सिक्कों के वितरण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन तथा अन्य उपायों की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
सिक्कों के वितरण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन तथा अन्य उपायों की समीक्षा
भारिबैं/2021-22/93 27 अगस्त 2021 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / & महोदया/प्रिय महोदय, सिक्कों के वितरण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन तथा अन्य उपायों की समीक्षा कृपया मुद्रा तिजोरियों सहित बैंक शाखाओं के लिए “मुद्रा वितरण तथा विनमय योजना (सीडीईएस)” विषय पर दिनांक 01 अप्रैल 2021 के हमारे मास्टर परिपत्र का संदर्भ लें जिसमें अन्य विषयों के साथ बैंकों को काउंटर पर से सिक्के वितरित करने हेतु रु. 25 प्रति बैग वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया गया है। 2. स्वच्छ नोट नीति के समग्र उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बैंक शाखाएँ नोटों के विनिमय तथा सिक्कों के वितरण के संबंध में जनता को बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान कर रही हैं, उक्त योजना की समीक्षा की गई है तथा अब सिक्कों के वितरण के लिए बैंकों को दिए जा रहे प्रोत्साहन को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें वैकल्पिक तरीकों पर विशेष ज़ोर दिया गया है ताकि इसकी पहुँच का विस्तार किया जा सके । तदनुसार, पैराग्राफ 2 (प्रोत्साहन) क्रम संख्या (iii) को निम्नानुसार संशोधित किया गया है : क. सिक्कों के वितरण हेतु प्रोत्साहन की संशोधित योजना (i) 01 सितंबर 2021 से मुद्रा तिजोरियों (सीसी) से निवल आहरण के आधार पर बैंकों से दावों की प्रतीक्षा किए बिना सिक्कों के वितरण हेतु रु. 65/- प्रति बैग (पूर्व के रु. 25/- के स्थान पर) के प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा । मुद्रा तिजोरी शाखाएँ सम्बद्ध बैंक/शाखाओं को उनके द्वारा वितरित किए गए सिक्कों के लिए आनुपातिक आधार पर प्रोत्साहन का भुगतान भारतीय रिजर्व बैंक से प्रोत्साहन प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर करेंगी । (ii) ग्रामीण तथा अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में सिक्कों के वितरण हेतु इस आशय का सीए / लेखापरीक्षक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर रु. 10/- प्रति बैग अतिरिक्त प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा; (iii) सिक्कों के वितरण का सत्यापन भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा मुद्रा तिजोरियों के निरीक्षण / शाखाओं के आकस्मिक दौरों आदि के दौरान भी किया जाएगा। ख. बैंक थोक ग्राहकों को सिक्के उपलब्ध करवाएँ इसके अतिरिक्त, पूर्वोक्त परिपत्र के पैराग्राफ 2, क्रम संख्या (iii) (iii) के अनुसार, बैंकों को नियंत्रण एवं संतुलन की एक प्रणाली स्थापित करने हेतु निर्देश दिए गए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छोटी मात्रा में सिक्के खुदरा ग्राहकों को वितरित किए जाते हैं न कि थोक ग्राहकों को । इसकी समीक्षा करने पर, थोक ग्राहकों के सिक्कों की आवश्यकताओं (एक लेन देन में 1 बैग से अधिक की आवश्यकता) को पूरा करने के लिए बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे ऐसे ग्राहकों को विशुद्ध रूप से व्यावसायिक लेन देन के लिए सिक्के प्रदान करें । बैंक “डोर स्टैप बैंकिंग” सेवाओं पर अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार इस प्रकार की सेवाएँ प्रदान करने का प्रयास कर सकते हैं । इस प्रकार के ग्राहकों का केवाईसी अनुपालन होना चाहिए तथा आपूर्ति किए गए सिक्कों का रिकॉर्ड भी रखा जाना चाहिए । बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए उचित सावधानी बरतें कि इस सुविधा का दुरुपयोग नहीं किया जा रहा है । खुदरा ग्राहकों को बैंक शाखाओं के काउंटरों के माध्यम से सिक्कों का संवितरण पहले की तरह जारी रहेगा । ग. सिक्कों के वितरण हेतु व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) को नियुक्त करना दिनांक 02 सितंबर 2013 के डीबीओडी के परिपत्र संख्या बीएपीडी.बीसी. 46/22.01.009/2013-14 तथा दिनांक 10 सितंबर 2013 के डीसीएम के परिपत्र संख्या डीसीएम (आयो) सं. जी 12/10.65.03/2013-14 की ओर आपका ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें बैंकों को बैंक नोटों व सिक्कों के वितरण को बीसी द्वारा की जाने वाली गतिविधियों में शामिल करने हेतु अनुमति दी गई थी तथा अंतिम उपयोगकर्ता की समस्याओं को दूर करने दौरान विभिन्न मुद्रा प्रबंधन कार्यों को करने के लिए उनकी सेवाओं को सूचीबद्ध करने की संभावनाओं का पता लगाने हेतु सूचित किया था । इस संदर्भ में यह दोहराया जाता है कि बैंक जनता में सिक्कों के वितरण के लिए अपने बीसी की भागीदारी बढ़ाएँ तथा अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहित भी करें । थोक ग्राहओन तथा बीसी को आगे वितरण के लिए सिक्कों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु, सभी बैंक यह सुनिश्चित करें कि उनकी प्रत्येक शाखा प्रत्येक मूल्यवर्ग के सिक्कों के न्यूनतम एक बैग का स्टॉक बनाए रखें । घ. सिक्कों के वितरण के लिए मार्गस्थ नकदी (सीआईटी) संस्थाओं को शामिल करना 2013-14 हेतु मौद्रिक नीति वक्तव्य – बैंक नोटों तथा सिक्कों का वितरण – वैकल्पिक उपाय विषय पर दिनांक 10 अक्तूबर 2013 के परिपत्र डीसीएम (आयो) सं. जी-14/10.65.03/2013-14 की ओर भी आपका ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें बैंकों को बैंक नोट व सिक्कों के वितरण के लिए सीआईटी संस्थाओं की सेवाओं को शामिल करने की संभावनाएं तलाशने हेतु सूचित किया गया था । यह दोहराया जाता है कि जनता में सिक्कों के वितरण को बढ़ाने के लिए बैंक सीआईटी संस्थाओं को नियुक्त कर सकते हैं । 3. मुद्रा तिजोरी रखने वाले बैंक द्वारा आंतरिक नियंत्रण तथा पर्यवेक्षण के रूप में द्विमासिक तथा अर्द्धवार्षिक सत्यापन करने हेतु प्रतिनियुक्त किए गए अधिकारियों द्वारा सिक्कों के वितरण के उपायों के कार्यान्वयन पर टिप्पणी की जाए । 4. मुद्रा तिजोरियों व शाखाओं के दौरे पर जाने वाले बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जाए कि वे अपनी दौरा रिपोर्ट में उपर्युक्त उपायों के कार्यान्वयन पर विशेष रूप से टिप्पणी करें । 5. कृपया प्राप्ति सूचना दें । भवदीय (सुब्रत दास) |