डिजिटल ऋण प्लेटफार्मों पर बैंकों और एनबीएफसी द्वारा प्राप्त ऋण: उचित व्यवहार संहिता और आउटसोर्सिंग दिशानिर्देशों का पालन - आरबीआई - Reserve Bank of India
डिजिटल ऋण प्लेटफार्मों पर बैंकों और एनबीएफसी द्वारा प्राप्त ऋण: उचित व्यवहार संहिता और आउटसोर्सिंग दिशानिर्देशों का पालन
भारिबैं/2019-20/258 24 जून 2020 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी को छोड़कर) महोदया/महोदय, डिजिटल ऋण प्लेटफार्मों पर बैंकों और एनबीएफसी द्वारा प्राप्त ऋण: यह देखा गया है कि वित्तीय क्षेत्र में खुदरा व्यक्तियों, छोटे व्यापारियों और अन्य उधारकर्ताओं को झंझट रहित ऋण देने का दावा करने वाले कई डिजिटल प्लेटफॉर्म उभरे हैं। बैंक और एनबीएफसी भी अपने ग्राहकों को ऋण प्रदान करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का प्रयोग करते देखे जाते हैं। इसके अलावा, कुछ एनबीएफसी को रिजर्व बैंक के साथ 'केवल-डिजिटल' ऋण देने वाली संस्थाओं के रूप में पंजीकृत किया गया है जबकि कुछ एनबीएफसी ऋण प्रदान करने के लिए डिजिटल और पारंपरिक दोनों चैनलों पर काम करने के लिए पंजीकृत हैं। इस प्रकार बैंकों और एनबीएफसी को या तो सीधे अपने डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से या आउटसोर्सिंग व्यवस्था के अंतर्गत डिजिटल ऋण प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऋण देते देखा जाता है। 2. यह भी देखा गया है कि ऋण देने वाले प्लेटफार्म बैकएंड पर बैंक/एनबीएफसी के नाम का खुलासा किए बिना स्वयं को ऋणदाता के रूप में चित्रित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक विनियामक ढांचे के अंतर्गत उपलब्ध शिकायत निवारण व्यवस्था तक नहीं पहुंच पाते हैं। हाल के दिनों में, ऋण प्लेटफार्मों के विरुद्ध कई शिकायतें पाई गई हैं जो मुख्य रूप से अत्यधिक ब्याज दरों, ब्याज की गणना करने के लिए गैर-पारदर्शी तरीकों, कठोर वसूली उपायों, व्यक्तिगत डेटा के अनधिकृत उपयोग और बुरे व्यवहार से संबंधित हैं। 3. यद्यपि ऋण मध्यस्थता में डिजिटल वितरण एक स्वागत योग्य उपलब्धि है, लेकिन लेनदेन की पारदर्शिता न होने और वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग और उचित व्यवहार संहिता आदि पर बैंकों तथा एनबीएफसी को जारी मौजूदा दिशा-निर्देशों, जिसका संदर्भ अनुलग्नक में दिया गया है, के उल्लंघन से संबंधित चिंताएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए, यह दोहराया जाता है कि, बैंकों और एनबीएफसी को, चाहे वे अपने डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से या आउटसोर्सिंग व्यवस्था के अंतर्गत डिजिटल ऋण प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऋण देते हों, को अनिवार्य रूप से उचित व्यवहार संहिता के दिशा-निर्देशों का अक्षरश: पालन करना चाहिए। उन्हें वित्तीय सेवाओं और आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर जारी विनियामकीय निर्देशों का भी सावधानीपूर्वक पालन करना चाहिए। 4. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बैंकों/एनबीएफसी द्वारा किसी भी गतिविधि को आउटसोर्स करने से उनके दायित्वों में कमी नहीं आती है, क्योंकि विनियामक निर्देशों के अनुपालन की जिम्मेदारी केवल उनके पास है। बैंक और एनबीएफसी जहां कहीं भी डिजिटल ऋण प्लेटफार्मों को अपने एजेंट के रूप में उधारकर्ताओं को ऋण देने और/या बकाया वसूलने के लिए शामिल करते हैं, उन्हें निम्नलिखित निर्देशों का पालन करना होगा:
5. बैंकों और एनबीएफसी (जिसमें 'केवल-डिजिटल' अथवा डिजिटल और पारंपरिक दोनों चैनलों पर ऋण देने के लिए पंजीकृत एनबीएफसी सहित) द्वारा इस संबंध में किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा। भवदीय (मनोरंजन मिश्र) मौजूदा निर्देशों का संदर्भ (क) 'ऋणदाता के लिए उचित व्यवहार संहिता पर दिशानिर्देश' के पैरा 2.5.2 (ii) (ऋण मूल्यांकन और नीयम/शर्तें) एवं, दिनांक 01 जुलाई, 2015 को 'ऋण और अग्रिम - वैधानिक और अन्य प्रतिबंधों' पर जारी मास्टर परिपत्र का 'बैंकों द्वारा लगाए गए रिकवरी एजेंटों पर दिशानिर्देश' के पैरा 2.6; (ख) 03 नवंबर 2006 को जारी ‘बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिमों के प्रबंधन और आचार संहिता पर दिशानिर्देश’ संबंधी परिपत्र के अनुलग्नक का पैरा 4 ; (ग) 01 जुलाई, 2015 को जारी ‘बैंकों में ग्राहक सेवा' संबंधी मास्टर परिपत्र का पैरा 8.5 (बी); (घ) 'उचित व्यवहार संहिता पर दिशानिर्देश' के पैरा 29 (ऋण मूल्यांकन और नीयम/शर्तें) एवं मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली तथा जमाराशि स्वीकार करने वाली (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के अनुलग्नक XXV (बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिमों के प्रबंधन और आचार संहिता पर निदेश) के पैरा 4; (ङ) 08 जून, 2017 को 'एनबीएफसी सेक्टर के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा' पर जारी मास्टर निदेश के खंड ए का पैरा 7.2; और (च) 'उचित व्यवहार संहिता पर दिशानिर्देश' के पैरा 29 (ऋण मूल्यांकन और नीयम/शर्तें) एवं मास्टर निदेश-गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- गैर-प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, के अनुलग्नक XIX (एनबीएफ़सी द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिमों के प्रबंधन और आचार संहिता पर निदेश) के पैरा 4.1 |