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विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश

भारिबैं/2015-16/348
ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.55

29 मार्च 2016

सभी प्राधिकृत व्यक्ति

महोदया/महोदय,

विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी दिनांक 3 मई 2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गमन) विनियम 2000 की अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है । सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा निवेश किये जाने की सीमा में पिछली बार ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.19 दिनांक 6 अक्तूबर 2015 द्वारा घोषित मध्यावधि ढाँचे (एमटीएफ) के अनुसार बढ़ोतरी की गयी थी ।

2. जैसाकि एमटीएफ में घोषणा की गयी थी, सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा निवेश किये जाने की सीमा अगली छमाही के लिए दो शृंखलाओं में बढ़ाने का, अर्थात्, क्रमशः 4 अप्रैल 2016 से रु.105 बिलियन और 5 जुलाई 2016 से रु.100 बिलियन, करने का प्रस्ताव है ।

3. जैसाकि पिछली छमाही में था, राज्य विकास ऋणों (एसडीएल) की सीमा को दो शृंखलाओं में, जो प्रत्येक रु.35 बिलियन की होगी, क्रमशः 4 अप्रैल 2016 और 5 जुलाई 2016 से, बढ़ाये जाने का प्रस्ताव है ।

4. तदनुसार, अगली दो तिमाहियों में सीमाओं में कुल बढ़ोतरी निम्नानुसार होगी :

बिलियन रु. में
  केंद्र सरकार की प्रतिभूतियाँ राज्य विकास ऋण कुल जोड़
सभी एफपीआइ के लिए दीर्घावधि एफपीआइ के लिए अतिरिक्त कुल सभी एफपीआइ के लिए (दीर्घावधि एफपीआइ सहित)
वर्तमान सीमाएँ 1354 441 1795 70 1865
4 अप्रैल 2016 से संशोधित सीमाएँ 1400 500 1900 105 2005
5 जुलाई 2016 से संशोधित सीमाएँ 1440 500 2000 140 2140

5. इसके अतिरिक्त दीर्घावधि और अन्य़ निवेशकों द्वारा केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों के लिए सीमाओं के उपयोग को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि दीर्धावधि निवेशकों द्वारा छमाही के अंत में उपयोग नहीं की गयी किसी सीमा के शेष हिस्से को अगली छमाही में किसी ओपन कैटेगरी (open category) के निवेशकों को अतिरिक्त सीमा के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा । तदनुसार, 30 सितंबर 2016 को समाप्त होने वाली छमाही के अंत में उपयोग नहीं की गयी सीमा को निवेश के लिए अक्तूबर 2016 में ओपन कैटेगरी के अंतर्गत आने वाले निवेशकों के लिए जारी कर दिया जायेगा ।

6. अन्य सभी वर्तमान शर्तें, जिनमें सीमा के बाहर भी कूपनों में निवेश करने की अनुमति दी जा रही है और कम से कम तीन वर्षों की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि के लिए प्रतिभूतियों में निवेश को सीमित किया जा रहा है, लागू रहेंगी ।

7. सीमाओं के आवंटन और उनकी निगरानी के संबंध में अतिरिक्त दिशा-निर्देश भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी किये जायेंगे ।

8. एडी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें ।

9. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और इनसे किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि हो, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता ।

भवदीय,

(आर.सुब्रमणियन)
मुख्य महाप्रबंधक

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