RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79082491

‘अपने ग्राहक को जानिए’ संबंधी मानदंड/धन शोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध/धन शोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व

आरबीआइ/2009-10/152
बैंपविवि. सं. एएमएल. बीसी 43/14.01.001/2009-10

11 सितंबर 2009
19 भाद्र 1931 (शक)

अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर/
वित्तीय संस्थाएं/स्थानीय क्षेत्र बैंक)

महोदय

‘अपने ग्राहक को जानिए’ संबंधी मानदंड/धन शोधन निवारण
मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध/धन शोधन निवारण
अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व

कृपया ‘अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धन शोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध/धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 पर पर 01 जुलाई 2009 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 2/ 14.01.001/2009-10 देखें ।

अभिलेखों की परिरक्षण अवधि

2. सरकार की अधिसूचना के अनुसार धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2002 (वर्ष 2009 का सं. 21) 01 जून 2009 से लागू हो गया है । धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 (पीएमएलए, 2009) की धारा 12 की उप-धारा 2(क) के अनुसार धारा 12 की उप-धारा (1) के खंड (क) के अंतर्गत उल्लिखित अभिलेखों को ग्राहक तथा किसी बैंकिंग कंपनी के बीच हुए लेनदेन की तारीख से 10 वर्ष तक अनुरक्षित किया जाए और उपर्युक्त अधिनियम की धारा 12 की उप-धारा 2(ख) के अनुसार धारा 12 की उप-धारा (1) के खंड (ग) के अंतर्गत उल्लिखित अभिलेखों को ग्राहक तथा किसी बैंकिंग कंपनी के बीच हुए लेनदेन के समाप्त होने की तारीख से 10 वर्ष तक अनुरक्षित किया जाए ।

3. तदनुसार, 01 जुलाई 2009 के उक्त मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ 2.16(iii) (क) को संशोधित करते हुए बैंकों को सूचित किया गया है कि वे बैंक तथा ग्राहक के बीच लेनदेन की तारीख से धन शोधन निवारण (लेनदेन के स्वरूप एवं मूल्य का अनुरक्षण, अनुरक्षण की प्रक्रिया तथा विधि और सूचना प्रस्तुत करने की समय-सीमा, बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं तथा मध्यवर्ती संस्थाओं  के ग्राहकों की पहचान के रिकार्डों का अनुरक्षण) 2005 की नियमावली  (पीएमएलए नियमावली) के नियम 3 के अंतर्गत उल्लिखित घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रकार के लेनदेन के सभी आवश्यक रिकार्डों का कम-से-कम 10 वर्ष तक अनुरक्षण करें जिससे अलग-अलग लेनदेन के पुनर्निर्माण (इसमें शामिल मुद्राओं की राशि तथा उनके प्रकार, यदि कोई हों, सहित) में मदद मिलेगी ताकि यदि जरूरत पड़े तो आपराधिक गतिविधियों के अभियोजन के लिए साक्ष्य प्रस्तुत किया जा सके।

4. तथापि, 01 जुलाई 2009 के उपर्युक्त मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ 2.16 (iii) (ख) के अनुसार ग्राहक द्वारा खाता खोलते समय तथा कारोबारी संबंध बने रहने के दौरान उसकी पहचान और पते के संबंध में प्राप्त अभिलेख (जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, उपभोक्ता बिल आदि की प्रतिलिपियां) कारोबारी संबंध के समाप्त हो जाने के बाद कम-से- कम दस वर्ष तक परिरक्षित किए जाएं जो उक्त धन शोधन निवारण नियमावली, 2005 के नियम 10 के अनुसार अपेक्षित है।

पोलिटकली एक्सपोज्ड पर्सन (पीईपी) के खाते

5. पोलिटकली एक्सपोज्ड पर्सन तथा उसके पारिवारिक सदस्यों अथवा नजदीकी रिश्तेदारों पर लागू किए जाने वाले सीडीडी उपायों से संबंधित विस्तृत दिशानिर्देश उक्त मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ 2.5(iv) में दिए गए हैं । यह भी सूचित किया जाता है कि यदि कोई मौजूदा ग्राहक अथवा किसी मौजूदा खाते का लाभार्थी मालिक बाद में पोलिटकली एक्सपोज्ड पर्सन बन जाता है तो बैंकों को उसके साथ कारोबारी संबंध बनाए रखने के लिए वरिष्ठ प्रबंधतंत्र का अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए और उसके खाते को पोलिटकली एक्सपोज्ड पर्सन श्रेणी के ग्राहकों पर लागू होने वाले सीडीडी उपायों के अधीन रखना चाहिए। साथ ही, ऐसे ग्राहक और उसके खाते पर सतत आधार पर निगरानी बढ़ानी चाहिए।

प्रधान अधिकारी

6. बैंकों को उक्त मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ 2.15 के अंतर्गत यह सूचित किया गया है कि वे वरिष्ठ प्रबंधतंत्र के किसी अधिकारी को प्रधान अधिकारी के रूप में पदनामित करें। प्रधान अधिकारी की भूमिका और जिम्मेदारियों का विस्तृत उल्लेख उक्त पैराग्राफ में किया गया है। इस उद्देश्य से कि प्रधान अधिकारी अपनी जिम्मेदारियां निभा सकें यह सूचित किया जाता है कि ग्राहकों की पहचान से संबंधित आंकड़ों तथा अन्य सीडीडी सूचना, लेनदेन रिकार्डों एवं अन्य संबंधित सूचनाओं तक प्रधान अधिकारी तथा अन्य समुचित स्टाफ की समय पर पहुँच होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, बैंकों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रधान अधिकारी अपना कार्य स्वतंत्रतापूर्वक कर सके और सीधे वरिष्ठ प्रबंध तंत्र या निदेशक मंडल को रिपोर्ट करे। 

भवदीय

(विनय बैजल)
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?