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असेट प्रकाशक

79113507

वि‍देशी मुद्रा में नि‍र्यात ऋण पर ब्याज दरें

आरबीआइ/2011-12/258
बैंपवि‍वि. डीआईआर. सं. 52/04.02.001/2011-12

15 नवंबर 2011
24 कार्ति‍क 1933 (शक)

सभी अनुसूचि‍त वाणि‍ज्य बैंक

महोदय /महोदया

वि‍देशी मुद्रा में नि‍र्यात ऋण पर ब्याज दरें

कृपया 19 फरवरी 2010 के हमारे परि‍पत्र बैंपवि‍वि. डीआईआर (ईएक्सपी). सं. 76/04.02.001/2009-10 के साथ रुपया/वि‍देशी मुद्रा नि‍र्यात ऋण तथा नि‍र्यातकों को ग्राहक सेवा पर 01 जुलाई 2011 के मास्टर परि‍पत्र का पैराग्राफ 7 देखें जो वि‍देशी मुद्रा में नि‍र्यात ऋण से संबंधि‍त है ।

2. अंतर्राष्ट्रीय वि‍त्तीय बाजारों की हाल की घटनाओं के कारण चलनि‍धि की सख्त कि‍ल्लत तथा ऋण स्प्रेड में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह नि‍र्णय लि‍या गया है कि बैंकों द्वारा वि‍देशी मुद्रा में दि‍ए गए नि‍र्यात ऋण पर अधि‍कतम ब्याज दर लाइबोर से 200 आधार अंक अधि‍क की वर्तमान सीमा को तत्काल प्रभाव से 31 मार्च 2012 तक बढ़ाकर लाइबोर से 350 आधार अंक अधि‍क की जाए बशर्ते यह स्पष्ट शर्त हो कि ‍फुटकर खर्च की वसूली को छोड़कर बैंक सेवा प्रभार, प्रबंधन प्रभार आदि जैसे कोई अन्य प्रभार नहीं लगाएंगे । ब्याज दरों में इसी प्रकार के परि‍वर्तन उन मामलों में कि‍ए जाएं जहां यूरो लाइबोर/यूरीबोर को बेंचमार्क माना गया है । लागू ब्याज दरें इस परि‍पत्र के साथ संलग्न 15 नवंबर 2011 के नि‍देश बैंपवि‍वि. डीआईआर. सं. 51/04.02.001/2011- 12 के अनुबंध में दी गई हैं ।

3. ब्याज दरों में यह परि‍वर्तन केवल नये अग्रि‍मों पर लागू होगा और इन दरों की समीक्षा 31 मार्च 2012 के बाद की जाएगी

4. इसके अलावा, 01 जुलाई 2011 के उपर्युक्त मास्टर परि‍पत्र के पैरा 5.1.3(iii)क में नि‍हि‍त अनुदेशों को संशोधि‍त करते हुए वि‍देशी बैंकों के साथ ऋण व्यवस्था पर ब्याज दर की उच्चतम सीमा को तत्काल प्रभाव से 31 मार्च 2012 तक छह माह लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 100 आधार अंक अधि‍क से बढ़ाकर छह माह लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 250 आधार अंक अधि‍क कर दि‍या गया है और इसकी समीक्षा बाद में की जाएगी

भवदीय

(पी. आर. रवि मोहन)
मुख्य महाप्रबंधक


बैंपवि‍व़ि. डीआईआर.बीसी. सं. 51 /04.02.001/2011-12

15 नवंबर 2011
24 कार्ति‍क 1933 (शक)

वि‍देशी मुद्रा में नि‍र्यात ऋण पर ब्याज दरें

बैंककारी वि‍नि‍यमन अधि‍नि‍यम, 1949 की धारा 21 और 35क द्वारा प्रदत्त शक्ति‍यों का प्रयोग करते हुए भारतीय रि‍ज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट होने पर कि ऐसा करना जनहि‍त में आवश्यक और उचि‍त है, इसके द्वारा ऩि‍देश देता है कि 15 नवंबर 2011 से वि‍देशी मुद्रा में नि‍र्यात ऋण पर ब्याज दरें इस नि‍देश के साथ संलग्न अनुबंध में दर्शाये गये रूप में होंगी ।

(जी. पद्मनाभन)
कार्यपालक नि‍देशक


अनुबंध

अनुसूचि‍त वाणि‍ज्य बैंकों द्वारा वि‍देशी मुद्रा में दि‍ये जाने वाले नि‍र्यात ऋण पर
15 नवंबर 2011 से प्रभावी ब्याज दरों की अनुसूची

 

 

ऋण का प्रकार 

ब्याज दरें

 

 

 

(वार्षि‍क प्रति‍शत)

(i)

पोतलदानपूर्व ऋण

 

 

(क)

180 दि‍नों तक

लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 350 आधार अंक  से अनधि‍क

 

(ख)

180 दि‍नों से अधि‍क और 360 दि‍नों तक

अवधि‍ बढ़ाते समय 180 दि‍नों की आरंभि‍क अवधि‍ पर लागू दर तथा 200 आधार अंक  अर्थात् उपर्युक्त (i) (क) तथा 200 आधार अंक

(ii)

पोतलदानोत्तर ऋण

 

 

(क)

पारवहन अवधि‍ के लि‍ए (फेडाई द्वारा नि‍र्दि‍ष्ट) मांग बि‍ल पर

लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 350 आधार अंक से अनधि‍क

 

(ख)

मीयादी बि‍ल (नि‍र्यात बि‍लों की मीयाद, फेडाई द्वारा नि‍र्दि‍ष्ट पारवहन अवधिं और जहां लागू हो वहां ग्रेस अवधि‍ सहि‍त कुल अवधि‍ के लि‍ए ऋण)
पोतलदान की तारीख से 6 महीने तक

लाइबोर/यूरो लाइबोर/यूरीबोर से 350 आधार अंक से अनधि‍क

 

(ग)

नि‍र्यात बि‍ल (मांग या मीयादी) जि‍नकी वसूली नि‍यत तारीख के बाद लेकि‍न क्रि‍स्टलाइजेशन की तारीख तक होती है ।

उपर्युक्त (ii)(ख) की दर तथा 200 आधार अंक

नोट
i) भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के दि‍शानि‍र्देशों के अनुसार बैंकों कोफुटकर खर्च की वसूली को छोड़कर बैंक सेवा प्रभार, प्रबंधन प्रभार आदि‍ के नाम पर ब्याज दर से अधि‍क कोई अन्य प्रभार नहीं लगाना चाहि‍ए ।

ii) आधार दर संबंधी दि‍शानि‍र्देशों को ध्यान में रखते हुए बैंक उपर्युक्त नि‍र्धारि‍त मीयादों से अधि‍क अवधि‍ के लि‍ए पोतलदानपूर्व ऋण तथा पोतलदानोत्तर ऋण के लि‍ए ब्याज दर ,रुपया ऋण दर नि‍र्धारि‍त करने के लि‍ए स्वतंत्र होंगे ।

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