विदेश स्थित बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेश स्थित बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा
आरबीआई/2012-13/227 27 सितंबर 2012 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय/महोदया विदेश स्थित बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा कृपया विदेश स्थित बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा से संबंधित दिनांक 15 नवंबर 2011 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.डीआईआर.सं.52/04.02.001/2011-12 तथा दिनांक 30 मार्च 2012 का परिपत्र बैंपविवि.डीआईआर.सं. 91/04.02.001/2011-12 देखें। 2. यह निर्णय लिया गया है कि अगला आदेश जारी होने तक विदेश स्थित बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा छह माह लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 250 आधार अंक अधिक बनी रहेगी। 3. इस संबंध में दिनांक 27 सितंबर 2012 को जारी किया गया निदेश बैंपविवि.डीआईआर.सं. 45/04.02.001/2012-13 संलग्न है । भवदीया, (सुधा दामोदर) बैंपविवि.डीआईआर.बीसी.सं. 45 /04.02.001/2012-13 27 सितंबर 2012 विदेश स्थित बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35क द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समयोचित है, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा निदेश देता है कि दिनांक 30 मार्च 2012 के निदेश बैंपविवि. डीआईआर.बीसी.सं.90/04.02.001/2011-12 के अनुक्रम में विदेशी ऋण व्यवस्था के संबंध में ब्याज दरों की निर्धारित उच्चतम सीमा अगले आदेश तक यथावत बनी रहेगी। (बि. महापात्र) |