जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेनदेन पर मास्टर परिपत्र
आरबीआई/2011-12/379 01 जुलाई 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी – श्रेणी I बैंक महोदया/महोदय, जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेनदेन पर मास्टर परिपत्र अधिसूचना संख्या फेमा 1/2000-आरबी, विनियम 4(2), अधिसूचना संख्या फेमा 3/आरबी-2000 तथा दिनांक 03 मई 2000 की अधिसूचना संख्या फेमा 25/आरबी-2000 में किए प्रावधानों और उसके बाद उसमें हुए संशोधनों द्वारा विदेशी मुद्रा व्युत्पन्नी संविदाएं, विदेशी पण्य और फ्रेट हेजिंग, अनिवासी बैंकों के रुपया खाते, अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा लेनदेन आदि अधिशासित हैं। 2. यह मास्टर परिपत्र "जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेनदेन" विषय पर मौजूदा अनुदेशों को समेकित करता है। अंतर्निहित परिपत्रों/अधिसूचनाओं की सूची परिशिष्ट में दी गई है। 3. यह मास्टर परिपत्र एक वर्ष के समापन खंड के साथ जारी किया गया है। यह परिपत्र 01 जुलाई 2012 को वापस ले लिया जाएगा और इस विषय पर एक अद्यतन मास्टर परिपत्र प्रतिस्थापित किया जाएगा। भवदीया (मीना हेमचंद्र) |