मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV) पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं/कंपनियों (WOS) में प्रत्यक्ष निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV) पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं/कंपनियों (WOS) में प्रत्यक्ष निवेश
भारिबैं/2012-13/11 02 जुलाई 2012 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ समय-समय पर यथा संशोधित 7 जुलाई 2004 की फेमा अधिसूचना सं.120/आरबी-2004 (19 नवंबर 2004 का जीएसआर 757 (E) अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (ए) के अनुसार निवासियों को विदेश में स्थित संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं/कंपनियों में प्रत्यक्ष निवेश करने की अनुमति दी जाती है । 2. इस मास्टर परिपत्र में "निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं/कंपनियों में प्रत्यक्ष निवेश" विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक स्थान पर समेकित किया गया है। निहित परिपत्रों / अधिसूचनाओं की सूची परिशिष्ट में दी गई है। 3. इस मास्टर परिपत्र को एक वर्ष की अवधि के लिए (" सनसेट " खंड के साथ) जारी किया जाता है। इस परिपत्र को 1 जुलाई 2013 को वापस ले लिया जाएगा और उसके स्थान पर इस विषय में अद्यतन परिपत्र जारी किया जाएगा । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |