भा.रि.बैंक/विमुवि/2015-16/11 विमुवि मास्टर निदेश सं. 16/2015-16
दिनांक: 1 जनवरी 2016 (दिनांक 23 अप्रैल 2025 तक अद्यतन) (दिनांक 17 मार्च 2025 तक अद्यतन) (दिनांक 16 जनवरी 2025 तक अद्यतन) (दिनांक 29 अगस्त 2024 तक अद्यतन) (दिनांक 22 नवंबर 2022 तक अद्यतन) (दिनांक 8 जनवरी 2021 तक अद्यतन) (दिनांक 19 अक्तूबर 2020 तक अद्यतन) (दिनांक 12 जनवरी 2018 तक अद्यतन) (दिनांक 16 नवंबर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 15 सितम्बर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 26 मई 2016 तक अद्यतन) (दिनांक 12 मई, 2016 तक अद्यतन)
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I बैंक
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – माल और सेवाओं का निर्यात
भारत से माल और सेवाओं के निर्यात पर दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381 [ई] के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध [चालू खाता लेनदेन] नियमावली, 2000 और दिनांक 12 जनवरी 2016 की 1फेमा अधिसूचना सं. 23[आर] /2015-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 [1999 का 42] की धारा-7 लागू होती है। इन विनियमावलियों को समय-समय पर संशोधित किया गया है, ताकि विनियामक ढाँचे में किये गये परिवर्तनों को शामिल किया जा सके और संशोधन अधिसूचनाओं के माध्यम से उन्हें प्रकाशित किया जा सके।
2. साथ ही, विनियमावली की रूपरेखा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(4) और धार 11(1) के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश भी जारी करता है। तैयार किये गये विनियमों को लागू करने की दृष्टि से इन निदेशों में प्राधिकृत व्यक्तियों को अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार से करना है उसके तौर-तरीके निर्धारित किये जाते हैं।
3. भारत से माल और सेवाओं के निर्यात के संबंध में जारी किये गये सभी अनुदेशों को इस मास्टर निदेश में समेकित किया गया है। नीचे उल्लिखित परिपत्रों/अधिसूचनाओं की सूची, जो इस मास्टर निदेश का आधार है, परिशिष्ट में दी गयी है। रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में देखें जा सकते हैं। [दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.18]
4. यह ध्यान दिया जाए कि जहां आवश्यक हो वहां यदि विनियमों में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों / घटकों के साथ किये जानेवाले लेनदेन के तरीके में कोई परिवर्तन होता है तो रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारियों को ए.पी. [डीआईआर शृंखला] परिपत्र के माध्यम से निदेश जारी करेगा। इसके साथ जारी किये गये मास्टर निदेशो में उसी समय संशोधन किया जाएगा। इस मास्टर निदेश को विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10 (4) और 11 (1) के तहत जारी किया गया हैं और ये किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/ अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते।
भवदीय,
(एन. सेंथिल कुमार) मुख्य महाप्रबंधक
1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 को दिनांक 12 जनवरी 2016 से 1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 से प्रतिस्थापित किया गया।
भा.रि.बैंक/विमुवि/2015-16/11 विमुवि मास्टर निदेश सं. 16/2015-16
दिनांक: 1 जनवरी 2016 (दिनांक 17 मार्च 2025 तक अद्यतन) (दिनांक 16 जनवरी 2025 तक अद्यतन) (दिनांक 29 अगस्त 2024 तक अद्यतन) (दिनांक 22 नवंबर 2022 तक अद्यतन) (दिनांक 8 जनवरी 2021 तक अद्यतन) (दिनांक 19 अक्तूबर 2020 तक अद्यतन) (दिनांक 12 जनवरी 2018 तक अद्यतन) (दिनांक 16 नवंबर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 15 सितम्बर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 26 मई 2016 तक अद्यतन) (दिनांक 12 मई, 2016 तक अद्यतन)
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I बैंक
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – माल और सेवाओं का निर्यात
भारत से माल और सेवाओं के निर्यात पर दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381 [ई] के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध [चालू खाता लेनदेन] नियमावली, 2000 और दिनांक 12 जनवरी 2016 की 1फेमा अधिसूचना सं. 23[आर] /2015-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 [1999 का 42] की धारा-7 लागू होती है। इन विनियमावलियों को समय-समय पर संशोधित किया गया है, ताकि विनियामक ढाँचे में किये गये परिवर्तनों को शामिल किया जा सके और संशोधन अधिसूचनाओं के माध्यम से उन्हें प्रकाशित किया जा सके।
2. साथ ही, विनियमावली की रूपरेखा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(4) और धार 11(1) के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश भी जारी करता है। तैयार किये गये विनियमों को लागू करने की दृष्टि से इन निदेशों में प्राधिकृत व्यक्तियों को अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार से करना है उसके तौर-तरीके निर्धारित किये जाते हैं।
3. भारत से माल और सेवाओं के निर्यात के संबंध में जारी किये गये सभी अनुदेशों को इस मास्टर निदेश में समेकित किया गया है। नीचे उल्लिखित परिपत्रों/अधिसूचनाओं की सूची, जो इस मास्टर निदेश का आधार है, परिशिष्ट में दी गयी है। रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में देखें जा सकते हैं। [दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.18]
4. यह ध्यान दिया जाए कि जहां आवश्यक हो वहां यदि विनियमों में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों / घटकों के साथ किये जानेवाले लेनदेन के तरीके में कोई परिवर्तन होता है तो रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारियों को ए.पी. [डीआईआर शृंखला] परिपत्र के माध्यम से निदेश जारी करेगा। इसके साथ जारी किये गये मास्टर निदेशो में उसी समय संशोधन किया जाएगा। इस मास्टर निदेश को विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10 (4) और 11 (1) के तहत जारी किया गया हैं और ये किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/ अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते।
भवदीय,
(एन. सेंथिल कुमार) मुख्य महाप्रबंधक
1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 को दिनांक 12 जनवरी 2016 से 1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 से प्रतिस्थापित किया गया।
भा.रि.बैंक/विमुवि/2015-16/11 विमुवि मास्टर निदेश सं. 16/2015-16
दिनांक: 1 जनवरी 2016 (दिनांक 16 जनवरी 2025 तक अद्यतन) (दिनांक 29 अगस्त 2024 तक अद्यतन) (दिनांक 22 नवंबर 2022 तक अद्यतन) (दिनांक 8 जनवरी 2021 तक अद्यतन) (दिनांक 19 अक्तूबर 2020 तक अद्यतन) (दिनांक 12 जनवरी 2018 तक अद्यतन) (दिनांक 16 नवंबर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 15 सितम्बर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 26 मई 2016 तक अद्यतन) (दिनांक 12 मई, 2016 तक अद्यतन)
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I बैंक
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – माल और सेवाओं का निर्यात
भारत से माल और सेवाओं के निर्यात पर दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381 [ई] के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध [चालू खाता लेनदेन] नियमावली, 2000 और दिनांक 12 जनवरी 2016 की 1फेमा अधिसूचना सं. 23[आर] /2015-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 [1999 का 42] की धारा-7 लागू होती है। इन विनियमावलियों को समय-समय पर संशोधित किया गया है, ताकि विनियामक ढाँचे में किये गये परिवर्तनों को शामिल किया जा सके और संशोधन अधिसूचनाओं के माध्यम से उन्हें प्रकाशित किया जा सके।
2. साथ ही, विनियमावली की रूपरेखा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(4) और धार 11(1) के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश भी जारी करता है। तैयार किये गये विनियमों को लागू करने की दृष्टि से इन निदेशों में प्राधिकृत व्यक्तियों को अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार से करना है उसके तौर-तरीके निर्धारित किये जाते हैं।
3. भारत से माल और सेवाओं के निर्यात के संबंध में जारी किये गये सभी अनुदेशों को इस मास्टर निदेश में समेकित किया गया है। नीचे उल्लिखित परिपत्रों/अधिसूचनाओं की सूची, जो इस मास्टर निदेश का आधार है, परिशिष्ट में दी गयी है। रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में देखें जा सकते हैं। [दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.18]
4. यह ध्यान दिया जाए कि जहां आवश्यक हो वहां यदि विनियमों में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों / घटकों के साथ किये जानेवाले लेनदेन के तरीके में कोई परिवर्तन होता है तो रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारियों को ए.पी. [डीआईआर शृंखला] परिपत्र के माध्यम से निदेश जारी करेगा। इसके साथ जारी किये गये मास्टर निदेशो में उसी समय संशोधन किया जाएगा। इस मास्टर निदेश को विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10 (4) और 11 (1) के तहत जारी किया गया हैं और ये किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/ अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते।
भवदीय,
(एन. सेंथिल कुमार) मुख्य महाप्रबंधक
1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 को दिनांक 12 जनवरी 2016 से 1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 से प्रतिस्थापित किया गया।
भा.रि.बैंक/विमुवि/2015-16/11 विमुवि मास्टर निदेश सं. 16/2015-16
दिनांक: 1 जनवरी 2016 (दिनांक 29 अगस्त 2024 तक अद्यतन) (दिनांक 22 नवंबर 2022 तक अद्यतन) (दिनांक 8 जनवरी 2021 तक अद्यतन) (दिनांक 19 अक्तूबर 2020 तक अद्यतन) (दिनांक 12 जनवरी 2018 तक अद्यतन) (दिनांक 16 नवंबर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 15 सितम्बर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 26 मई 2016 तक अद्यतन) (दिनांक 12 मई, 2016 तक अद्यतन)
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I बैंक और प्राधिकृत बैंक
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – माल और सेवाओं का निर्यात
भारत से माल और सेवाओं के निर्यात पर दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381 [ई] के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध [चालू खाता लेनदेन] नियमावली, 2000 और दिनांक 12 जनवरी 2016 की 1फेमा अधिसूचना सं. 23[आर] /2015-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 [1999 का 42] की धारा-7 लागू होती है। इन विनियमावलियों को समय-समय पर संशोधित किया गया है, ताकि विनियामक ढाँचे में किये गये परिवर्तनों को शामिल किया जा सके और संशोधन अधिसूचनाओं के माध्यम से उन्हें प्रकाशित किया जा सके।
2. साथ ही, विनियमावली की रूपरेखा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(4) और धार 11(1) के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश भी जारी करता है। तैयार किये गये विनियमों को लागू करने की दृष्टि से इन निदेशों में प्राधिकृत व्यक्तियों को अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार से करना है उसके तौर-तरीके निर्धारित किये जाते हैं।
3. भारत से माल और सेवाओं के निर्यात के संबंध में जारी किये गये सभी अनुदेशों को इस मास्टर निदेश में समेकित किया गया है। नीचे उल्लिखित परिपत्रों/अधिसूचनाओं की सूची, जो इस मास्टर निदेश का आधार है, परिशिष्ट में दी गयी है। रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में देखें जा सकते हैं। [दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.18]
4. यह ध्यान दिया जाए कि जहां आवश्यक हो वहां यदि विनियमों में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों / घटकों के साथ किये जानेवाले लेनदेन के तरीके में कोई परिवर्तन होता है तो रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारियों को ए.पी. [डीआईआर शृंखला] परिपत्र के माध्यम से निदेश जारी करेगा। इसके साथ जारी किये गये मास्टर निदेशो में उसी समय संशोधन किया जाएगा। इस मास्टर निदेश को विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10 (4) और 11 (1) के तहत जारी किया गया हैं और ये किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/ अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते।
भवदीय,
(एन. सेंथिल कुमार) महाप्रबंधक
1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 को दिनांक 12 जनवरी 2016 से विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 से प्रतिस्थापित किया गया।
भा.रि.बैंक/विमुवि/2015-16/11 विमुवि मास्टर निदेश सं. 16/2015-16
दिनांक: 1 जनवरी 2016 (दिनांक 22 नवंबर 2022 तक अद्यतन) (दिनांक 8 जनवरी 2021 तक अद्यतन) (दिनांक 19 अक्तूबर 2020 तक अद्यतन) (दिनांक 12 जनवरी 2018 तक अद्यतन) (दिनांक 16 नवंबर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 15 सितम्बर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 26 मई 2016 तक अद्यतन) (दिनांक 12 मई, 2016 तक अद्यतन)
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I बैंक और प्राधिकृत बैंक
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – माल और सेवाओं का निर्यात
भारत से माल और सेवाओं के निर्यात पर दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381 [ई] के साथ पठित अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध [चालू खाता लेनदेन] नियमावली, 2000 साथ ही, दिनांक 12 जनवरी 2016 की 1फेमा अधिसूचना सं. 23[आर] /2015-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 [1999 का 42] के खंड [ए] की उप-धारा [1] और धारा-7 की उप-धारा [3] लागू होती है। इन विनियमावलियों को समय-समय पर संशोधित किया गया है, ताकि विनियामक ढाँचे में किये गये परिवर्तनों को शामिल किया जा सके और संशोधन अधिसूचनाओं के माध्यम से उन्हें प्रकाशित किया जा सके।
2. साथ ही, विनियमावली की रूपरेखा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा-11 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश भी जारी करता है। तैयार किये गये विनियमों को लागू करने की दृष्टि से इन निदेशों में प्राधिकृत व्यक्तियों को अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार से करना है उसके तौर-तरीके निर्धारित किये जाते हैं।
3. भारत से माल और सेवाओं के निर्यात के संबंध में जारी किये गये सभी अनुदेशों को इस मास्टर निदेश में समेकित किया गया है। नीचे उल्लिखित परिपत्रों/अधिसूचनाओं की सूची, जो इस मास्टर निदेश का आधार है, परिशिष्ट में दी गयी है। रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में देखें जा सकते हैं। [दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.18]
4. यह ध्यान दिया जाए कि जहां आवश्यक हो वहां यदि विनियमों में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों / घटकों के साथ किये जानेवाले लेनदेन के तरीके में कोई परिवर्तन होता है तो रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारियों को ए.पी. [डीआईआर शृंखला] परिपत्र के माध्यम से निदेश जारी करेगा। इसके साथ जारी किये गये मास्टर निदेशों में उसी समय संशोधन किया जाएगा।
भवदीय,
(विवेक श्रीवास्तव) मुख्य महाप्रबंधक
1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 को दिनांक 12 जनवरी 2016 से विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 से प्रतिस्थापित किया गया।
भा.रि.बैंक/विमुवि/2015-16/11 विमुवि मास्टर निदेश सं. 16/2015-16
दिनांक: 1 जनवरी 2016 (दिनांक 8 जनवरी 2021 तक अद्यतन) (दिनांक 19 अक्तूबर 2020 तक अद्यतन) (दिनांक 12 जनवरी 2018 तक अद्यतन) (दिनांक 16 नवंबर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 15 सितम्बर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 26 मई 2016 तक अद्यतन) (दिनांक 12 मई, 2016 तक अद्यतन)
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I बैंक और प्राधिकृत बैंक
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – माल और सेवाओं का निर्यात
भारत से माल और सेवाओं के निर्यात पर दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381 [ई] के साथ पठित अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध [चालू खाता लेनदेन] नियमावली, 2000 साथ ही, दिनांक 12 जनवरी 2016 की 1फेमा अधिसूचना सं. 23 [आर] /2015-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 [1999 का 42] के खंड [ए] की उप-धारा [1] और धारा-7 की उप-धारा [3] लागू होती है । इन विनियमावलियों को समय–समय पर संशोधित किया गया है, ताकि विनियामक ढाँचे में किये गये परिवर्तनों को उनमें शामिल किया जा सके और संशोधन अधिसूचनाओं के माध्यम से उन्हें प्रकाशित किया जा सके।
2. साथ ही, विनियमावली की रूपरेखा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 की धारा 11 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को भी निदेश जारी करता है। तैयार किये गये विनियमों को लागू करने की दृष्टि से इन निदेशों में प्राधिकृत व्यक्तियों को अपने ग्राहकों / घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार से करना है उसके तौर तरीके निर्धारित किये जाते हैं ।
3. भारत से माल और सेवाओं की निर्यात के संबंध में जारी किये गये सभी अनुदेशों को इस मास्टर निदेश में समेकित किया गया है। नीचे उल्लिखित परिपत्रों / अधिसूचनाओं की सूची, जो इस मास्टर निदेश का आधार है, परिशिष्ट में दी गयी है । रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में देखें जा सकते हैं । [दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.18]
4. यह नोट किया जाए कि जहां आवश्यक हो वहां अगर विनियमों में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों / घटकों के साथ किये जानेवाले लेनदेनों के तरीके में कोई परिवर्तन होता है तो रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारियों को ए.पी. [ डीआईआर ] परिपत्र शृंखला के माध्यम से निदेश जारी करेगा । इसके साथ जारी किये गये मास्टर निदेशों में उसी समय संशोधन किया जाएगा ।
भवदीय,
[आर. एस. अमर] मुख्य महाप्रबंधक
1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 को दिनांक 12 जनवरी 2016 से विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 से प्रतिस्थापित किया गया।
भा.रि.बैंक/विमुवि/2015-16/11 विमुवि मास्टर निदेश सं. 16/2015-16
दिनांक 1 जनवरी 2016 (दिनांक 19 अक्तूबर 2020 तक अद्यतन) (दिनांक 12 जनवरी 2018 तक अद्यतन) (दिनांक 16 नवंबर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 15 सितम्बर 2017 तक अद्यतन) (दिनांक 26 मई 2016 तक अद्यतन) (दिनांक 12 मई, 2016 तक अद्यतन)
समस्त प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I बैंक और प्राधिकृत बैंक
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – वस्तु और सेवाओं का निर्यात
भारत से वस्तु और सेवाओं के निर्यात पर दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381 [ई] के साथ पठित अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंधन [चालू खाता लेनदेन] नियमावली, 2000 साथ ही, दिनांक 12 जनवरी 2016 की 1फेमा अधिसूचना सं. 23 [ आर ] / 2015 [ आरबी ] के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 [ 1999 का 42 ] के खंड [ए] की उप धारा [1] और धारा 7 की उप धारा [3] लागू होती है | इन विनियमावलियों को समय – समय पर संशोधित किया गया है ताकि विनियामक ढाँचे में किये गये परिवर्तनों को उनमें शामिल किया जा सके और संशोधन अधिसूचनाओं के माध्यम से उन्हें प्रकाशित किया जा सके|
2. साथ ही, विनियमावली की रूपरेखा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 की धारा 11 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को भी निदेश जारी करता है| तैयार किये गये विनियमों को अमल में लाने की दृष्टि से इन निदेशों में प्राधिकृत व्यक्तियों को अपने ग्राहकों / घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार से करना है उसके तौर तरीके निर्धारित किये जाते हैं|
3. भारत से माल और सेवाओं की निर्यात के संबंध में जारी किये गये सभी अनुदेशों को इस मास्टर निदेश में समेकित किया गया है| नीचे उल्लिखित परिपत्रों / अधिसूचनाओं की सूची, जो इस मास्टर निदेश का आधार है, परिशिष्ट में दी गयी है| रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में देखें जा सकते हैं| [ दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.18]
4. यह नोट किया जाए कि जहां आवश्यक हो वहां अगर विनियमों में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों / घटकों के साथ किये जानेवाले लेनदेनों के तरीके में कोई परिवर्तन होता है तो रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारियों को ए.पी. [ डीआईआर ] परिपत्र शृंखला के माध्यम से निदेश जारी करेगा | इसके साथ जारी किये गये मास्टर निदेशों में उसी समय संशोधन किया जाएगा |
भवदीय,
[आर. एस. अमर] मुख्य महाप्रबंधक
1विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 को दिनांक 12 जनवरी 2016 से विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 से प्रतिस्थापित किया गया।
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