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विदेशों में रुपया--मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड जारी करना - बहुपक्षीय एवं प्रादेशिक वित्तीय संस्थानों को निवेशक के रूप में अनुमति

भा.रि.बैंक/2016-17/233
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.31

16 फरवरी 2017

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक

महोदया/महोदय,

विदेशों में रुपया--मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड जारी करना -
बहुपक्षीय एवं प्रादेशिक वित्तीय संस्थानों को निवेशक के रूप में अनुमति

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या.श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान दिनांक 13 अप्रैल 2016 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.60 के पैराग्राफ संख्या 04 की ओर आकृष्ट किया जाता है। साथ ही प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या.श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान ‘बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, प्राधिकृत व्यापारियों तथा प्राधिकृत व्यापारियों से इतर व्यक्तियों द्वारा विदेशी मुद्रा में उधार लेने एवं उधार देने’ से संबंधित समय-समय पर यथासंशोधित 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं. 05 के पैराग्राफ 3.3.3 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है जिसमें विदेशों में रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड जारी करने हेतु मान्यता-प्राप्त निवेशकों संबंधी पात्रता मानदण्ड निर्धारित किए गए हैं।

2. विदेशों में रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड जारी करने वाली भारतीय एंटिटियों को अधिकतम निवेशक-विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि उन बहुपक्षीय एवं प्रादेशिक वित्तीय संस्थानों, जिनमें भारत एक सदस्य देश है, को भी विदेशों में जारी रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड्स में निवेश करने की अनुमति दी जाए।

3. ऊपर उल्लिखित दिनांक 13 अप्रैल 2016 के परिपत्र तथा दिनांक 29 सितंबर 2015 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 29 के प्रावधान एवं अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं।

4. रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड्स के संबंध में जारी संशोधित अनुदेश / किए गए परिवर्तन इस परिपत्र को जारी करने की तारीख से प्रभावी होंगे।

5. इन परिवर्तनों को दर्शाने के लिए 01 जनवरी 2016 को जारी मास्टर निदेश सं.05/2015-16 के संबन्धित पैराग्राफों को तदनुसार अद्यतन किया जा रहा है।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीय

(दीपक कुमार)
मुख्य महाप्रंबधक

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