मान्यताप्राप्त शेयर बाजार/नए शेयर बाज़ारों में मुद्रा-विकल्प (ऑप्शनस्) का व्यापार करने के संबंध में दिशा-निर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
मान्यताप्राप्त शेयर बाजार/नए शेयर बाज़ारों में मुद्रा-विकल्प (ऑप्शनस्) का व्यापार करने के संबंध में दिशा-निर्देश
आरबीआइ/2010-11/147 30 जुलाई, 2010 सेवा में महोदया/महोदय मान्यताप्राप्त शेयर बाजार/नए शेयर बाज़ारों में मुद्रा-विकल्प (ऑप्शनस्) का व्यापार करने के संबंध में दिशा-निर्देश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध ( विदेशी व्युत्पन्न संविदा ) विनियमावली, 2000 [ 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी-2000) और 6 अगस्त 2008 के ए. पी.( डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.05 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत में निवासी व्यक्तियों को भारत में स्थित मुद्रा-वायदा बाज़ारों में मुद्रा-वायदा बाज़ार (भारतीय रिज़र्व बैंक) निदेश, 2008 में निहित दिशा-निर्देशों के अनुसार सहभाग करने की अनुमति दी गयी थी । 2. विदेशी मुद्रा व्यापारिक (एक्स्चेंज ट्रेडेड) बचाव साधनों की प्रचलित विषय सूची में विस्तार करने की दृष्टि से, मौद्रिक नीति विवरण 2010-11 (पैरा 62) में यह घोषित किया गया कि मान्यताप्राप्त शेयर बाज़ारों को निवासियों के लिए हाजिर (स्पॉट) अमरीकी डॉलर/रूपया विनिमय दर पर बिल्कुल सादा मुद्रा ऑप्शन्स (प्लेन वनिला ऑप्शन्स) का प्रारंभ करने हेतु अनुमति दी जाएगी। तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा मान्यता प्राप्त शेयर बाज़ारों के मुद्रा व्युत्पन्न खंड (सेगमेंट) में हाजिर (स्पॉट) अमरीकी डॉलर/रूपया विनिमय दर पर मुद्रा विकल्पों (ऑप्शन्स) का व्यापार करने के लिए अनुमति दी जाए । मुद्रा विकल्प (ऑप्शन्स) बाज़ार, भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी ) द्वारा समय -समय पर जारी निदेशों , दिशा-निर्देशों और अनुदेशों के अधीन कार्य करेगा। 3. भारत में निवासी व्यक्तियों को भारतीय मुद्रा विकल्प (ऑप्शन्स) बाज़ार में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विदेशी मुद्रा व्यापारिक मुद्रा ऑप्शन्स [ एक्स्चेंज ट्रेडेड करेंसी ऑप्शन्स] (भारतीय रिज़र्व बैंक) निदेश ,2010 [ 30 जुलाई, 2010 की अधिसूचना सं. एफईडी /ईडी (एचआरके)-2010] (निदेश) में निहित दिशा-निर्देशों के अधीन, जिसकी एक प्रति संलग्न है, सहभाग करने की अनुमति है । ( संलग्नक-I) 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी व्युत्पन्न संविदा ) विनियमावली, 2000 ( 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी-2000) में हुए आवश्यक संशोधन सरकारी राजपत्र में 27 जुलाई 2010 की जी.एस.आर.सं. 635(इ) द्वारा अधिसूचित किए गए हैं और उसकी एक प्रति इसके साथ संलग्न है (संलग्नक - II)। 5. उपर्युक्त दिशा-निर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्लयू और उपर्युक्त विनियमावली, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की उपधारा (2) का खंड (ज) के अधीन जारी किए गए हैं । 6. प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंक, इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों तथा ग्राहकों को अवगत करा दें। 7. यह परिपत्र विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किया गया है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) संलग्नक -I विदेशी मुद्रा व्यापारित मुद्रा विकल्प [ऑप्शन्स] ( भारतीय रिज़र्व बैंक ) निदेश, 2010 भारतीय रिज़र्व बैंक, लोक हित में आवश्यक समझते हुए और देश की वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्ल्यू द्वारा प्रदत्त और इस संबंध में सभी समर्थकारी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद् द्वारा मान्यताप्राप्त शेयर बाजारों (स्टॉक एक्सचेंज) में मुद्रा विकल्प(ऑप्शन्स) का कारोबार करने वाले सभी व्यक्तियों को निम्नलिखित निदेश देता है: 1. संक्षिप्त शीर्षक और निदेशों का प्रारंभ इन निदेशों को विदेशी मुद्रा व्यापारित मुद्रा विकल्प ( भारतीय रिज़र्व बैंक ) निर्देश, 2010 कहा जाये और ये 30 जुलाई 2010 से प्रवृत्त होंगे। 2. प्रयोजनीयता ये निर्देश, प्रतिभूति संविदा (विनियम) अधिनियम, 1956 की धारा 4 के अधीन मान्यताप्राप्त शेयर बाजार ( स्टॉक एक्सचेंज) में व्यापारित मुद्रा ऑप्शन्स के लिए लागू होंगे। 3. अनुमति (i) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर यथा अनुमोदित अमरीकी डॉलर- भारतीय रूपया हाजिर दर अथवा किसी अन्य मुद्रा-युग्म में मुद्रा ऑप्शन्स संविदा की अनुमति दी जाती है । (ii) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 2(v) में यथा परिभाषित केवल ' भारत के निवासी व्यक्तियों' को ही विदेशी मुद्रा दर जोखिम से बचाव अथवा अन्यथा के लिए विदेशी मुद्रा व्यापारित मुद्रा ऑप्शन्स की खरीद अथवा बिक्री करने की अनुमति दी जाती है । 4. मुद्रा ऑप्शन्स संविदा की विशेषताएं मानकीकृत विदेशी मुद्रा व्यापारित मुद्रा ऑप्शन्स की निम्नलिखित विशेषताएं होंगी :- 5. सहभागी (i) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 2(v) में यथा परिभाषित , ' भारत में निवासी व्यक्ति ' को छोड़कर कोई अन्य व्यक्ति विदेशी मुद्रा व्यापारित मुद्रा ऑप्शन्स बाजार बाजार में भाग नहीं लेगा। (ii) उपर्युक्त उप-पैराग्राफ (i) में किसी बात के होते हुए भी, कोई अनुसूचित बैंक अथवा ऐसी कोई अन्य एजेंसी जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 अथवा किसी अन्य अधिनियम अथवा साधन जो विधि सम्मत हो के अधीन रिज़र्व बैंक के विनियामक क्षेत्र में आती है, भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित नियंत्रक विभागों से अनुमति प्राप्त किए बिना विदेशी मुद्रा व्यापारित मुद्रा ऑप्शन्स बाजार में भाग नहीं लेगा। विवेकपूर्ण अपेक्षाएं पूरी करने वाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक विदेशी मुद्रा व्यापारित मुद्रा ऑप्शन्स वायदा संविदाओं के व्यापार (क्रय-विक्रय) तथा समाशोधन और जोखिम प्रबंधन हेतु अपने बोर्ड के अनुमोदन से विस्तृत दिशा-निर्देश निर्धारित करें। (iii) उपर्युक्त न्यूनतम विवेकपूर्ण अपेक्षाएं पूरी न करने वाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक और प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक जो शहरी सहकारी बैंक अथवा राज्य सहकारी बैंक हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित नियंत्रक विभागों के अनुमोदन के अधीन, विदेशी मुद्रा व्यापारित मुद्रा ऑप्शन्स बाजार में केवल ग्राहक (क्लायंट) के रूप में भाग ले सकते हैं। 7. विदेशी मुद्रा क्रय-विक्रय स्थिति सीमाएं (i) मुद्रा ऑप्शन्स में विविध वर्गों के सहभागियों हेतु विदेशी मुद्रा क्रय-विक्रय स्थिति-सीमाएं, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अधीन होंगीं। (ii) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक , निवल जोखिम की आरंभिक स्थिति (एनओपी) और सकल अंतर सीमा जैसी विवेकपूर्ण सीमाओं के भीतर कार्य करेंगे। स्वयं अपनी ओर से विदेशी मुद्रा व्यापारिक मुद्रा ऑप्शन्स में बैंको की ऑप्शन स्थिति उनके निवल जोखिम की आरंभिक स्थिति और सकल अंतर सीमाओं का हिस्सा बनेंगी। 8. जोखिम प्रबंध उपाय विदेशी मुद्रा व्यापारिक मुद्रा ऑप्शन्स का व्यापार (क्रय-विक्रय) प्रारंभिक, अधिकतम हानि और कैलेंडर स्प्रेड मार्जिन्स के अधीन होंगे और विदेशी मुद्रा के समाशोधन निगमों /समाशोधन गृहों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर सहभागियों द्वारा ऐसे मार्जिन्स रखे जाते हैं। 9. निगरानी और प्रकटीकरण(डिसक्लोजर) विदेशी मुद्रा व्यापारिक मुद्रा ऑप्शन्स बाजार में लेनदेनों की निगरानी और प्रकटीकरण का कार्य भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा । 10. मुद्रा ऑप्शन्स में व्यापार (क्रय-विक्रय) करने के लिए शेयर बाज़ारों(एक्सचेंजेस)/ समाशोधन निगम को प्राधिकार देना मान्यता प्राप्त शेयर बाज़ार (स्टॉक एक्सचेंज) और उनके अपने-अपने समाशोधन निगम/समाशोधन गृह , विदेशी मुद्रा व्यापारिक मुद्रा ऑप्शन्स से संबंधित अथवा अन्यथा कोई कारोबार नहीं करेंगे जब तक कि उनके पास विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(1) के अधीन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्राधिकार पत्र न हो।
11. भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकार भारतीय रिज़र्व बैंक, समय समय पर लोक हित में , वित्तीय स्थिरता के हित में और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के सुव्यवस्थित विकास और उसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए आवश्यक समझी जाने वाली अन्य कार्रवाई कर सकता है। साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक, सहभागियों के लिए पात्रता मानदंड, सहभागीवार विदेशी मुद्रा का क्रय-विक्रय की सीमा का आशोधन, मार्जिन निर्धारण और/अथवा पहचान किये गये सहभागियों के लिए विशिष्ट मार्जिन, कोई अन्य विवेकपूर्ण सीमा लगाना/आशोधित करने का आवश्यकतानुसार कार्य कर सकता है। ( एच.आर.खान) संलग्नक-II अधिसूचना सं.फेमा. 210 /आरबी-2010 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2010 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उप-धारा (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) विनियमावली, 2000 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/ आरबी-2000) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात् :- 1.संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2010 कहलाएंगे। (ii) ये विनियम, सरकारीराजपत्रमेंप्रकाशनकेदिनांकसेलागूहोंगे। 2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) विनियमावली, 2000 ( दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 25/आरबी-2000 ) में विनियम 5 अ के लिए निम्नलिखित प्रतिस्थापित होगा, अर्थात् "5 अ. भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को मुद्रा वायदे (करेंसी फ्यूचर) अथवा मुद्रा ऑप्शन्स करने के लिए अनुमति भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति प्रतिभूति संविदा (विनियम) अधिनियम, 1956 की धारा 4 के अधीन मान्यताप्राप्त शेयर बाजार में समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये गये निर्देशों में यथा घोषित शर्तों के अधीन ऋण जोखिम अथवा अन्यथा से बचाव (हेज़) के लिए मुद्रा वायदे (करेंसी फ्यूचर) अथवा मुद्रा ऑप्शन्स में लेन-देन कर सकता है।" (सलीम गंगाधरन) पाद टिप्पणी : 1. मूल विनियमावली 08 मई, 2000 के जीएसआर सं. 411(E) में भाग II, खंड 3, उप-खंड (i) के जरिए सरकारी राजपत्र में प्रकाशित की गई और तत्पश्चात् उसे निम्नानुसार संशोधित किया गया – जीएसआर सं. 756(E) दिनांक 28.9.2000,
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