अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने/धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों के दायित्व-मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां–अभिलेखों के रखरखाव तथा उनकी परिरक्षण अवध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने/धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों के दायित्व-मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां–अभिलेखों के रखरखाव तथा उनकी परिरक्षण अवधि में परिवर्तन
भारिबैंक/2013-14/657 25 जून 2014 सभी प्राधिकृत व्यक्ति, महोदया/महोदय, अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने/धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों के दायित्व-मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां–अभिलेखों के रखरखाव तथा उनकी परिरक्षण अवधि में परिवर्तन कृपया उपर्युक्त विषय पर, समय समय पर यथासंशोधित 27 नवंबर 2009 के हमारे ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 17 (ए.पी. (एफएल/आरएल सीरीज) परिपत्र सं. 04) के पैरा 4.13 के 'अभिलेखों का रखरखाव तथा परिरक्षण' संबंधी खण्ड (iii) का अवलोकन करें। 2. उल्लिखित उपबंधों के अनुसार प्राधिकृत व्यक्तियों से अपेक्षित है कि वे उसमें दिए गए रिकार्डों का रखरखाव तथा परिरक्षण न्यूनतम दस वर्षों तक रखें। धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2012 द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 12 में संशोधन के मद्देनज़र अब प्राधिकृत व्यक्तियों से अपेक्षित है कि वे रिकार्डों का रखरखाव तथा परिरक्षण न्यूनतम पाँच वर्षों तक रखें। 3. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) और यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीय, (बी.पी.कानूनगो) |