भारिबैंक/2010-11/531 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.61 16 मई 2011 सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी)मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करना/ धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 के तहत प्राधिकृत व्यक्तियों के दायित्व- मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान 27 नवंबर 2009 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.17 (ए.पी. (एफएल/आरएल सिरीज) परिपत्र सं.4) के अनुबंध के एफ-भाग-। के पैराग्राफ 4.4(इ)(i), 4.4(इ)(ii) तथा 4.13(i) की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त पैराग्राफों में निहित अनुदेशों में संशोधन किया जाए । संशोधित अनुदेश अनुबंध में दिये गये हैं । 3. 27 नवंबर 2009 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.17 (ए.पी. (एफएल/आरएल सिरीज) परिपत्र सं.4) में निहित अन्य अनुदेश यथावत् बने रहेंगे । 4. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1), और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय-समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरुप और मूल्य (लागत) के अभिलेखों का रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के तहत जारी किये गये हैं । इन दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करने पर संबंधित अधिनियमों अथवा उसके तहत बनाये गये नियमों के दंडात्मक प्रावधानों को लागू किया जा सकता है । भवदीया ( मीना हेमचंद्र) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध(संशोधित) (16 मई 2011 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 61
पैराग्राफ सं.(देखें एफ-भाग-। (27 नवंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.17(ए.पी.(एफएल/आरएल सिरीज परिपत्र सं.4) |
मौजूदा अनुदेश |
संशोधित अनुदेश |
4.4 इ(i) ग्राहकों से विदेशी मुद्रा की खरीद |
ग्राहकों से 200 अथवा उसके समतुल्य अमरीकी डॉलर से कम राशि के विदेशी मुद्रा नोटों और/ अथवा यात्री चेकों की खरीद के लिए पहचान कागजातों की फोटोकापियाँ प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है । तथापि, पहचान कागजातों के पूरे ब्योरे बनाये रखे जाने चाहिए । |
ग्राहकों से रू.50,000/- से कम अथवा समतुल्य विदेशी मुद्रा नोटों और/ अथवा यात्री चेकों की खरीद के लिए पहचान कागजातों की फोटोकापियाँ प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।तथापि, पहचान कागजातों के पूरे ब्योरे बनाये रखे जाने चाहिए । यदि प्राधिकृत व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए कारण हैं कि कोई ग्राहक जान बूझकर रू.50,000/- की सीमा से कम लेनदेनों की सिरीज में लेनदेन कर रहा है, तो प्राधिकृत व्यक्ति को ग्राहक की पहचान और पते का सत्यापन करना चाहिए और एफआइयु-आइएनडी को संदेहास्पद लेनदेन रिपोर्ट फाइल करने पर भी विचार करना चाहिए। |
4.4 इ(ii) |
ग्राहकों से 200 अथवा उसके समतुल्य अमरीकी डॉलर से अधिक राशि के विदेशी मुद्रा नोटों और/ अथवा यात्री चेकों की खरीद के लिए इस परिपत्र के संलग्नक (एफ-भाग-।।) में उल्लेख किये गये अनुसार, पहचान कागजातों का सत्यापन किया जाए तथा उसकी एक प्रति रखी जाए । |
ग्राहकों से रू.50,000/-से कम अथवा उसके समतुल्य से अधिक राशि के विदेशी मुद्रा नोटों और/ अथवा यात्री चेकों की खरीद के लिए 27 नवंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.17(ए.पी.(एफएल/आरएल सिरीज) परिपत्र सं.4)के संलग्नक (एफ-भाग-।।) में उल्लेख के अनुसार, पहचान संबंधी कागजातों का सत्यापन किया जाए तथा उसकी प्रतियां रखी जाए । |
4.4 इ(vi) |
काले धन के शोधन अथवा आतंकवादी निधियन के किसी संदेहास्पद मामले में , निहित राशि पर ध्यान दिये बिना, ग्राहक के संबंध में समुचित सावधानी के और उपाय अमल में लाए जाएं । |
काले धन के शोधन अथवा आतंकवादी निधियन के किसी संदेहास्पद मामले में , निहित राशि पर ध्यान दिये बिना, ग्राहक के संबंध में समुचित सावधानी के और उपाय अमल में लाए जाएं । जब कभी काले धन के शोधन तथा आतंकवादी निधियन का संदेह हो अथवा जब अन्य घटक यह विश्वास दिलाते हों कि ग्राहक, वास्तव में, कम जोखिम वाला नहीं है, तो उस ग्राहक के लिए किसी लेनदेन को करने से पहले पूर्ण रूपेण समुचित सावधानी बरतने के उपाय किए जाएं। |
4.13 (i) लेनदेनों के रिकार्ड रखना |
प्राधिकृत व्यक्तियों को नियम 3 के तहत निर्धारित लेनदेनों का उचित रिक़ार्ड रखने के लिए नीचे दर्शाये अनुसार एक प्रणाली अमल में लानी चाहिए : ए) दस लाख रुपये अथवा विदेशी मुद्रा में उसके समतुल्य राशि से अधिक मूल्य के सभी नकदी लेनदेन ; बी) दस लाख रुपये अथवा विदेशी मुद्रा में उसके समतुल्य राशि से कम मूल्य के एक दूसरे से संबध्द सभी नकदी लेनदेनों की श्रृंखला, जब श्रृंखला के सभी लेनदेन एक महीने के भीतर किये गये हों ; और सी) नकदी में और नियमों में उल्लेख किये गये रुप में किये गये अथवा न किये गये सभी संदेहास्पद लेनदेन । |
प्राधिकृत व्यक्तियों को नियम 3 के तहत निर्धारित लेनदेनों का उचित रिक़ार्ड रखने के लिए नीचे दर्शाये अनुसार एक प्रणाली अमल में लानी चाहिए : ए) दस लाख रुपये अथवा विदेशी मुद्रा में उसके समतुल्य राशि से अधिक मूल्य के सभी नकदी लेनदेन ; बी) दस लाख रुपये अथवा विदेशी मुद्रा में उसके समतुल्य राशि से कम मूल्य के एक दूसरे से संबध्द सभी नकदी लेनदेनों की श्रृंखला, जब श्रृंखला के सभी लेनदेन एक महीने के भीतर किये गये हो ; और ऐसे लेनदेनों का समग्र मूल्य दस लाख रुपये से अधिक हों; सी) दस लाख रूपये अथवा विदेशी मुद्रा में उसके समतुल्य राशि से अधिक मूल्य के निर्लाभ संगठनों द्वारा प्राप्तियों सहित सभी लेनदेन (संदर्भ: 12 नवंबर 2009 की भारत सरकार की अधिसूचना- पीएमएल नियमावली का नियम 3, उप-नियम (1) खंड (बीए); डी) ऐसे नकदी लेनदेन जिनमें जाली अथवा खोटे मुद्रा नोटों अथवा बैंक नोटों का उपयोग असली नोटों के रूप में किया गया है और जहां लेनदेन करने के लिए किसी मूल्यवान प्रतिभूति अथवा दस्तावेज में जालसाजी की गयी है । इ) नकदी में और नियमों में उल्लेख किये गये रुप में किये गये अथवा न किये गये सभी संदेहास्पद लेनदेन । |
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