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सरकारी खातों का रखरखाव - विलंबित विप्रेषण और अतिरिक्त/दोगुनी प्रतिपूर्ति पर ब्याज - आरबीआई - Reserve Bank of India

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सरकारी खातों का रखरखाव - विलंबित विप्रेषण और अतिरिक्त/दोगुनी प्रतिपूर्ति पर ब्याज

आरबीआई/2005-06/387
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच17981/42.01.011/2005-06

17 मई 2006
वैशाख 27, 1928 (एस)

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक,
भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंक,
सभी राष्ट्रीयकृत बैंक,
जम्मू और कश्मीर बैंक लिमिटेड,
आईडीबीआई लिमिटेड/एचडीएफसी बैंक लिमिटेड/
आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड/यूटीआई बैंक लिमिटेड

महोदय,

सरकारी खातों का रखरखाव - विलंबित विप्रेषण और अतिरिक्त/दोगुनी प्रतिपूर्ति पर ब्याज

कृपया उपर्युक्त विषय पर 18 नवम्बर 2005 के हमारे परिपत्र सं.आरबीआई/2005/209 (डीजीबीए.जीएडी.सं.एच5872/42.01.011/2005-06) का संदर्भ देखें।

2. हम सूचित करते हैं कि अगले अनुदेशों तक विलंबित विप्रेषण और दोगुनी/अतिरिक्त प्रतिपूर्ति पर ब्याज दर 8% (यानी बैंक दर 6% + 2%) अपरिवर्तित बनी रहेंगी।

भवदीय

(एम. टी. वर्गीज)
महाप्रबंधक

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