मास्टर परिपत्र – एजेंसी बैंकों द्वारा पेंशन का संवितरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र – एजेंसी बैंकों द्वारा पेंशन का संवितरण
आरबीआई/2007-2008/64 2 जुलाई 2007 सभी एजेंसी बैंक महोदय, मास्टर परिपत्र – एजेंसी बैंकों द्वारा पेंशन का संवितरण भारतीय रिज़र्व बैंक एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन के भुगतान के संबंध में विभिन्न अनुदेश जारी करता रहा है। ये अनुदेश हमारे दिनांक 19 जुलाई 2006 के मास्टर परिपत्र आरबीआई/2006/78 (डीजीबीए.जीएडी.सं.1059/31.05.001/2006-07 में दिए गए थे। अब हम इस विषय पर 30 जून 2007 तक जारी किए गए महत्वपूर्ण अनुदेशों को शामिल करते हुए एक अद्यतन मास्टर परिपत्र संलग्न कर रहे हैं। आप इस परिपत्र को बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर भी देख सकते हैं। 2. कृपया प्राप्ति सूचना भेजें। भवदीय, (ए. एस. कुलकर्णी) मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा पेंशन का संवितरण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से सरकारी पेंशनभोगियों को विविध पेंशन भुगतान योजनाओं के अंतर्गत पेंशन का भुगतान 1. प्रस्तावना सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान महालेखा नियंत्रक, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अनुमोदन से संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा या राज्य सरकारों द्वारा तैयार की गई संबंधित योजनाओं द्वारा शासित होता है तथा इसमें मूल पेंशन, बढ़ी हुई महंगाई राहत और सरकारों द्वारा घोषित किए जाने पर अन्य लाभों का भुगतान शामिल है। इस संबंध में जारी किए गए विभिन्न परिपत्रों का सार सूचना के लिए यहां दिया जा रहा है। 2. राज्य सरकार के पेंशनभोगियों को दी जानेवाली महंगाई राहत इत्यादि संबंधी सरकारी आदेशों को राज्य सरकारों की वेबसाइटों पर प्रदर्शित करना (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच.416/45.01.003/2002-03 दिनांक 21 मार्च 2003 और डीजीबीए.जीएडी.सं.770/45.01.003/2003-04 दिनांक 25 फरवरी 2004) महंगाई राहत आदेशों के जारी होने और लाभार्थी को महंगाई राहत का भुगतान किए जाने के बीच के समय-अंतराल को समाप्त करने तथा वरिष्ठ नागरिकों को शीघ्र सेवा उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि पेंशन भुगतान करने वाले एजेंसी बैंक, राज्य मुख्यालयों में प्राधिकृत बैंकों के प्रधान कार्यालयों और/अथवा क्षेत्रीय कार्यालयों को सरकार द्वारा भेजे गए आदेशों का पालन करें। इसके अलावा यह निर्णय लिया गया कि उक्त परिपत्रों को राज्य सरकारों की सुरक्षित वेबसाइट पर डाला जाए। सभी राज्य सरकारों को महंगाई राहत से संबंधित सरकारी आदेश भारतीय रिज़र्व बैंक को इलेक्ट्रॉनिक फार्मेट में और हार्ड कॉपी में भी भेजने का विकल्प दिया गया है ताकि रिज़र्व बैंक उसे अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित कर सके। 3. केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का भुगतान - पेंशनभोगियों को महंगाई राहत के भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय - महंगाई राहत इत्यादि के संबंध में सरकारी आदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से भेजना बंद करना। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-506/45.01.001/2002-03 दिनांक 12 अप्रैल 2003) महंगाई राहत इत्यादि संबंधी आदेशों के जारी होने एवं लाभार्थियों को वास्तविक रूप से भुगतान होने के बीच के समय-अंतराल को समाप्त करने और वरिष्ठ नागरिकों को शीघ्र सेवा उपलब्ध कराने की दृष्टि से भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
भारतीय रिज़र्व बैंक अब महंगाई राहत के संबंध में सरकारी आदेश एजेंसी बैंकों को अग्रेषित नहीं करेगा। 4. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का संवितरण – महंगाई राहत का भुगतान (डीआर) (आरबीआई/2006/296) (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच.11303/45.01.003/200506 दिनांक 06 फरवरी 2006) पेंशन भुगतान करने वाले बैंकों को सूचित किया गया कि वे सरकारी आदेशों की प्रतियाँ तत्काल प्राप्त करने के लिए तंत्र स्थापित करें और इसे पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को उनके स्तर पर कार्रवाई के लिए जारी करें ताकि पेंशनभोगियों को अगले महीने के पेंशन भुगतान में ही सरकार द्वारा घोषित लाभ मिल सकें। एजेंसी बैंकों के नियंत्रक कार्यालयों/प्रधान कार्यालयों को पात्र पेंशनभोगियों को सरकारी पेंशन के समय पर और सही संवितरण की बारीकी से निगरानी और पर्यवेक्षण करना चाहिए। इसके अलावा, केंद्रीय सिविल और रेलवे पेंशनभोगियों के मामले में, पेंशन भुगतान करने वाले बैंकों को पासबुक के पहले पन्ने पर नामांकन फॉर्म 'ए' और 'बी' के अनुसार नामांकित व्यक्तियों के नाम की पुष्टि करनी चाहिए और शाखाओं को यह सुनिश्चित करने को कहा जाए कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशनभोगियों को पेंशन के संवितरण के लिए योजनाओं में निर्धारित प्रक्रिया का ईमानदारी से पालन किया जाए। पेंशन भुगतान योजनाओं/नियमों के बारे में कर्मचारियों में बेहतर जागरूकता पैदा करने के लिए, बैंक इसे अपने प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के एक अभिन्न अंग के रूप में शामिल कर सकते हैं। 5. फॉर्म "ए" और "बी" में नामांकन स्वीकार करना - केंद्रीय सिविल पेंशन (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच.94/45.05.031/2004-05 दिनांक 24 अगस्त 2004) पेंशनभोगियों और उनके उत्तराधिकारियों को होने वाली असुविधा का निवारण करने की दृष्टि से, सरकार द्वारा यह आदेश दिया गया है कि सभी पेंशन भुगतान करने वाली बैंक शाखाएँ पेंशनभोगियों द्वारा उनके उत्तराधिकारियों को पेंशन के बकाए के भुगतान के लिए प्रस्तुत किए गए फार्म "ए" अथवा "बी", जैसा भी मामला हो, में नामांकन स्वीकार करें। 6. पेंशन के बकाया के भुगतान के लिए रेलवे पेंशनभोगियों के संबंध में नामांकन (फॉर्म 'ए' और 'बी') स्वीकार करना (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-3611/45.03.002/2005-06 दिनांक 10 अक्तूबर 2005) पेंशनभोगियों को होने वाली असुविधा का निवारण करने की दृष्टि से रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने रेलवे पेंशनभोगियों के लिए भी केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) द्वारा निर्धारित नामांकन फॉर्म ('ए' और 'बी') अपनाने का निर्णय लिया है। एजेंसी बैंकों को सूचित किया था कि वे समस्त पेंशन प्रदाता बैंक शाखाएं उत्तराधिकारी/यों को पेंशन की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए / रेलवे पेंशनभोगियों द्वारा प्रस्तुत फार्म "ए" अथवा "बी" जैसा भी मामला हो, में नामांकन स्वीकार करें। 7. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भारत सरकार से सेवानिवृत्त होने वाले अखिल भारतीय सेवा-अधिकारियों को पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान के लिए प्रकिया का कार्यान्वयन (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.612-644/45.01.001/2004-05 दिनांक 7 अक्तूबर, 2004) एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भारत सरकार से सेवानिवृत्त होने वाले अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों को पेंशन के भुगतान के लिए निम्नानुसार लेखांकन प्रक्रिया का पालन करें: (i) अखिल भारतीय सेवा पेंशनभोगियों के पीपीओ नंबर में, केंद्रीय सिविल पेंशनभोगी के लिए प्रयुक्त 12 अंकीय संख्या घटक के अलावा, पेंशनभोगी की सेवा तथा संबंधित राज्य संवर्ग दर्शाने वाला एक उपसर्ग शामिल होगा। पंजाब संवर्ग के एक आईएएस अधिकारी के लिए एक नमूना पीपीओ नंबर इस प्रकार होगा - आईएएस/पी बी/438840400191 । (ii) अखिल भारतीय सेवा के पेंशनभोगियों को केवल प्राधिकृत बैंकों अर्थात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चार अधिकृत निजी क्षेत्र के बैंकों अर्थात आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, यूटीआई बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड से ही पेंशन प्राप्त करने का विकल्प होगा। (iii) केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) द्वारा जारी विशेष सील प्राधिकार (एसएसए) केंद्रीय सिविल पेंशनभोगियों के लिए जारी प्राधिकारों से उन्हें अलग दर्शाने हेतु नीले रंग में होंगे। इसके अलावा, प्राधिकार में उस राज्य सरकार का नाम दर्शाया जाएगा जिसके खाते में भुगतान नामे डाला जाना है। (iv) एसएसए की एक प्रति संबधित महालेखाकार को उसकी सूचना और रिकार्ड के लिए भेजी जाएगी। (v) बैंक की संबंधित प्रदाता शाखाएं पेंशनभोगी की पहचान के लिए आवश्यक प्रक्रिया अपनाने के बाद भुगतान करेगी और रिज़र्व बैंक/स्टेट बैंक जैसा भी मामला हो, की प्रतिपूर्तिकर्ता शाखाओं को प्रतिपूर्ति के लिए उनके माध्यम से भुगतान करने हेतु राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए तैयार किए गए स्क्रॉल में अखिल भारतीय सेवा पेंशनभोगी का नाम शामिल करेंगी। केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को पेंशन की प्रतिपूर्ति की सिंगल विंडो प्रणाली के अंतर्गत ऐसे स्क्रॉल प्रयोग में नहीं आ रहे हैं, इसलिए इन्हें केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) को नहीं भेजा जाना चाहिए। (vi) प्रतिपूर्तिकर्ता शाखाएं राज्य सरकार के पेंशनभोगियों की प्रक्रिया अपनाएंगी और रिज़र्व बैंक, सीएएस, नागपुर तथा संबंधित महा लेखाकार के तदनुरूपी स्क्रॉल को सूचना भेजेंगी। (vii) भारतीय रिज़र्व बैंक, सीएएस, नागपुर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार संबंधित राज्य सरकार के खाते को डेबिट करेगा। 8. रक्षा पेंशनभोगियों को सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान की योजना - पेंशन भुगतान स्क्रॉल प्रस्तुत करने में देरी और जाली तथा कपटपूर्ण भुगतान टालने के उपाय। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.867-899/45.02.001/2004-05 दिनांक 18 अक्तूबर 2004) यह देखा गया है कि पेंशन प्रदाता बैंक पेंशन प्राधिकारियों को दो से तीन महीने के बाद पेंशन-भुगतान स्क्रॉल प्रस्तुत करते हैं। ये स्क्रॉल प्रायः (समूह) बंच" में होते हैं। इस संबंध में "रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना" पुस्तिका के पैराग्राफ 9(6),10 और 11 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है जिनमें प्रदाता शाखाओं, लिंक शाखाओं और प्रतिपूर्तिकर्ता शाखाओं द्वारा पेंशन भुगतान स्क्रॉल के प्रेषण की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई है। संपूर्ण प्रक्रिया तयशुदा समय-सीमा के अनुसार पूरी की जानी चाहिए ताकि भुगतान स्क्रॉल अंततः संबंधित महीने के बाद आने वाले महीने की 15वीं तारीख तक मार्च महीने के स्क्रॉल को छोड़कर, जो अनिवार्य रूप से प्रति वर्ष अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक अवश्य पहुँच जाना चाहिए, पीसीडीए (पेंशन), इलाहाबाद के कार्यालय में प्राप्त हो जाए। प्रधान नियंत्रक, रक्षा लेखा (पेंशन) के कार्यालय ने यह भी देखा है कि पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं द्वारा कुछ मामलों में निर्धारित जांच-पड़ताल किए बिना जाली तथा कपटपूर्ण पीपीओ पर धोखेबाजों को उपदान और कम्यूटेशन की राशि अदा कर दी गई थी। यह भी देखा गया है कि पेंशन के प्रथम भुगतान के मामलों में, स्क्रॉल पर या तो पीपीओ नंबरों का उल्लेख नहीं किया गया था अथवा गलत पीपीओ नंबर उल्लेख किए गए थे जिससे भुगतान की यथातथ्यता का सत्यापन करना कठिन हो गया था। इसके अलावा, इन भुगतानों को मुख्य पेंशन भुगतान स्क्रोलों में रक्षा पेंशनभोगियों के नियमित मासिक भुगतानों के साथ दिखाया जा रहा था। पेंशन प्रदाता शाखाओं/लिंक शाखाओं/प्रतिपूर्तिकर्ता शाखाओं को सूचित किया जाता है कि वे निम्नलिखित बातों को सुनिश्चित करने के लिए अधिक कार्यक्षम प्रणाली अपनाएं।
9. सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान की योजना - कपटपूर्ण भुगतान टालने हेतु उपाय। (सं. आरबीआई/2005/334) (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच.3389-3421/45.02.001/2004-05 दिनांक 06 जनवरी 2005) रेल मंत्रालय, भारत सरकार (रेलवे बोर्ड) ने हमें सूचित किया है कि उनके सतर्कता विभाग ने ऐसे धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाया है जिनमें सरकारी क्षेत्र के कुछ बैंकों द्वारा जाली पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) के आधार पर अनधिकृत व्यक्तियों को पेंशन/पेंशन की बकाया राशि वितरित कर दी गई थी। उन्होंने यह भी टिप्पणी की है कि पेंशन प्रदाता शाखाओं द्वारा ऐसे कपटपूर्ण भुगतान निर्धारित जांच बिंदुओं का पालन किए बिना किए गए थे, जैसे ऐसे परिकलन पत्र (केल्कुलेशन शीट) पर भरोसा करके भुगतान कर दिया जाना, जिस पर प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आदि के हस्ताक्षर नहीं थे एवं विशेष रूप से बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान आदेशों की प्राप्ति के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया जाना आदि शामिल है। रेलवे पेंशन प्रदाता शाखाओं से अनुरोध है कि वे जाली पेंशन भुगतान आदेशों के आधार पर कपटपूर्ण भुगतान टालने के लिए रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के संवितरण हेतु रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) द्वारा "सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से रेलवे पेंशन के भुगतान की योजना" में निर्धारित प्रक्रिया का सख्ती से पालन करें। 10. केंद्रीय सिविल पेंशन का भुगतान - पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) के दोनों अर्धांशों में महंगाई राहत की प्रविष्टि (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच.3452-3485/45.01.001/2004-05 दिनांक 11 जनवरी 2005) हमारे ध्यान में आया है कि कुछ पेंशन प्रदाता बैंक शाखाएं मूल दरों में जब भी कभी परिवर्तन होता है, उसके आधार पर मूल पेंशन/परिवार पेंशन की राशि को संबंधित पेंशन भुगतान आदेश (पी पी ओ) के दोनों अर्धांशों में अद्यतन (अपडेट) नहीं करती है। इस सबंध में, हम "सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान की योजना" के पैरा 12.17 और 19.1 को नीचे दर्शा रहें हैं: "जब भी कभी पेंशन और/अथवा पेंशन पर महंगाई राहत की मूल दरों में परिवर्तन होता है तो भुगतान करने वाली शाखा पेंशनभोगियों के पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) का अर्धांश मंगवाकर उन पर परिवर्तन रिकार्ड करेगी तथा अन्य बातों के साथ-साथ परिवर्तन की प्रभावी तारीख(खें) भी लिखेगी। ऐसा करने के बाद, वे अर्धांश पेंशनभोगियों को लौटा दिए जाएंगे"(पैरा 12.17) "जब भी कभी पेंशन पर सरकार द्वारा कोई अतिरिक्त राहत मंजूर की जाती है तो इस आशय की एक सूचना कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग) द्वारा सरकारी क्षेत्र के प्रत्येक नामित बैंक के प्राधिकृत प्रतिनिधि को (नाम से) उसके द्वारा दिए गए पते पर भेजी जाएंगी। उसके बाद यह बैंकों की जिम्मेदारी होगी कि वे दिल्ली अथवा अन्य स्थानों पर कार्यरत अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से संबंधित रेडी रेकनर सहित मंजूरी आदेशों की आवश्यकतानुसार संख्या में प्रतियां (संख्या अग्रिम रूप से सूचित की जाएं) कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग) से प्राप्त करेंगे और उन्हें तुरंत अपने-अपने प्रधान कार्यालयों को भेजेंगे ताकि वहां से उन्हें सीधे प्रदाता शाखाओं को दस दिन के भीतर कार्यान्वयन हेतु भेजा जा सकें। प्रत्येक प्रदाता शाखा अपने भुगतान के अंतर्गत केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को पेंशन पर देय राहत की संशोधित दरें तत्काल निर्धारित करेगी। अलग-अलग पेंशनभोगियों के लिए लागू इन दरों का हिसाब संलग्नक XXII (पृष्ठ 41) में दिए अनुसार लगाया जाएगा तथा इस कारण से पेंशनभोगियों को संशोधित दर पर और राहत अथवा बकाया राशि यदि कोई देय हो तो उसका का भुगतान प्रारंभ करने से पूर्व उसे राहत की प्रभावी तारीख के साथ पेंशन भुगतान आदेशों के संवितरक के भाग में नोट किया जाएगा और शाखा प्रबंधक अथवा प्रभारी द्वारा साक्ष्यंकित किया जाएंगा ......" (पैरा 19.1)। बैंकों से अनुरोध है कि वे उपर्युक्त प्रावधानों की ओर अपनी पेंशन प्रदाता शाखाओं का ध्यान आकृष्ट करें और उन्हें उक्त अनुदेशों का स़ख्ती से पालन करने के लिए कहे। 11. एजेंसी बैंकों द्वारा रेलवे पेंशन का संवितरण - ऐसे प्रमुख क्षेत्र जहां बैंक अधिक भुगतान कर सकते हैं। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.6073/45.05.031/2004-05 दिनांक 30 मई 2005) रेलवे पेंशनभोगियों के संबंध में वित्तीय परामर्शदाता और मुख्य लेखा अधिकारी का कार्यालय, मध्य रेलवे, मुंबई से ऐसे प्रमुख क्षेत्रों की एक सूची प्राप्त हुई है जहाँ बैंक अधिक भुगतान कर सकते हैं। वह सूची इस अनुरोध के साथ सभी एजेंसी बैंकों को भेजी गई है कि वे उसे अपनी पेंशन प्रदाता शाखाओं के बीच परिचालित करें तथा उन्हें यह अनुदेश दें कि वे रेलवे पेंशन के अधिक भुगतान टालने के लिए उचित कार्रवाई करें। 12. रेलवे पेंशनभोगियों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन के भुगतान की योजना- रेल मंत्रालय द्वारा सात नए जोन के एफए और सीएओ का मनोनयन। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच.10746/45.03.001/2005-06 दिनांक 24 जनवरी 2006) रेल मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2006 से प्राधिकृत बैंकों द्वारा रेलवे पेंशनभोगियों को वितरित पेंशन भुगतान के संबंध में पेंशन डेबिट को स्वीकार / व्यवस्थित करने के लिए सात नए जोन (अर्थात उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर; पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर ; पूर्व तट रेलवे, भुवनेश्वर; उत्तर मध्य रेलवे, इलाहाबाद; दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर; दक्षिण पश्चिम रेलवे, हुबली; और पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर) के एफए और सीएओ को नामित करने का निर्णय लिया है। 13. प्राधिकृत बैंकों के माध्यम से पेंशन का भुगतान - पेंशनभोगियों द्वारा अपने पति/पत्नी के साथ संचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.12736/45.03.001/2005-06 दिनांक 24 फरवरी 2006) केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) द्वारा केंद्रीय सिविल पेंशनभोगियों के संबंध में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में मौजूद पति या पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन राशि जमा करने के संबंध में जारी अनुदेश रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) के परिपत्र सं. RBA.63/2005 (2005/ACII/21/19) दिनांक 13 अक्टूबर 2005 के माध्यम से रेलवे पेंशनभोगियों पर भी लागू होता है। रेल मंत्रालय के उपर्युक्त परिपत्र दिनांक 13 अक्टूबर 2005 में उल्लिखित कुछ निबंधन और शर्तों के अधीन 'पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी व्यक्ति' अथवा 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी' के आधार पर पति या पत्नी के साथ पेंशनभोगी का संयुक्त खाता संचालित किया जा सकता है । 14. प्राधिकृत बैंकों के माध्यम से पेंशन का भुगतान - पेंशनभोगी द्वारा अपने पति/पत्नी के साथ संचालित संयुक्त बैंक खाते में पेंशन जमा करना: (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-2134/45.02.001/2006-07 दिनांक 4 अगस्त 2006) रक्षा मंत्रालय और प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक ने पेंशन के भुगतान की योजना को संशोधित किया है और पेंशनभोगी द्वारा अपने पति या पत्नी, जिसके पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में पारिवारिक पेंशन के लिए एक प्राधिकरण मौजूद है, के साथ संचालित संयुक्त खाते में भी पेंशन जमा करने की अनुमति दी गई है। पति या पत्नी के साथ पेंशनभोगी का संयुक्त खाता 'पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी व्यक्ति' अथवा 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी' के आधार पर निम्नलिखित निबंधन और शर्तों के अधीन संचालित किया जा सकता है: (ए) एक बार पेंशनभोगी के बैंक खाते में पेंशन जमा हो जाने के बाद, सरकार/बैंक का दायित्व समाप्त हो जाता है। आगे कोई देनदारी नहीं बनती है, भले ही पति या पत्नी गलत तरीके से राशि निकालते हों। (बी) चूंकि पेंशनभोगी के जीवन के दौरान ही पेंशन देय होती है, इसलिए उसकी मृत्यु की सूचना जल्द से जल्द और किसी भी मामले में मृत्यु के एक महीने के भीतर बैंक को दी जाएगी, ताकि बैंक पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद जीवनसाथी वाले संयुक्त खाते में मासिक पेंशन जमा करना जारी न रखे। हालांकि, यदि कोई राशि गलत तरीके से संयुक्त खाते में जमा की गई है, तो यह संयुक्त खाते और/या पेंशनभोगी/पति/पत्नी द्वारा व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त रूप से रखे गए किसी भी खाते से वसूली योग्य होगी। कानूनी वारिस, उत्तराधिकारी, निष्पादक आदि भी किसी भी राशि को वापस करने के लिए उत्तरदायी होंगे, जिसे संयुक्त खाते में गलत तरीके से जमा किया गया है। (सी) पेंशन के बकाया का भुगतान (नामांकन) नियम 1983 पेंशनभोगी के पति या पत्नी के साथ संयुक्त खाते पर लागू रहेगा। इसका तात्पर्य यह है कि यदि इन नियमों के नियम 5 एवं 6 के अनुसार 'स्वीकृत नामांकन' होता है, तो नियमों में उल्लिखित बकाया नामांकित व्यक्ति को देय होगा। मौजूदा पेंशनभोगी जो अपनी पेंशन ऊपर बताए गए संयुक्त खाते में जमा कराने के इच्छुक हैं, उन्हें उस शाखा बैंक में एक आवेदन जमा करना होगा, जहां से वे वर्तमान में निर्धारित प्रपत्र में पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इस कार्यालय ज्ञापन में निर्धारित नियमों और शर्तों को स्वीकार करने के प्रमाण के रूप में पेंशनभोगी के पति या पत्नी द्वारा भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। ये निर्देश उन सरकारी कर्मचारियों पर भी लागू होते हैं जो इस कार्यालय ज्ञापन के जारी होने के बाद सेवानिवृत्त होंगे। 15. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पश्चिम बंगाल (भाग ए) सरकारी पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना - पेंशनभोगी द्वारा अपने पति/पत्नी के साथ संचालित संयुक्त बैंक खाते में पेंशन जमा करना। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.6926/45.05.005/2006-07 दिनांक 30 अक्टूबर 2006) पश्चिम बंगाल सरकार ने पेंशनभोगी द्वारा अपने पति/पत्नी, जिसके पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में पारिवारिक पेंशन के लिए एक प्राधिकरण मौजूद है, के साथ संचालित एक संयुक्त खाते में भी पेंशन के भुगतान की अनुमति देने वाली योजना को संशोधित किया है, । पति या पत्नी के साथ पेंशनभोगी का संयुक्त खाता 'पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी व्यक्ति' अथवा 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी' के आधार पर निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अधीन संचालित किया जा सकता है: (ए) एक बार पेंशनभोगी के बैंक खाते में पेंशन जमा हो जाने के बाद, सरकार/बैंक का दायित्व समाप्त हो जाता है। आगे कोई देनदारी नहीं बनती है, भले ही पति या पत्नी गलत तरीके से राशि निकालते हों। (बी) चूंकि पेंशनभोगी के जीवन के दौरान ही पेंशन देय होती है, इसलिए उसकी मृत्यु की सूचना जल्द से जल्द और किसी भी मामले में मृत्यु के एक महीने के भीतर बैंक को दी जाएगी, ताकि बैंक पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद जीवनसाथी वाले संयुक्त खाते में मासिक पेंशन जमा करना जारी न रखे। हालांकि, यदि कोई राशि गलत तरीके से संयुक्त खाते में जमा की गई है, तो यह संयुक्त खाते और/या पेंशनभोगी/पति/पत्नी द्वारा व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त रूप से रखे गए किसी भी खाते से वसूली योग्य होगी। कानूनी वारिस, उत्तराधिकारी, निष्पादक आदि भी किसी भी राशि को वापस करने के लिए उत्तरदायी होंगे, जिसे संयुक्त खाते में गलत तरीके से जमा किया गया है। (सी) पेंशन के बकाया का भुगतान (नामांकन) नियम 1983 पेंशनभोगी के पति या पत्नी के साथ संयुक्त खाते पर लागू रहेगा। इसका तात्पर्य यह है कि यदि इन नियमों के नियम 5 एवं 6 के अनुसार 'स्वीकृत नामांकन' होता है, तो नियमों में उल्लिखित बकाया नामांकित व्यक्ति को देय होगा। मौजूदा पेंशनभोगी जो अपनी पेंशन ऊपर बताए गए संयुक्त खाते में जमा कराने के इच्छुक हैं, उन्हें उस शाखा बैंक में एक आवेदन जमा करना होगा, जहां से वे वर्तमान में निर्धारित प्रपत्र में पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इस कार्यालय ज्ञापन में निर्धारित नियमों और शर्तों को स्वीकार करने के प्रमाण के रूप में पेंशनभोगी के पति या पत्नी द्वारा भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। ये निर्देश उन सरकारी कर्मचारियों पर भी लागू होते हैं जो इस कार्यालय ज्ञापन के जारी होने के बाद सेवानिवृत्त होंगे। 16. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पंजाब सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.एच-8973/45.05.003/2006-07 दिनांक 24 नवंबर, 2006) पंजाब सरकार ने पेंशन के भुगतान की योजना में संशोधन किया है, जिसमें पेंशन की क्रेडिट की अनुमति पंजाब सरकार के पेंशनभोगी द्वारा अपने पति या पत्नी के साथ संचालित एक संयुक्त खाते में भी दी जाती है, जिसके पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में पारिवारिक पेंशन के लिए एक प्राधिकरण मौजूद है । पति या पत्नी के साथ पेंशनभोगी का संयुक्त खाता 'पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी व्यक्ति' अथवा 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी' के आधार पर निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अधीन संचालित किया जा सकता है: (ए) एक बार पेंशनभोगी के बैंक खाते में पेंशन जमा हो जाने के बाद, सरकार/बैंक का दायित्व समाप्त हो जाता है। आगे कोई देनदारी नहीं बनती है, भले ही पति या पत्नी गलत तरीके से राशि निकालते हों। (बी) चूंकि पेंशनभोगी के जीवन के दौरान ही पेंशन देय होती है, इसलिए उसकी मृत्यु की सूचना जल्द से जल्द और किसी भी मामले में मृत्यु के एक महीने के भीतर बैंक को दी जाएगी, ताकि बैंक जीवनसाथी वाले संयुक्त खाते में मासिक पेंशन जमा करना जारी न रखे। हालांकि, यदि कोई राशि गलत तरीके से संयुक्त खाते में जमा की गई है, तो यह संयुक्त खाते और/या पेंशनभोगी/पति/पत्नी द्वारा व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त रूप से रखे गए किसी भी खाते से वसूली योग्य होगी। कानूनी उत्तराधिकारी, उत्तराधिकारी, निष्पादक आदि भी किसी भी राशि को वापस करने के लिए उत्तरदायी होंगे, जिसे संयुक्त खाते में गलत तरीके से जमा किया गया है। (सी) पंजाब वित्तीय नियमावली खंड I के नियम 5.3 बी के अंतर्गत नोट 4 के अनुसार पेंशन के बकाया भुगतान के लिए नामांकन हेतु प्रावधान और इस विषय पर समय-समय पर जारी किए गए अनुदेश पेंशनभोगी जीवनसाथी वाले किसी संयुक्त बैंक खाते पर लागू रहेंगे। इसका तात्पर्य यह है कि यदि इन नियमों के अनुसार 'स्वीकृत नामांकन' होता है, तो नियमों में उल्लिखित बकाया नामांकित व्यक्ति को देय होगा। वित्त विभाग, पंजाब के परिपत्र संख्या 21 (1)83-एफआर (6)11991 दिनांक 20 नवंबर 1984 द्वारा संशोधित नामांकन प्रपत्रों में संशोधन किया गया है। मौजूदा पेंशनभोगी जो अपनी पेंशन ऊपर बताए गए संयुक्त खाते में जमा कराने के इच्छुक हैं, उन्हें उस शाखा बैंक में एक आवेदन जमा करना होगा, जहां से वे वर्तमान में निर्धारित प्रपत्र में पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इस पत्र में निर्धारित नियमों और शर्तों को स्वीकार करने के प्रमाण के रूप में पेंशनभोगी के पति या पत्नी द्वारा भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। ये निर्देश उन सरकारी सेवकों पर भी लागू होते हैं जो इस पत्र के जारी होने के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 17. रक्षा पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरूआत (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-13834/45.02.001/2006-07 दिनांक 13 मार्च 2007) प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक (पेंशन) के कार्यालय के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि 1 अप्रैल 2007 से प्रभावी रक्षा पेंशन की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली शुरू की जाए। इसलिए, प्रतिपूर्ति करने वाले बैंक यानी आरबीआई (पीएडी), एसबीआई और उसके सहयोगी बैंक 1 अप्रैल 2007 से बैंकों द्वारा किए गए रक्षा पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति करना बंद कर देंगे। केंद्रीय सिविल पेंशन के मामले की तरह फंड सेटलमेंट के लिए पेंशन भुगतान लेनदेन को नागपुर में लिंक सेल के माध्यम से केंद्रीय लेखा अनुभाग भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर में रिपोर्ट किया जा सकता है। एजेंसी बैंकों को भुगतान स्क्रॉल को सीधे नाम से श्री बीडी तिवारी, एसएओ (पी) कार्यालय पीसीडीए (पी), द्रौपदी घाट, इलाहाबाद को भेजना होगा। 1 अप्रैल 2007 से पहले बकाया सभी पिछले लेन-देन, जिसके लिए पेंशन भुगतान स्क्रॉल सूचना आवश्यक है, को आरबीआई/एसबीआई और उसके सहयोगियों की प्रतिपूर्ति शाखाओं के माध्यम से सुलझाया जाएगा। 18. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अरुणाचल प्रदेश सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना: (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.एच-14279/45.05.024/2006-07 दिनांक 23 मार्च 2007) अरुणाचल प्रदेश सरकार ने पेंशन के भुगतान की योजना में संशोधन किया है और पेंशनभोगी द्वारा अपने पति या पत्नी के साथ संचालित एक संयुक्त खाते में भी पेंशन की अनुमति दी गई है, जिसके पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में पारिवारिक पेंशन के लिए एक प्राधिकरण मौजूद है। पति या पत्नी के साथ पेंशनभोगी का संयुक्त खाता या तो 'पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी व्यक्ति' अथवा 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी' के आधार पर निम्नलिखित निबंधन और शर्तों के अधीन संचालित किया जा सकता है। (ए) एक बार पेंशनभोगी के बैंक खाते में पेंशन जमा हो जाने के बाद, सरकार/बैंक का दायित्व समाप्त हो जाता है। आगे कोई देयता उत्पन्न नहीं होती है, भले ही पति/पत्नी गलत तरीके से पेंशनभोगी की जानकारी के बिना राशि आहरित कर लेते हैं। (बी) चूंकि पेंशनभोगी के जीवनकाल में ही पेंशन देय होती है, उसकी मृत्यु की सूचना उसके पति/पत्नी द्वारा जल्द से जल्द और किसी भी स्थिति में मृत्यु के एक महीने के भीतर बैंक को दी जाएगी, ताकि बैंक मासिक पेंशन पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद जीवनसाथी के साथ वाले संयुक्त खाते में जमा करना जारी न रखे। हालांकि, यदि संयुक्त खाते में कोई राशि गलत तरीके से जमा की गई है, तो यह संयुक्त खाते या पेंशनभोगी/पति/पत्नी द्वारा व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त रूप से रखे गए उसके खाते से वसूली योग्य होगी। कानूनी वारिस, उत्तराधिकारी, निष्पादक आदि भी किसी भी राशि को वापस करने के लिए उत्तरदायी होंगे, जिसे संयुक्त खाते में गलत तरीके से जमा किया गया है। (सी) मौजूदा पेंशनभोगी जो अपनी पेंशन ऊपर बताए अनुसार एक संयुक्त खाते में जमा कराने के इच्छुक हैं, उन्हें संबंधित बैंक शाखा में निर्धारित फॉर्म में एक आवेदन जमा करना होगा, जहां से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। शर्तों को स्वीकार करने के प्रतीक के रूप में पेंशनभोगी का जीवनसाथी भी इस पर हस्ताक्षर करेगा। ये निर्देश उन सरकारी कर्मचारियों पर भी लागू होते हैं जो इस ज्ञापन के जारी होने के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। (डी) पति/पत्नी को छोड़कर जिनके पक्ष में पीपीओ में पारिवारिक पेंशन अधिकृत है, पेंशन जमा करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त खाता खोलने की अनुमति नहीं होगी। पारिवारिक पेंशनभोगी इस संशोधित योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं। 19. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से केंद्र सरकार पेंशन का संवितरण - पेंशन पर्ची जारी करना (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.एच.10975/45.05.031/2006-07 दिनांक 9 जनवरी 2007) केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय, वित्त मंत्रालय और भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों (सिविल) को पेंशन शुरू होने पर और उसके बाद, जहां भी पेंशन की मात्रा में परिवर्तन होता है, पेंशन पर्ची जारी की जाए। सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया कि वे अपनी पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को उपयुक्त निर्देश जारी करें। 20. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से केंद्र सरकार के पेंशन का संवितरण - रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन पर्ची जारी करना: (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.एच-17663/45.05.031/2006-07 दिनांक 12 जून 2007) मुख्य रक्षा लेखा नियंत्रक के कार्यालय और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग, रक्षा मंत्रालय के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि सशस्त्र सेना कर्मियों / रक्षा असैन्य पेंशनभोगियों सहित पारिवारिक पेंशनभोगियों को मौजूदा प्रणाली के अनुसार पेंशन पर्ची जारी की जाए जैसा कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों (सिविल) के लिए लागू है। सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया कि वे अपनी पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को उपयुक्त निर्देश जारी करें। मास्टर परिपत्र द्वारा समेकित परिपत्रों की सूची
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