RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79222406

विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश

भारिबैं/2015-16/198
ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 19

6 अक्टूबर 2015

सभी प्राधिकृत व्यक्ति

महोदया/महोदय,

विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी दिनांक 3 मई 2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गमन) विनियम 2000 की अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है । विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सीमा पिछली बार ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.111 दिनांक 12 जून 2013 द्वारा बढ़ा कर युएस़डी 30 बिलियन की गयी थी । बाद में, दीर्घावधि वाले निवेशकों1 और अन्य एफपीआइ के बीच सीमाओं के आवंटन को संशोधित किया गया और एफपीआइ द्वारा प्रतिभूतियों में निवेश की अपेक्षा को कम से कम तीन वर्षों की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि का रखा गया (देखें ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.99 दिनांक 29 जनवरी 2014 और ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.13 दिनांक 23 जुलाई 2014) ।

2. एडी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान दिनांक 29 सितंबर 2015 को वर्ष 2015-16 के लिए जारी की गयी चतुर्थ द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के पैरा 30 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार एक अधिक पूर्वानुमेय प्रणाली देने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआइ के निवेश की सीमा के लिए एक मध्यावधि ढाँचे (एमटीएफ) की घोषणा की गयी । एमटीएफ की प्रमुख विशेषताएँ निम्नवत् हैं :

(i) ऋण प्रतिभूतियों में एफपीआइ निवेश के लिए सीमा अब से रुपये में घोषित/तय की जायेगी ।

(ii) केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में एफपीआइ निवेश के लिए सीमा चरणबद्ध रूप से बढ़ायी जायेगी, ताकि वह मार्च 2018 तक बकाया स्ट़ॉक के 5 प्रतिशत तक पहुँच जाये । कुल मिलाकर, इससे उम्मीद की जाती है कि केंद्र सरकार प्रतिभूतियों के लिए सीमा में रु.1,200 बिलियन का अतिरिक्त निवेश मार्च 2018 तक होगा, जो सभी सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की रु.1.535 बिलियन की वर्तमान सीमा के अतिरिक्त होगा ।

(iii) इसके अतिरिक्त, सभी एफपीआइ द्वारा राज्य विकास ऋणों (एसडीएल) में निवेश के लिए अलग सीमा होगी, जिसे चरणबद्ध रूप से बढ़ा कर मार्च 2018 तक बकाया स्टॉक के 2 प्रतिशत तक किया जायेगा । यह मार्च 2018 तक रु.500 बिलियन की अतिरिक्त सीमा के बराबर होगा ।

(iv) आगामी दो तिमाहियों के लिए सीमाओं में प्रभावी वृद्धि प्रत्येक छमाही में मार्च और सितंबर में घोषित की जायेगी ।

(v) जी-सिक (एसडीएल सहित) में कम से कम तीन वर्षों की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि के साथ किये जा रहे निवेश की वर्तमान अपेक्षा सभी श्रेणियों के एफपीआइ पर लागू होती रहेगी ।

(vi) किसी भी केंद्र सरकार प्रतिभूति में समग्र एफपीआइ निवेश की सीमा प्रतिभूति के बकाया स्टॉक का 20% होगी । वर्तमान स्तर पर प्रतिभूतियों में निवेश इस सीमा के ऊपर किया जाता रहेगा, लेकिन इनकी पुनःपूर्ति नये क्रय के माध्यम से तब तक नहीं की जायेगी, जब तक कि ये 20% से कम न हो जायें ।

3. तदनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के लिए यह निर्णय लिया गया है कि सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआइ द्वारा निवेश किये जाने की सीमा दो शृंखलाओं में क्रमशः 12 अक्तूबर 2015 और 1 जनवरी 2016 से बढ़ायी जाये ।

  केंद्र सरकार की प्रतिभूतियाँ राज्य विकास ऋण कुल जोड़
सभी एफपीआइ के लिए दीर्घवधि एफपीआइ के लिए अतिरिक्त कुल सभी एफपीआइ के लिए (दीर्घावधि एफपीआइ सहित)
वर्तमान सीमाएँ 1244 291 1535 शून्य 1535
12 अक्तूबर 2015 से संशोधित सीमा 1299 366 1665 35 1700
1 जनवरी 2016 से संशोधित सीमा 1354 441 1795 70 1865

4. वर्तमान में, एफपीआइ के लिए प्रतिभूति वार सीमा पर निगरानी दिनांत आधार पर की जायेगी और उन केंद्र सरकार प्रतिभूतियों को, जिनमें एफपीआइ द्वारा सकल निवेश 20% की निर्धारित प्रारंभिक सीमा से अधिक हो, उन्हें ऋणात्मक निवेश सूची में रखा जायेगा । इन प्रतिभूतियों में एफपीआइ द्वारा कोई नया निवेश किये जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी, जब तक उन्हें ऋणात्मक सूची में से हटा नहीं दिया जाता है । अभी एसडीएल के लिए कोई प्रतिभूति वार सीमा नहीं होगी ।

5. अन्य सभी वर्तमान शर्तें, जिनमें सीमा के बाहर भी कूपनों में निवेश करने की अनुमति दी जा रही है और कम से कम तीन वर्षों की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि के लिए प्रतिभूतियों में निवेश को सीमित किया जा रहा है, लागू रहेंगी ।

6. सीमाओं के आवंटन और उनकी निगरानी के संबंध में अतिरिक्त दिशा-निर्देश भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी किये जायेंगे ।

7. एडी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें ।

8. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और इनसे किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि हो, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता ।

भवदीय,

(आर. सुब्रमणियन)
मुख्य महाप्रबंधक


1 सेबी के पास सॉवरेन वेल्थ फंड्स (एसडब्लूएफ) के रूप में पंजीकृत एफपीआइ, बहुपक्षीय एजेंसियाँ, एन्डाउमेंट फंड्स, इन्श्युरेंस फंड्स, पेंशन फंड्स और विदेशी केंद्रीय बैंक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?