हालांकि, यदि उसमें कोई परिवर्तन हो तो संशोधित / अद्यतन नीति संबंधी व्यवस्था की प्रतिलिपि प्रस्तुत की जाएगी।
5
आंतरिक और बाह्य लेखापरीक्षा सहित आंतरिक नियंत्रण प्रणाली के संबंध में संक्षिप्त ब्योरा।
केवल इस आशय की घोषणा प्रस्तुत की जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक को पिछली प्रस्तुति से कंपनी की आंतरिक और बाह्य लेखापरीक्षा सहित आंतरिक नियंत्रण प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। हालांकि, यदि उसमें कोई परिवर्तन हो तो संशोधित / अद्यतन संक्षिप्त ब्योरा प्रस्तुत करना अपेक्षित होगा।

3. संशोधित दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे ।

4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।

भवदीय,

(बी.पी.कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

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