विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऋणों में निवेश – समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऋणों में निवेश – समीक्षा
आरबीआई/2018-19/176 25 अप्रैल 2019 प्रति सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदय / महोदया, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऋणों में निवेश – समीक्षा प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I) के बैंकों का ध्यान 7 नवम्बर 2017 को अधिसूचना सं.फेमा.20(आर)/2017-आरबी के माध्यम से अधिसूचित, और समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम) विनियमन, 2017 की अनुसूची 5 और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है। इस संबंध में ऋण लिखतों में एफपीआइ निवेशों के बारे में 6 अप्रैल 2018 के एपी (डीआइआर शृंखला) के परिपत्र सं.22, तारीख 15 जून 2018 के एपी (डीआईआर शृंखला) के परिपत्र सं.31 और 27 मार्च 2019 के एपी (डीआईआर शृंखला) के परिपत्र सं.26 की तरफ भी ध्यान दिलाया जाता है। 2. भारत में ऋण लिखतों में अनिवासी निवेशकों की पहुंच को बढ़ाने के एक उपाय के तौर पर अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को नगरपालिका बॉन्डों में निवेश की अनुमति दी जाती है। 3. नगरपालिका बॉन्डों में एफपीआई निवेश को राज्य विकास ऋणों (एसडीएल) में एफपीआई निवेश के लिए निर्धारित सीमा तक ही मान्य किया जाएगा। 4. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा ऋण बाजार में निवेश के लिए अन्य विद्यमान शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। 5. एडी श्रेणी- I के बैंकों को चाहिए कि इस परिपत्र की विषयवस्तु को अपने ग्राहकों/ संबंधित घटकों के ध्यान में लाएं। 6. विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम) विनियमन, 2017 (अधिसूचना सं.फेमा 20(आर)/2017-आरबी दिनांक 7 नवम्बर 2017) में आवश्यक संशोधनों को सरकार ने 18 अप्रैल 2019 को अधिसूचित किया जा चुका है और इस परिपत्र के साथ संलग्न हैं। 7. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियां/अनुमोदन, यदि कोई हों, पर इनके प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। भवदीय (टी. रबि शंकर) |