अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत भुगतान प्रणाली परिचालकों का दायित्व – धारा 13(2) में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत भुगतान प्रणाली परिचालकों का दायित्व – धारा 13(2) में संशोधन
भारिबैं/2013-14/625 30 मई 2014 सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता, प्रणाली सहभागी महोदय/महोदया, अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत भुगतान प्रणाली परिचालकों का दायित्व – धारा 13(2) में संशोधन कृपया भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करना एवं उनका परिचालन- स्पष्टीकरण पर दिनांक 23 मार्च 2011 के हमारे परिपत्र डीपीएसएस सं. 2174/02.14.004/2010-11 के पैरा 3 का संदर्भ लें जिसमें यह कहा गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के द्वारा जारी किया गया पत्र जिसमें पीएमएल विनियमावली 2005 के पैरा 2 (घ) में यथा उद्धृत नाम, पता और आधार संख्या दी गई है, उसे “आधिकारिक वैध दस्तावेज़” के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। 2. धनशोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम 2012 के लागू होने तथा अधिनियम की धारा 13 में "जुर्माना लगाने के लिए निदेशक के अधिकार" का प्रावधान करते हुए संशोधन करने के कारण धारा 13(2) का पाठ अब निम्नानुसार होगा: "किसी भी जांच के दौरान यदि निदेशक यह पाता है कि रिपोर्टिंग संस्था या बोर्ड में उसका नामित निदेशक या उसका कोई कर्मचारी इस अध्याय के अंतर्गत आने वाले दायित्वों का अनुपालन करने में असफल रहता है तब इस अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान के अंतर्गत संभावित किसी अन्य कार्रवाई को प्रभावित किए बिना वह- (ए) लिखित में चेतावनी जारी कर सकता है; या (बी) ऐसी संस्था या बोर्ड में नामित निदेशक या उसके किसी कर्मचारी को विनिर्दिष्ट अनुदेशों का पालन करने का निदेश दे सकता है; या (सी) ऐसी संस्था या बोर्ड में नामित निदेशक या उसके किसी कर्मचारी को उसके द्वारा किए जाने वाले उपायों के संबंध में निर्धारित अंतराल पर रिपोर्ट भेजने के निदेश दे सकता है या (डी) ऐसी संस्था या बोर्ड में नामित निदेशक या उसके किसी कर्मचारी पर आदेश जारी करके जुर्माना लगा सकता है जो प्रत्येक चूक के लिए 10 हजार रुपये से कम नहीं होगा लेकिन उसे बढ़ाकर एक लाख रुपये तक किया जा सकता है। 3. उपर्युक्त संशोधन को ध्यान में रखते हुए, भुगतान प्रणाली परिचालक, धनशोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम 2012 के अंतर्गत अपने दायित्व का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपने बोर्ड में "नामित निदेशक" के रूप में एक निदेशक को नामित करें। भवदीय, (के.सी.आनंद) |