यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति की 1988(2011)प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति की 1988(2011)प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना
भारिबैं/2012-13/123 11 जुलाई 2012 अध्यक्ष / कार्यपालक अधिकारी महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति की 1988(2011)प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना कृपया दिनांक 19 जून 2012 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केका. आरआरबी आरसीबी एएमएल सं.13187/ 07.02.12 /2011-12 देखें । हमें उसके बाद भारत सरकार(विदेश मंत्रालय) के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988 (2011) समिति के अध्यक्ष द्वारा प्रेषित दिनांक 27 जून 2012 तथा 02 जुलाई 2012 के टिप्पणो की प्रतिलिपियां प्राप्त हुई है (प्रतिलिपियां संलग्न) जिनमें’ 1988 (2011) प्रतिबंध सूची’अर्थात तालिबान से संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं की समेकित सूची में किये गये परिवर्तनों को विनिर्दिष्ट किया गया है जिसका विवरण संलग्न प्रतिलिपियों में दिया गया है। 2. राज्य और केन्द्रीय सहकारी बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे रिज़र्व बैंक द्वारा परिचालित व्यक्तियों / संस्थाओं की सूची को अद्यतन करें तथा कोई नया खाता खोलने के पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रस्तावित ग्राहक का नाम उक्त सूची में न हो। इसके अलावा, बैंकों को सभी मौजूदा खातों की जाँच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची में शामिल संस्था या व्यक्ति द्वारा कोई खाता नहीं रखा जा रहा है या उनका किसी खाते से संबंध नहीं है। 3. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे हमारे 29 अक्तूबर 2009 के परिपत्र ग्राआऋवि. केका. आरएफ.एएमएल.बीसी.34/07.40.00/2009-10 तथा दिनांक 5 नवंबर 2009 के ग्राआऋवि. केका. आरआरबी.सं. 39/03.05.33 (इ)/2009-10 के साथ संलग्न 27 अगस्त 2009 के यूएपीए आदेश में निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से अनुसरण करें तथा सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें। 4. जहाँ तक निर्दिष्ट व्यक्तियों/ संस्थाओं द्वारा बैंक खातों के रूप में रखी गयी निधियों, वित्तीय आस्तियों या आर्थिक संसाधनों और संबंधित सेवाओं पर रोक लगाने का संबंध है, उक्त पैरा 3 में उल्लिखित परिपत्रों के पैरा 6 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए । 5. उपर्युकत सूची के पूरे ब्यौरे संयुक्त राष्ट्र संघ के वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। 6. अनुपालन अधिकारी/प्रधान अधिकारी इस परिपत्र की प्राप्ति-सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। भवदीया (लिलि वडेरा) |