एक्सचेंज पर व्यापार गत व्युत्पन्न संविदाओं (ईटीडीसी) में विदेशी संस्थागत निवेशकों / अनिवासियों द्वारा निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
एक्सचेंज पर व्यापार गत व्युत्पन्न संविदाओं (ईटीडीसी) में विदेशी संस्थागत निवेशकों / अनिवासियों द्वारा निवेश
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 13 सितंबर 1, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, एक्सचेंज पर व्यापार गत व्युत्पन्न संविदाओं (ईटीडीसी) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें भारत से बाहर कतिपय व्यक्तियों को शेयरों की खरीद की अनुमति दी गई थी । 2. और अधिक उदारीकरण के उपाय के रूप में निर्णय किया गया है कि : - (i) फेरा, 1973 अथवा फेमा 1999 के अंतर्गत वैध अनुमोदन धारी पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक समय समय पर सेबी द्वारा अनुमोदित, सेबी द्वारा निर्धारित सीमाओं के अंतर्गत, एक्सेंज पर व्यापार किए जाने वाली सभी व्युत्पन्न् संविदाओं का व्यापार कर सकते हैं । (ii) अनिवासी भारतीय संबी द्वारा समय समय पर अनुमोदित, सेबी द्वारा निर्धारित सीमाओं के अंतर्गत, एक्स्चेंज पर व्यापार गत व्युत्पन्न संविदाओं में भारत में अप्रत्यावर्तनीय आधार पर धारित अपनी आईएनआर निधियों में से निवेश कर सकते हैं । परंतु ऐसे निवेश प्रत्यावर्तन लाभों के लिए पात्र नहीं होंगे । 3. विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतिका अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन दिनांक 17 जनवरी, 2003 की अधिसूचना फेमा 85/2003-आरबी द्वारा अधिसूचित किया गया है (प्रतिलिपि संलग्न) । 4. प्राधिकृत व्यापारी उक्त परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय (ग्रेस कोशी) |