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सीमांत स्‍थायी सुविधा – योजना

भारिबैं/2010-11/515
एफएमडी.सं.59/01.18.001/2010-11

09 मई 2011

सभी अनुसूचित वाणिज्‍य बैंक

महोदय

सीमांत स्‍थायी सुविधा – योजना

जैसा कि वर्ष 2011-12 के लिए मौद्रिक नीति में घोषणा की गई है, एक नयी सीमांत स्‍थायी सुविधा (एमएसएफ) 9 मई 2011 से शुरु की जा रही है।

यह योजना मौजूदा चलनिधि समायोजन सुविधा रिपो योजना (एलएएफ – रिपो) की तरह ही चलायी जाएगी। इस योजना की मुख्‍य-मुख्‍य बातें निम्‍नानुसार हैं:-

1. प्रभावी तारीख

यह योजना 9 मई, 2011 से प्रभावी होगी।

2. पात्रता

ऐसे सभी अनुसूचित वाणिज्‍य बैंक जिनका रिज़र्व बेंक के साथ चालू खाता और एसजीएल खाता है, एमएसएफ योजना में भाग लेने के लिए पात्र होंगे।

3. अवधि और राशि

उक्‍त योजना के अधीन, पात्र इकाइयां दूसरे पूर्वगामी पखवाड़े के अंत में बकाया अपनी-अपनी निवल मांग और मीयादी देयताओं के एक प्रतिशत तक एक दिवसीय लाभ उठा सकती हैं। परंतु बीच में आनेवाले अवकाश के दिनों के लिए एमएसएफ सुविधा केवल एक दिन के लिए रहेगी। केवल वे शुक्रवार के दिन अपवाद रहेंगे जब यह सुविधा तीन अथवा अधिक दिनों के लिए होगी और अगले कार्यदिवस को मैच्योर होगी। यदि बैंक की सांविधिक चलनिधि अनुपात धारिताएं उनके निवल मांग और मीयादी देयताओं के एक प्रतिशत तक सांविधिक अपेक्षाओं से नीचे गिरेंगी तो बैंकों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 की उप धारा 2(ए) के अंतर्गत जारी अधिसूचना के अनुसार इस योजना के उपयोग के कारण उत्‍पन्‍न सांविधिक चलनिधि अनुपात के अनुपालन में चूक के कारण विशेष छूट के लिए अनुरोध नहीं करना पड़ेगा।

4. समय

यह सुविधा मुंबई में शनिवार छोड़कर सभी कार्यदिवसों को दोपहर 3.30 बजे से लेकर शाम 4.30 बजे तक उपलब्‍ध रहेगी।

5. ब्‍याज दर

इस सुविधा के अंतर्गत लाभ उठाई गई राशि पर ब्‍याज दर एलएएफ रिपो दर के 100 आधार बिंदु ऊपर अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित किये गये अनुसार होगी।

6. रिज़र्व बैंक का विवेकाधिकार

रिज़र्व बैंक इस योजना के अंतर्गत निधियों के लिए अनुरोध अंशत: अ‍थवा पूरी तरह से स्‍वीकार करने अथवा अस्‍वीकार करने का अपना अधिकार सुरक्षित रखेगा।

7. परिचालनों का तरीका

i)     अनुरोध इलैक्‍ट्रॉनिक रूप से तयशुदा लेनदेन प्रणाली (एनडीएस) में प्रस्‍तुत किए  जाएंगे। ऐसे पात्र सदस्‍य, जिन्‍हें वास्‍तविक सिस्‍टम समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है, वे किसी भी विशेष दिन को भौतिक रूप से अनुरोध मुहरबंद लिफाफे में प्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, प्रतिभूति अनुभाग, लोक लेखा विभाग (पीएडी), मुंबई कार्यालय को संबोधित कर मुंबई कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक में रखे गए बक्‍से में शाम 4.30 बजे तक डाल दें।

ii) तयशुदा लेनदेन प्रणाली में सदस्‍य द्वारा एक अथवा अधिक आवेदन प्रस्‍तुत करने की सुविधा है। तथापि, जहां तक संभव हो, आवेदक द्वारा केवल एक ही अनुरोध प्रस्‍तुत किया जाए।

iii) एमएसएफ, एलएएफ-रिपो की तरह ही 'होल्‍ड इन कस्‍टडी' रिपो की तरह ही चलाई जाएगी।

iv) एमएसएफ अनुरोध स्‍वीकार करने पर आवेदक का आरसी एसजीएल खाता आवश्‍यक प्रतिभूतियों की मात्रा में डेबिट किया जाएगा और उसे बैंक के आरसी एसजीएल खाते में क्रेडिट किया जाएगा। तदनुसार आवेदक का चालू खाता एमएसएफ आवेदन राशि से क्रेडिट किया जाएगा। यह लेनदेन दूसरे चरण में उल्‍टा किया जाएगा। यदि दूसरे चरण में अवकाश का दिन है तो उल्‍टी एंट्री की तारीख अगले कार्य दिवस को होगी।

v) रिज़र्व बैंक और काउंटर पार्टियों के बीच एमएसएफ लेनदेन जिसमें आरसी एलजीएल खाते का परिचालन शामिल है, के लिए अलग से एसजीएल फार्म की आवश्‍यकता नहीं है।

vi) रिज़र्व बैंक द्वारा एमएसएफ परिचालनों के लिए खजाना बिलों सहित सभी प्रतिभूतियों का मूल्‍य निर्धारण अंकित मूल्‍य पर होगा। लेनदेन की तारीख को उपचित मूल्‍य प्रतिभूतियों के मूल्‍य निर्धारण हेतु ध्‍यान में नहीं लिया जाएगा।

8. अनुरोध की न्‍यूनतम मात्रा

अनुरोध एक करोड़ रुपये की न्‍यूनतम राशि के लिए और उसके बाद एक करोड़ रुपये के गुणकों में प्राप्‍त किये जाएंगे।

9. पात्र प्रतिभूतियां

एमएसएफ को सभी सांविधिक चलनिधि अपेक्षाओं के लिए पात्र अंतरणीय सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों/खजाना बिलों और राज्‍य विकास ऋणों (एसडीएल) में लिया जाएगा।

10. सीमान्‍त आवश्‍यकताएं

भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों और खजाना बिलों के संबंध में पांच प्रतिशत का मार्जिन लगाया जाएगा। राज्‍य विकास ऋणों (एसडीएल) के संबंध में 10 प्रतिशत का मार्जिन लगाया जाएगा। इस प्रकार, रु.100 के लिए एक अनुरोध को स्‍वीकार करने पर प्रस्‍तावित प्रतिभूतियों की राशि भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों और खज़ाना बिलों के लिए रु.105 (अंकित मूल्‍य) और राज्‍य विकास ऋणों के लिए रु.110 (अंकित मूल्‍य) हो जाएंगी।

11. लेनदेन का निपटान

एमएसएफ योजना के अंतर्गत प्राप्‍त सभी आवेदनों का निपटान उसी दिन आवेदनों के स्‍वीकार करने के बाद विंडो बंद होने पर किया जाएगा।

12. सांविधिक चलनिधि अनुपात और रिपो एसजीएल खाते में रखी गई प्रतिभूतियां

भारतीय रिज़र्व बैंक के बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग द्वारा जारी वर्तमान अनुदेश एमएसएफ परिचालनों के लिए अनुसूचित वाणिज्‍य बैंकों द्वारा प्रस्‍तावित प्रतिभूतियों पर लागू होंगे।

13. शर्तें

शर्तों सहित ''एमएसएफ सुविधाओं'' के लिए अनुरोध के आवेदन फार्म अनुलग्‍नक में दिये गये हैं।

भवदीय

(जी. महालिंगम)
मुख्‍य महाप्रबंधक

अनुलग्‍नक : यथोक्‍त


अनुलग्‍नक

सीमांत स्‍थायी सुविधा (एमएसएफ) के लिए आवेदन फार्म

क्षेत्रीय निदेशक
लोक लेखा विभाग
भारतीय रिज़र्व बैंक
मुंबई कार्यालय
मुंबई

प्रतिभूति अनुभाग, लोक लेखा विभाग के साथ आवेदक का आर.सी.एस.जी.एल. खाता संख्‍या ______________

जमा लेखा विभाग के साथ आवेदक का चालू खाता संख्‍या _________________

सीमांत स्‍थायी सुविधा (एमएसएफ) के लिए आवेदन

मैं/हम* अधोहस्‍ताक्षरी, एतद्द्वारा, भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों/पात्र खज़ाना बिलों/राज्‍य विकास ऋण की बिक्री के लिए _________________ को नीचे दिये निर्धारित फार्मेट के अनुसार इस वचन के साथ आवेदन प्रस्‍तुत करता हूं/करते हैं कि वहीं प्रतिभूतियां आपसे _________________ को वापिस खरीदी जाएंगी।

1.

आवेदक का नाम और पता

 

2.

आवेदन की गयी राशि @ (आंकड़ों में)

(अक्षरों में)

रु. ______________ करोड़

रु. करोड़_________________

3.

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित एमएसएफ दर (प्रति वर्ष प्रतिशत)

 

4.

टेलीफोन नंबर

 

5.

फैक्‍स नंबर

 

@ प्रतिभूतियों के प्रस्‍ताव के लिए अनुरोध की गई सांकेतिक राशि दर्शाता है।

वचन

मेरे/हमारे* आवेदन के स्‍वीकार करने पर,

1. मैं सहमत हूँ/हम सहमत हैं और एमएसएफ के रूप में चलनिधि सहायता का लाभ उठाने का वचन देता हूं/देते हैं।

2. मैं/हम* भारतीय रिज़र्व बैंक को अपने अभिरक्षक के रूप में प्राधिकृत करता हूं/करते हैं कि वह अपने रिपो ग्राहक (आरसी) एसजीएल खाते में प्रतिभूतियां रखे रहे और मेरे/हमारे आवेदन फार्म के आधार पर मेरे/हमारे द्वारा पुनर्खरीद पर मेरे/हमारे* चालू खाते और आरसी एसजीएल खाते में क्रेडिट/डेबिट करे।

3. मैं/हम* इस बात से सहमत हूं/हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक को हमारी प्रतिभूतियों के अभिरक्षक के रूप में कार्य करते हुए किसी भी हानि, क्षति अथवा देयता के लिए जिम्‍मेदार न ठहराया जाये/ मैं/हम* इस बात से भी सहमत हूं/हैं कि उपर्युक्‍तानुसार हमारी प्रतिभूतियों के अभिरक्षक के रूप में कार्य करते समय जो भी हानि, क्षति अथवा देयता होगी, उसके लिए मैं/हम* हर समय क्षतिपूर्ति करेंगे और करते रहेंगे।

4. मैंन/हमने* एमएसएफ के लिए कोई अन्‍य आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया है/नहीं किये हैं।

शर्तें

मैंने/हमने * सीमांत स्‍थायी सुविधा के लिए शर्तें पढ़ ली हैं और उससे मैं/हम* उनका पालन करने का वचन देता हूं/देते हैं।

भवदीय,

i)   एसजीएल/चालू खाता परिचालित करने के लिए प्राधिकृत
अधिकारी/रियों के हस्‍ताक्षर ______________________
ii)   नाम ____________________________
iii)   पदनाम _________________________
iv)   आवेदक के कार्यालय की मुहर ______________________

सीमांत स्‍थायी सुविधा (एमएसएफ) के लिए शर्तें

1. एक दिवसीय निर्धारित दर रिपो के रूप में सीमांत स्‍थायी सुविधा के अंतर्गत चलनिधि सहायता के लिए आवेदन शनिवार को छोड़कर सभी कार्यदिवसों को भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई द्वारा स्‍वीकार किये जाएंगे।

2. भारत सरकार की सभी अंतरणीय दिनांकित प्रतिभूतियां और खज़ाना बिल और राज्‍य विकास ऋण, जो सांविधिक चलनिधि अनुपात के लिए पात्र हैं, एमएसएफ सुविधा के लिए पात्र प्रतिभूतियां होंगी।

3. अनुरोध एक करोड़ रुपये की न्‍यूनतम राशि के लिए और उसके बाद एक करोड़ रुपये के गुणकों में प्रस्‍तुत किये जाएंगे।

4. सभी ऐसे अनुसूचित वाणिज्‍य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) जिनके भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई के साथ एसजीएल और चालू खाते हैं, एमएसएफ सुविधा में भाग लेने के लिए पात्र होंगे।

5. आवेदन इलैक्‍ट्रॉनिक रूप से तयशुदा लेनदेन प्रणाली (एनडीएस) में प्रस्‍तुत किये जाएंगे। ऐसे पात्र बैंक, जिन्हें वास्‍तविक सिस्‍टम समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है, किसी भी विशेष दिन को भौतिक रूप से अनुरोध मुहरबंद लिफाफे में जिस पर ''सीमांत स्‍थायी सुविधा''‍ लिखा हो, मुंबई कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक में रखे गए बक्‍से में शाम 4.30 बजे तक डाल दें।

6. तयशुदा लेनदेन प्रणाली में एक अथवा अधिक आवेदन प्रस्‍तुत करने की सुविधा है। फिर भी सदस्‍यों को सूचित किया जाता है कि वे केवल एक ही आवेदन प्रस्‍तुत करें। यदि एक से अधिक आवेदन भौतिक रूप से प्रस्‍तुत करने हों, तो प्रत्‍येक अनुरोध के लिए अलग-अलग आवेदन प्रस्‍तुत किये जाएं।

7. एमएसएफ दर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाएगी।

8. एमएसएफ, एलएएफ की तरह ही आयोजित की जाएगी।

9. आवेदक को अपने आरसी एसजीएल खाते में संपार्श्विक हेतु प्रतिभूतियों की पर्याप्‍त मात्रा (यथालागू सीमांत को शामिल करके) रखनी चाहिए जो अपने आप भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आवश्‍यक सीमा तक डेबिट की जाएगी।

10. होल्‍ड-इन-कस्‍टडी रिपो हेतु, आवेदकों को भारतीय रिज़र्व बैंक को इस बात के लिए प्राधिकृत करना चाहिए कि वह आवेदकों के आवेदनों के आधार पर आरसी एसजीएल खातों से/में प्रतिभूतियां अंतरित कर सके।

11. आरसी एसजीएल से अंतरित की जानेवाली प्रतिभूतियों की राशि अंकित मूल्‍य के अनुसार एमएसएफ राशि के प्रति रु.100/- के लिए भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों और खज़ाना बिलों के संबंध में रु.105/- और राज्‍य विकास ऋणों के लिए रु.110/- होगी।

12. आवेदक के भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ चालू खाते में एलएएफ रिपो सुविधा के अंतर्गत चालू कार्यविधि के अनुसार क्रेडिट की जाएगी। प्रतिभूतियां आवेदक के आरसी एसजीएल खाते में से साथ-साथ डेबिट होती जाएंगी। उल्‍टी एंट्री की तारीख को आवेदक का आरसी एसजीएल खाता रिपो राशि और देय ब्‍याज से क्रेडिट किया जाएगा और चालू खाता डेबिट किया जाएगा। यह नोट किया जाए कि एमएसएफ योजना का दूसरा चरण अपने आप हो जाएगा और 'दूसरे दिन के प्रारंभ' में हो जाएगा। तदनुसार, सहभागियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके चालू खाते में पर्याप्‍त राशि शेष है ताकि निपटान को पूरा किया जा सके।

13. एमएसएफ के पहले चरण का निपटान उसी दिन होगा। परंतु बीच में आनेवाले अवकाश के दिनों के लिए, एमएसएफ राशि एक दिन के लिए होगी, केवल शुक्रवार को यह सुविधा तीन दिन अथवा उससे अधिक दिनों के लिए होगी, जो अगले कार्यदिवस को मैच्‍योर होगी।

14. आवेदनों को स्‍वीकार किये जाने के संबंध में तयशुदा लेनदेन प्रणाली के माध्‍यम से व्‍यक्तिगत रूप से बैंकों को सूचित किया जाएगा। आवेदक को अपने आवेदन की स्थिति देख लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उन के आरसी खाते में प्रतिभूतियां पर्याप्‍त रूप से शेष हैं।

15. आवेदकों पर स्‍वीकृत की गई पूर्ण राशि को स्‍वीकारना बाध्‍यकारी होगा। यदि आवेदक स्‍वीकृत की गई पूर्ण राशि को स्‍वीकार नहीं करता तो उन पर दंडात्‍मक कार्रवाई होगी, यहां तक कि उन्‍हें इस योजना से निकाल दिया जाएगा।

16. रिज़र्व बैंक, निधियों के लिए अनुरोध अंशत: अथवा पूरी तरह से स्‍वीकार करने अथवा अस्‍वीकार करने का अपना अधिकार सुरक्षित रखेगा।

17. रिज़र्व बैंक को आवेदक की ओर से अभिरक्षक के रूप में कार्य करते हुए, किसी भी हानि, क्षति अथवा नुकसान अथवा देयता के लिए उत्‍तरदायी नहीं ठहराया जाना चाहिए।


* जो लागू न हो, उसे काट दें।

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