2. इस संबंध में, भारत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के उत्पादकों द्वारा पोतलदानपूर्व तथा पोतलदान के पश्चात रुपया निर्यात ऋणों के लिए ब्याज समतुल्यीकरण योजना के अंतर्गत किए जाने वाले निर्यातों के संबंध में ब्याज समतुल्यीकरण दर को 3% से बढ़ाकर 5% किया जाए, जो 2 नवंबर 2018 से प्रभावी होगा।
3. उपर्युक्त भारतीय रिज़र्व बैंक परिपत्र के अनुबंध के पैरा 2(ग) के अनुसार, यह योजना 416 टैरिफ लाइनों के अंतर्गत सभी निर्यातों [4 अंकों का आईटीसी (एचएस) कोड पर] के लिए और सभी आईटीसी (एचएस) कोडों में एमएसएमई द्वारा किए गए निर्यातों के लिए उपलब्ध है। अतः यह सूचित किया जाता है कि योजना का लाभ सभी पात्र एमएसएमई निर्यातकों को उपलब्ध कराया जाए।
भवदीय,
(प्रशांत के सेठ) महाप्रबंधक
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