अग्रणी बैंक योजना की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय समिति - 2000 से अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना - आरबीआई - Reserve Bank of India
अग्रणी बैंक योजना की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय समिति - 2000 से अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना
आरबीआइ /2010-11/203 16 सितंबर 2010 एसएलबीसी आयोजक बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक महोदय, अग्रणी बैंक योजना की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय समिति - 2000 से अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना माननीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2010-2011 के यूनियन बजट (पैरा 76) में "यह निर्णय लिया गया है कि 2000 से अधिक जनसंख्या वाली बस्तियों में मार्च 2012 तक उचित बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।" 2. अतः, दिनांक 27 नवंबर 2009 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केका.एलबीएस.एचएलसी. बीसी. सं. 43/02.19.10/2009-10 के पैरा 1 में आंशिक संशोधन करते हुए जिसमें यह सूचित किया गया था कि "2000 से अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव में एक बैंकिंग केन्द्र के माध्यम से मार्च 2011 तक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जाए", यह सूचित किया जाता है कि 2000 से अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव में एक बैंकिंग केन्द्र के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की तारीख मार्च 2012 तक बढ़ाई गई है। तथापि, मार्च 2011 को मध्यवर्ती लक्ष्य माना जाए। 3. साथ ही, एसएलबीसी आयोजक बैंकों द्वारा प्रस्तुत विवरणों से यह पाया गया है कि सूचित ब्योरे में सामंजस्य और समरुपता का अभाव है। उपर्युक्त के मद्देनजर, यह निर्णय लिया गया है कि विवरणों के प्रारुप को संशोधित किया जाए ताकि आबंटित गांवों के बारे में तथा आबंटित गांवों में बैंकिंग केन्द्र खोलने में हुई प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सके। चूंकि सभी राज्य/संघ शासित क्षेत्रों ने रुपरेखा तैयार कर ली है तथा 2000 से अधिक जनसंख्या वाले बैंक रहित गांवों को पहचानने और आबंटन का कार्य पूरा हो गया है, गांवों की आबंटन संबंधी रुपरेखा दर्शाता जून 2010 के अंत तक कि स्थिति का विवरण केवल एक बार भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को 27 सितंबर 2010 तक अनुबंध "क" में दिए प्रारुप के अनुसार प्रस्तुत किया जाना चाहिए। गांवों के आबंटन में बाद में हुए किसी परिवर्तन के विशेष मामले में, भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से हमें जानकारी प्रेषित की जाए। रुपरेखा तथा बैंक रहित गांवों में बैंक शाखाएं / बिजिनेस करेस्पांडेंट खोलने संबंधी जानकारी भी संबंधित एसएलबीसी वेबसाइट पर प्रकाशित की जानी चाहिए। 4. बैंक रहित गांवों में बैंकिंग केन्द्र खोलने की प्रगति की निगरानी त्रैमासिक आधार पर की जाएगी। अतः एसएलबीसी आयोजक बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे संबंधित राज्यों / संघशासित क्षेत्रों में तिमाही के दौरान हुई प्रगति संबंधी तिमाही विवरण अनुबंध 'ख' के अनुसार प्रस्तुत करें। जून 2010 को समाप्त तिमाही की रिपोर्ट संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को 27 सितंबर 2010 तक पहुँच जानी चाहिए। तदुपरांत, तिमाही प्रगति रिपोर्टें प्रत्येक तिमाही की समाप्ति से 20 दिनों के भीतर पहुँच जानी चाहिए। भवदीय (दीपाली पन्त जोशी ) अनुलग्नक: 2 पत्रक |