ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता पर दिशानिर्देश - प्रोसेसिंग शुल्क/प्रभार संबंधी सभी सूचनाएँ प्रकट करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता पर दिशानिर्देश - प्रोसेसिंग शुल्क/प्रभार संबंधी सभी सूचनाएँ प्रकट करना
आरबीआइ/2010-11/272 12 नवंबर 2010 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएँ महोदय, ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता पर दिशानिर्देश - प्रोसेसिंग शुल्क/प्रभार कृपया 25 नवंबर 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 86/09.07.005/2008-09 देखें जिसमें उपर्युक्त विषय पर दिशानिर्देश निहित हैं जिनके अंतर्गत बैंकों को सूचित किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ऋण आवेदन पत्रों पर कार्रवाई करने के लिए प्रभार/शुल्क संबंधी सभी सूचनाएँ उनमें अनिवार्य रूप से प्रकट की जाती हैं और बैंकों द्वारा ग्राहकों को ‘समस्त लागत’ के बारे में अवश्य जानकारी दी जाए ताकि वे वित्त के अन्य ॉााटतों के साथ प्रभार की दरों की तुलना कर सकें । 2. निष्पक्षता तथा पारदर्शिता लाने के लिए बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उधारकर्ताओं को ऋण आवेदनों पर कार्रवाई करने के लिए देय शुल्क/प्रभारों, यदि ऋण की राशि मंजूर नहीं की जाती है/संवितरित नहीं की जाती है तो वापस किए जाने वाले शुल्क की राशि, पूर्व-अदायगी के विकल्प तथा प्रभार, यदि कोई हो, विलंबित चुकौती के लिए अर्थदण्ड, यदि कोई हो, ऋण को नियत दर से बदल कर अस्थिर ब्याज दर में तथा अस्थिर दर से नियत दर में परिवर्तित करने के प्रभार, ब्याज पुनर्निर्धारण की किसी शर्त की मौजूदगी अथवा उधारकर्ता के हित को प्रभावित करने वाले अन्य किसी मामले के बारे में सभी सूचनाएँ पारदर्शी तरीके से प्रकट करें । सभी श्रेणियों के ऋण उत्पादों की सूचनाएँ बैंकों की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित की जानी चाहिए । 3. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो बैंकों को ऋण आवेदन पर कार्रवाई करने/उसकी मंजूरी में शामिल ऐसे सभी प्रकार के प्रभार के साथ ‘समस्त लागत’ को पारदर्शी ढंग से अनिवार्यत: प्रकट करना चाहिए ताकि ग्राहक वित्त के अन्य स्रोतों के साथ दर/प्रभारों की तुलना कर सकें । यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ये प्रभार/शुल्क भेदभाव रहित हैं। भवदीय, (पी. आर. रवि मोहन) |