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भारत में पूर्वदत्त (प्रीपेड) भुगतान लिखतों का निर्गमन और उनका परिचालन (रिज़र्व बैंक) के निदेश - अतिरिक्त दिशा-निर्देश

आरबीआई/2010-11/261
डीपीएसएस.सीओ.सं.1041/02.14.006/2010-2011

दिनांक 4 नवंबर 2010

सभी प्रणाली (सिस्टम) प्रदाता, सिस्टम सहभागी
और कोई भी भावी पूर्वदत्त भुगतान लिखत जारीकर्ता

महोदया / प्रिय महोदय

भारत में पूर्वदत्त (प्रीपेड) भुगतान लिखतों का निर्गमन और उनका परिचालन (रिज़र्व बैंक) के निदेश - अतिरिक्त दिशा-निर्देश

कृपया शीर्षांकित विषय पर दिनांक 27 अप्रैल 2009 के हमारे परिपत्र आरबीआई/2008-09/458-डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1873/02.14.06/2008-09 में दिए दिशा-निर्देश और उत्तरवर्ती दिनांक 14 अगस्त 2009 के परिपत्र आरबीआई/2009-10/123 डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.344/02.14.06/2009-10 संदर्भ लें।

2. ऐसे लिखतों को जारी करने वाली अधिकृत वर्तमान संस्थाओं से प्राप्त फीडबैक (प्रतिपुष्टि) और बाजार की गतिविधियों पर निगरानी के आधार पर, देश में ऐसे लिखतों के व्यवस्थित विकास को सुकर बनाने के लिए यह आवश्यक माना गया है कि इसके दिशा-निर्देशों के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया जाए।

3. दिशा-निर्देशों में संशोधन से (i) यूटिलिटी बिलों/आवश्यक सेवाओं के भुगतान के लिए, हवाई/ट्रेन यात्रा टिकटों की खरीद के लिए अभीष्ट सेमी-क्लोज्ड पूर्वदत्त लिखतों (प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स) के उपयोग का विस्तार होगा (ii) बैंकों को अपने व्यापार प्रतिनिधियों के अतिरिक्त एजेंट द्वारा सेमी-क्लोज्ड प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स जारी करने की अनुमति मिल सकेगी (iii) सह-ब्रेंड पूर्वदत्त (प्रीपेड) भुगतान लिखतों को जारी करने की अनुमति मिल सकेगी।

4. निम्नलिखित के लिए अतिरिक्त दिशानिर्देश निर्धारित किए गए हैं (i) उपहार पूर्वदत्त (प्रीपेड) लिखत (ii) सरकारी संगठनों और अन्य वित्तीय संस्थाओं जारी तथा उनके लाभार्थियों/ग्राहकों को आगे जारी करने के लिए पूर्वदत्त (प्रीपेड) लिखत, और (iii) मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत लाभार्थियों को उनके द्वारा प्राप्त आवक प्रेषण की सीमा-पार लोडिंग के लिए जारी किए गए पूर्वदत्त लिखत।

संशोधन

5. हमारे दिनांक 27 अप्रैल 2009 के परिपत्र आरबीआई/2008-09/458-डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं1873/02.14.06/2008-09. के साथ संलग्न दिशा-निर्देशों में दिए गए प्रावधानों को निम्नानुसार संशोधित किया गया है:

(i) पैरा 6.4 (iii); यह निर्णय लिया गया है कि उपयोगिता बिलों और आवश्यक सेवाओं के भुगतान के साथ-साथ यात्रा टिकटों की खरीद को एक अनुमत गतिविधि के रूप में शामिल किया जाए। संशोधित पैरा को अब इस प्रकार पढ़ा जा सकता है:

"अर्ध-बंद प्रणाली भुगतान लिखत (सेमी-क्लोज्ड सिस्टम पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स) जो केवल 10,000/- की सीमा तक उपयोगिता बिलों / आवश्यक सेवाओं / यात्रा टिकटों के भुगतान की अनुमति देते हैं, जारीकर्ता द्वारा कोई अलग केवाईसी लिए बिना जारी किए जा सकते हैं। ऐसे लिखत (इंस्ट्रूमेंट) जारी करने वाले व्यक्ति यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इन लिखतों को केवल उन संस्थाओं में स्वीकार्य बनाया जाए जो ग्राहकों की पूरी पहचान रखते हैं/सत्यापित करते हैं। उपयोगिता बिल/आवश्यक सेवाएं/यात्रा टिकट में केवल बिजली बिल, पानी बिल, टेलीफोन/मोबाइल फोन बिल, बीमा प्रीमियम, रसोई गैस भुगतान, इंटरनेट/ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिए किराया, केबल/डीटीएच अभिदान, सरकार या सरकारी निकायों द्वारा नागरिक सेवाएं और हवाई/रेल यात्रा के लिए टिकट बुकिंग शामिल होंगे"

(ii) पैरा 8.2: यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को एजेंटों के माध्यम से अर्ध-बंद पूर्वदत्त लिखत (सेमी-क्लोज्ड प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट्स) जारी करने की अनुमति दी जाए, भले ही ऐसे एजेंट, प्रीपेड कार्ड जारी करने वाले बैंक के व्यवसाय प्रतिनिधि न हों। संशोधित पैरा को अब इस प्रकार पढ़ा जा सकता है:

8.2.1 इस संबंध में रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बैंकों को नकद/बैंक खाते से नामे कर /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर अपनी शाखाओं और एटीएम में अपने व्यापार प्रतिनिधियों के माध्यम से ऐसे भुगतान लिखत जारी करने और पुनः लोड करने की अनुमति दी जाती है।

8.2.2 बैंकों को एजेंटों (बीसी के अलावा) के माध्यम से नकद/बैंक खाते से नामे/क्रेडिट कार्ड से भुगतान करके सेमी-क्लोज्ड प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रुमेंट (अर्ध-बंद पूर्वदत्त भुगतान लिखत) जारी करने और पुनः लोड करने की अनुमति निम्नलिखित शर्तों के अधीन है:-

i) जारीकर्ता ऐसे लिखतों की बिक्री के लिए एजेंट के रूप में नियुक्त करने से पहले व्यक्तियों की उचित सम्यक जांच करें।

ii) जारीकर्ता उनके एजेंटों द्वारा जारी किए गए सभी भुगतान लिखतों के लिए जिम्मेदार होगा।

iii) पूर्वदत्त भुगतान लिखत के जारीकर्ता अपने एजेंटों की भूल-चूक के सभी कार्यों के लिए मालिक (प्रिंसिपल) के रूप में जिम्मेदार होंगे।

iv) एजेंट के स्थान पर नकद द्वारा बिक्री/पुनः -लोडिंग प्रति ग्राहक 5000/- के मूल्य तक सीमित होगी।

v) दिशा-निर्देशों के पैरा 6.4(iii) में अर्ध-बंद लिखतों के लिए, जो केवल उपयोगिता बिलों/आवश्यक सेवाओं/यात्रा टिकटों के भुगतान की अनुमति देते हैं, नकद/बैंक खाते से डेबिट/क्रेडिट कार्ड द्वारा बिक्री/पुनः लोडिंग की सीमा 10,000/- रुपये होगी

सह-ब्रांडेड पूर्वदत्त (प्री-पेड) भुगतान लिखत

6. बैंक और बैंकेतर (गैर-बैंक) संस्थाएं संवर्धन और निष्ठा के उद्देश्य से कॉर्पोरेट, सरकारी संगठनों आदि के साथ सह-ब्रांडेड पूर्वदत्त (प्रीपेड) लिखतों को जारी करने के लिए हमारी स्वीकृति मांग रही हैं। इस संबंध में दिशा-निर्देशों में एक नया अनुच्छेद (पैराग्राफ) संख्या 13 जोड़ी गई है।

अनुच्छेद (पैरा) 13: पूर्वदत्त भुगतान लिखत जारी करने के लिए अधिकृत/अनुमोदित सभी व्यक्तियों को ऐसे लिखतों को वित्तीय संस्था/सरकारी संगठन आदि के नाम/लोगो के साथ सह-ब्रांड करने की अनुमति है जिनके ग्राहकों /लाभार्थियों के लिए ऐसे लिखत जारी किए जा रहे हों। जारीकर्ता का नाम भुगतान लिखत पर स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए। ऐसे सह-ब्रेंड प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट जारी करने के इच्छुक बैंक/एनबीएफसी/अन्य व्यक्ति भारतीय रिजर्व बैंक से एकबारगी अनुमोदन प्राप्त कर सकते हैं।

अतिरिक्त दिशानिर्देश

7. दिशा-निर्देशों के पैरा 6 के तहत दिए गए प्रावधानों को नीचे सूचीबद्ध प्रकार के पूर्वदत्त लिखतों हेतु विशिष्ट दिशा-निर्देशों को शामिल करने हेतु संशोधित किया गया है। ऐसे पूर्वदत्त भुगतान लिखत केवल अनुबंध में दर्शाए गए दिशा-निर्देशों के अनुपालन में जारी किए जाएंगे।

i) बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और अन्य व्यक्तियों द्वारा जारी गिफ्ट कार्ड;

ii) बैंकों द्वारा निम्नलिखित को जारी पूर्वदत्त लिखत -

(ए) सरकारी संगठनों को सरकार प्रायोजित योजनाओं के लाभार्थियों को ऐसी योजनाओं से प्राप्त निधियों को लोड करने हेतु आगे जारी करने के लिए

(बी) वित्तीय संस्थाओं को उनके द्वारा अपने ग्राहकों को एकबारगी/आवधिक भुगतान लोड करने के लिए

(सी) मुद्रा अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत लाभार्थियों को उनके द्वारा प्राप्त आवक प्रेषण की सीमा पार लोडिंग के लिए।

8. यह निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007, (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के तहत जारी किया गया है।

भवदीय

(जी.पद्मनाभन)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

1. बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अन्य व्यक्तियों द्वारा पूर्वदत्त गिफ्ट लिखत जारी करना

पूर्वदत्त गिफ्ट लिखत (प्रीपेड गिफ्ट इंस्ट्रूमेंट्स) बैंकों और अन्य व्यक्तियों द्वारा विभिन्न विशेषताओं और वैधता अवधि के साथ जारी किए जा रहे हैं। प्रीपेड गिफ्ट इंस्ट्रूमेंट्स के मामले को सुव्यवस्थित करने के लिए बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और अन्य व्यक्तियों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन प्रीपेड गिफ्ट इंस्ट्रूमेंट्स जारी करने की अनुमति दी गई है:

क) प्री-पेड गिफ्ट लिखतों की अधिकतम वैधता अवधि एक वर्ष की होगी।

बी) ऐसे प्रत्येक भुगतान लिखत का अधिकतम मूल्य 50,000/- से अधिक नहीं होगा।

ग) ये लिखत पुनः लोड नहीं किए जा सकेंगे।

घ) ऐसे लिखतों के लिए नकद आहरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

ई) ऐसे लिखतों के खरीदारों का पूर्ण केवाईसी रखा जाएगा। (उन ग्राहकों के मामले में अलग से केवाईसी की आवश्यकता नहीं होगी, जिन्हें भारत में उनके बैंक खातों में, जो पूरी तरह से केवाईसी के अनुरूप हैं; नामे कर ऐसे लिखत जारी किए गए हैं)।

च) जारीकर्ता उन व्यक्तियों का विवरण रखेगा जिन्हें ऐसे लिखत जारी किए गए हैं और मांग किए जाने पर उपलब्ध कराएगा। जारीकर्ता यह भी सुनिश्चित करेगा कि विनियामक या सरकार द्वारा जब भी माँगा जाएगा उन्हें प्रस्तुत करने हेतु अंतिम लाभार्थी का पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाएगा।

छ) संस्थाएं किसी एक ग्राहक को जारी किए जा सकने वाले लिखतों की संख्या, लेन-देन की सीमा आदि तय करने हेतु अपने बोर्ड द्वारा विधिवत अनुमोदित जोखिम आधारित दृष्टिकोण अपनाएं।

2. बैंकों द्वारा सरकारी संगठनों को सरकार प्रायोजित योजनाओं के लाभार्थियों को आगे जारी करने के उद्देश्य से निर्गत पूर्वदत्त लिखत

बैंकों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन सरकारी प्रायोजित योजनाओं के लाभार्थियों को आगे जारी करने के लिए सरकारी संगठनों को पूर्वदत्त लिखत जारी करने की अनुमति दी गई है:-

क) लाभार्थियों की पहचान के सत्यापन की जिम्मेदारी सरकारी संगठनों की होगी।

ख) ये भुगतान लिखत केवल उसी बैंक के साथ सरकारी संगठनों द्वारा रखे गए बैंक खाते में नामे कर लोड किए जाएंगे। इन लिखतों की पुनः लोडिंग भी केवल इसी खाते से नामे करके की जाएगी।

ग) ऐसे प्रत्येक भुगतान साधन का अधिकतम मूल्य 50,000/- रुपये से अधिक नहीं होगा।

घ) यदि अनुरोध किया जाता है तो बैंक ऐसे भुगतान लिखतों से लाभार्थी के नियमित बैंक खाते में निधियों के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेंगे।

च) इन लिखतों से संबंधित सभी ग्राहक सेवा पहलुओं की जिम्मेदारी बैंक की होगीI

3. बैंक द्वारा अन्य वित्तीय संस्थाओं को उनके द्वारा अपने ग्राहकों को एकबारगी/आवधिक भुगतान लोड करने के लिए निर्गत पूर्वदत्त लिखत

विभिन्न वित्तीय संस्थाओं जैसे भारतीय जीवन बीमा निगम से आवेदन प्राप्त हुए हैं कि बैंकों द्वारा इन संगठनों अपने ग्राहकों को एकबारगी /आवधिक भुगतान के लिए पूर्वदत्त लिखत जारी किए जाएं। तदनुसार बैंकों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन अन्य वित्तीय संस्थाओं को उनके द्वारा अपने ग्राहकों को एकमुश्त/आवधिक भुगतान जमा (क्रेडिट) करने हेतु प्रीपेड लिखत जारी करने की अनुमति दी गई है:-

क) बैंक, इन लिखतों को जारी करने से पहले इन संगठनों द्वारा अपनाई जाने वाली केवाईसी पद्धतियों की पर्याप्तता के संबंध में स्वयं को संतुष्ट करेंगे।

ख) ये भुगतान लिखत केवल उसी बैंक के साथ वित्तीय संस्थाओं द्वारा रखे गए बैंक खाते से नामे (डेबिट) कर लोड किए जाएंगे। इन लिखतों की पुनः लोडिंग भी केवल इसी खाते से नामे करके ही की जाएगी।

ग) ऐसे भुगतान लिखतों का अधिकतम मूल्य 50,000/- से अधिक नहीं होगा।

घ) बैंक, आवेदन किए जाने पर, ऐसे भुगतान लिखतों से लाभार्थी के नियमित बैंक खाते में निधियों के अंतरण की सुविधा प्रदान करेंगे।

च) इन लिखतों से संबंधित सभी ग्राहक सेवा पहलुओं के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे

4. सीमा-पार आवक विप्रेषण क्रेडिट (जमा) करने के लिए बैंकों द्वारा जारी पूर्वदत्त लिखत

बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक की मुद्रा अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत अनुमोदित प्रधान (प्रिंसिपल) एजेंटों को या लाभार्थी को सीधे आवक विप्रेषण से योजना के तहत निधियों की लोडिंग के लिए निम्नलिखित शर्तों के अधीन पूर्वदत्त लिखत जारी करने की अनुमति दी गई है:-

क) बैंक लाभार्थियों को ऐसे पूर्वदत्त भुगतान लिखत सीधे जारी करते समय, उनकी उचित पहचान सुनिश्चित करेंगे।

ख) बैंक इन लिखतों को जारी करने से पहले लाभार्थियों की पहचान करने के लिए एजेंटों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रणालियों के बारे में स्वयं को संतुष्ट करेंगे।

ग) कार्ड को केवल एमटीएसएस संबंधी दिशा-निर्देशों के तहत प्राप्त विप्रेषण आगम के साथ लोड किया जाएगा।

घ) ऐसे भुगतान लिखत का अधिकतम मूल्य 50,000/- से अधिक नहीं होगा।

च) एकल जमा (सिंगल क्रेडिट) को भुगतान के विभिन्न तरीकों (मोड्स) में विभाजित करने की अनुमति नहीं होगी। एमटीएसएस के तहत 50,000/- से अधिक प्राप्त किसी भी राशि का भुगतान बैंक खाते में जमा (क्रेडिट) द्वारा किया जाना चाहिए।

छ) बैंक आवेदन किए जाने पर ऐसे भुगतान लिखतों से लाभार्थी के नियमित बैंक खाते में निधियों के अंतरण की सुविधा प्रदान करेंगे।

ज) बैंक इन लिखतों से संबंधित सभी ग्राहक सेवा पहलुओं के लिए जिम्मेदार होंगे।

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