बड़ी राशि वाले ऋण खातों के संबंध में स्वत्व-दस्तावेज़ों (टाइटल-डाक्यूमेंट) की विधिक लेखापरीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
बड़ी राशि वाले ऋण खातों के संबंध में स्वत्व-दस्तावेज़ों (टाइटल-डाक्यूमेंट) की विधिक लेखापरीक्षा
भारिबैं/2012-13/524 07 जून 2013 अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/महोदया बड़ी राशि वाले ऋण खातों के संबंध में स्वत्व-दस्तावेज़ों (टाइटल-डाक्यूमेंट) की विधिक लेखापरीक्षा कृपया 30 जून, 2011 का हमारा परिपत्र बैपवि.केका.धोनिक.बीसी.सं.11/23.0.001/2010-11 देखें जिसमें बैंकों से यह अपेक्षा की गई थी कि वे इस प्रकार की प्रणाली स्थापित करें जिसकी संगामी लेखापरीक्षक पड़ताल करें और अन्य बातों के साथ-साथ विशेष रूप से बड़ी राशि के ऋणों के स्वत्व दस्तावेज़ों की वास्तविकता के बारे में रिपोर्ट करें। 2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों द्वारा दिए गए 5 करोड़ रुपए एवं उससे अधिक राशि के समस्त ऋणों के संबंध में हक-विलेखों (टाइटल डीड्स) एवं अन्य दस्तावेज़ों की आवधिक रूप से विधिक लेखापरीक्षा की जाए तथा संबंधित प्राधिकारियों के साथ उसके स्वत्व (टाइटल) का पुनर्सत्यापन किया जाए और यह कार्य तब तक नियमित लेखापरीक्षा के अंतर्गत किया जाएगा जब तक कि ऋण की पूरी तरह से चुकौती न हो जाए। 3. बैंक, अपने बोर्ड/बोर्ड की विधिक लेखपारीक्षा समिति को इस विधिक लेखापरीक्षा के संबंध में जानकारी देते हुए एक समीक्षा नोट तिमाही अंतराल पर प्रस्तुत करेंगे जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ इन पहलुओं को भी शामिल किया जाए जैसे- उन ऋण खातों की संख्या जिनकी तिमाही में विधिक लेखापरीक्षा की जानी है, कितने खातों की विधिक लेखापरीक्षा की जा चुकी है, लेखापरीक्षकों द्वारा पाई गई अनियमितताओं की सूची, स्थिति को सुधारने के लिए उठाए गए कदम, उन खातों की संख्या जिनमें सुधार नहीं हो सका, ऐसे मामलों में बैंक के हित की रक्षा के लिए की जाने वाली कार्रवाई, पूर्व तिमाहियों के लंबित मुद्दों के संबंध में की गई कार्रवाई आदि। भवदीय (आर. के. शर्मा) |