मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश
आरबीआई/2023-24/99 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 तथा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत बैंक मुद्रा प्रबंधन के भाग के रूप में स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है। इन उद्देश्यों के मद्देनजर, आम जनता को बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) की रूपरेखा तैयार की है। 2. संलग्न मास्टर दिशानिर्देश में उक्त विषय पर अद्यतित अनुदेश/परिपत्र शामिल हैं। भवदीय संजीव प्रकाश संलग्र: यथोक्त मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश 1. स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए आम जनता को बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने हेतु सभी बैंक शाखाओं को प्रोत्साहित करने हेतु बैंक ने मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) नामक प्रोत्साहन की रूपरेखा तैयार की है। 2. प्रोत्साहन इस योजना के अनुसार, बैंक अपेक्षित अवसंरचना स्थापना तथा नोटों एवं सिक्कों के विनिमय/वितरण की सुविधा प्रदान करने हेतु निम्नलिखित वित्तीय प्रोत्साहन/सेवा शुल्क के पात्र हैं:
3. कार्यनिष्पादन आधारित प्रोत्साहन के भुगतान हेतु अन्य परिचालन अनुदेश –
1 विशाल आधुनिक सीसी वे सीसी हैं जो परिपत्र RBI/2018-19/166 DCM(CC) No.2842/03.39.01/2018-19 दिनांक अप्रैल 08, 2019 में वर्णित न्यूनतम मानक को पूरा करते हैं। |