यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससीआर 1267 (1999) / 1989(2011) समिति की अलकायदा प्रतिबंध सूची को अद्यतित करना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/ राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससीआर 1267 (1999) / 1989(2011) समिति की अलकायदा प्रतिबंध सूची को अद्यतित करना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/ राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक
आरबीआई/2014-15/325 28 नवंबर 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससीआर 1267 (1999) / 1989(2011) समिति की अलकायदा प्रतिबंध सूची को अद्यतित करना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/ राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक कृपया उपर्युक्त विषय पर 27 नवबंर 2014 का हमारा परिपत्र सं सबैंविवि.बीपीडी.(पीसीबी/आरसीबी) परि.सं.1/14.01.062/ 2014-15 देखें जिसके द्वारा “अलकायदा प्रतिबंध सूची” में किए गए संशोधन पर 2014 का 19वां अद्यतन टिप्पण (अपडेट) जारी किया गया है। 2. यूएनपी प्रभाग, विदेश मंत्रालय ने हमें 19 नवंबर 2014 का 20वां अद्यतन टिप्पण अग्रेषित किया है जो प्रतिबंध सूची में दो संस्थाओं के नाम जोड़ने से संबंधित है (प्रतिलिपि संलग्न)। दिनांक 19 नवंबर 2014 का 20वां अद्यतन टिप्पण से संबंधित प्रेस विज्ञप्ति निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है: http://www.un.org/press/en/2014/sc11659.doc.htm यूएनपी प्रभाग, विदेश मंत्रालय ने हमें 24 नवंबर 2014 का 21वां अद्यतन टिप्पण अग्रेषित भी किया है जोकि प्रतिबंध सूची में चार प्रविष्टियों में हुए संशोधन से संबंधित है (प्रतिलिपि संलग्न)। दिनांक 24 नवंबर 2014 का 21वां अद्यतन टिप्पण से संबंधित प्रेस विज्ञप्ति निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है: http://www.un.org/press/en/2014/sc11667.doc.htm अलकायदा से संबद्ध व्यक्तियों व संस्थओं की अद्यतित सूची निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है: 3. प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे रिज़र्व बैंक द्वारा परिचालित अनुसार व्यक्तियों /संस्थाओं की सूची को अद्यतित करें। कोई नया खाता खोलने से पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रस्तावित ग्राहक का नाम उक्त सूची में न हो। इसके अलावा, बैंकों को सभी मौजूदा खातों की जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची में शामिल संस्था या व्यक्ति द्वारा कोई खाता नहीं रखा जा रहा है या उनका किसी खाते से संबंध नहीं है। 4. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे हमारे 16 नवंबर 2009 के परिपत्र सं. शबैंवि.केंका.बीपीडी.पीसीबी.परि.सं.21/12.05.001/2009-10 और 29 अक्तूबर 2009 के परिपत्र सं. ग्राआऋवि.केंकाआरएफ.एएमएल.बीसी.सं.34/07.40.00/2009-10 के साथ संलग्न 27 अगस्त 2009 के यूएपीए आदेश में निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से अनुसरण करें तथा सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें। 5. जहां तक निर्दिष्ट व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा बैंक खातों के रूप में रखी गई निधियों, वित्तीय आस्तियों या आर्थिक संसाधनों और संबंधित सेवाओं पर रोक लगाने का संबंध है, शहरी सहकारी बैंकों द्वारा 16 नवंबर 2009 के परिपत्र के पैरा 7 में बताए अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए, जबकि राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 29 अक्तूबर 2009 के परिपत्र के पैरा 4 में बताए अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। 6. प्रेस विज्ञप्ति, जिसमें सूची में संदर्भित परिवर्तनों की घोषणा की गई है, का लिंक समिति की वेबसाइट पर निम्नलिखित यूआरएल पर उपलब्ध कराया गया है: 7. शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक/ केंद्रीय सहकारी बैंक अपने संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को इस परिपत्र की प्रप्ति सूचना दें। भवदीय, (पी.के.अरोड़ा) संलग्नक : यथोक्त |