अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व – ग्राहक के संबंध में उचित सावधानी उपाय - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व – ग्राहक के संबंध में उचित सावधानी उपाय
आरबीआई/2014-15/212 4 सितंबर 2014 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व – ग्राहक के संबंध में उचित सावधानी उपाय कृपया हमारे 01 जुलाई 2014 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं.22/14.00.001/2014-15 का पैरा 2 देखें जिसके अनुसार बैंकों से अपेक्षा की गई है कि-
2. इस संबंध में मिली प्रतिक्रिया तथा पीएमएल नियमों के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए मामले की समीक्षा की गई है। तदनुसार, यह सूचित किया जाता है कि खाता-आधारित संबंध शुरू करते समय और निरंतर आधार पर उचित सावधानी उपाय करते समय उपर्युक्त पैरा 1 (i) से 1 (iii) में दिए गए ग्राहक के संबंध में उचित सावधानी उपाय लागू किए जाने की अपेक्षा बनी रहेगी, तथापि उपर्युक्त पैरा 1 (iv) में दी गई सकारात्मक पुष्टि की अपेक्षा को अब समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। 3. इसके साथ ही, मौजूदा ग्राहकों में उच्च/मध्यम/कम जोखिम वाले ग्राहकों के लिए क्रमश: दो/आठ/दस वर्ष के अंतराल पर ग्राहक के संबंध में उचित सावधानी उपाय लागू किए जाने की अपेक्षा बनी रहेगी तथापि इसके लिए इस बात को ध्यान में रखा जाए कि पिछला ग्राहक उचित सावधानी उपाय कब तथा कैसे किया गया और प्राप्त डेटा पर्याप्त था। तथापि, इस प्रकार के आवधिक अपडेशन किए जाते समय ग्राहक की व्यक्तिगत उपस्थित पर जोर न दिया जाए। 4. बैंक उपर्युक्त निर्देशों के मद्देनजर अपनी केवाईसी नीति को संशोधित करें और इनका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। भवदीया (लिली वडेरा) |