बैंक शाखाओं व मुद्रा तिजोरियों के लिए मुद्रा वितरण और विनिमय योजना हेतु प्रोत्साहन की रूप रेखा पर मास्टर निदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक शाखाओं व मुद्रा तिजोरियों के लिए मुद्रा वितरण और विनिमय योजना हेतु प्रोत्साहन की रूप रेखा पर मास्टर निदेश
भा.रि.बैंक/मुप्रवि/2025-26/136 24 अप्रैल 2025 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया /महोदय बैंक शाखाओं व मुद्रा तिजोरियों के लिए मुद्रा वितरण और विनिमय योजना हेतु प्रोत्साहन की रूप रेखा पर मास्टर निदेश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम,1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A के अंतर्गत, भारतीय रिजर्व बैंक, मुद्रा प्रबंधन में स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति तथा बैंक शाखाओं द्वारा ग्राहक सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रा वितरण और विनिमय योजना तैयार की गयी है । 2. अद्यतन दिशा-निर्देश/परिपत्रों को शामिल करते हुए इस विषय से संबंधित मास्टर निदेश अनुलग्नक-I में दिए गए हैं। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) और दृष्टांत क्रमशः अनुलग्नक-II और III में हैं। भवदीय, (संजीव प्रकाश) संलग्नक: यथोक्त बैंक शाखाओं व मुद्रा तिजोरियों के लिए मुद्रा वितरण और विनिमय योजना हेतु प्रोत्साहन की रूप रेखा पर मास्टर निदेश 1. स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन के आधार पर सभी बैंक शाखाओं को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के लिए बैंक शाखाओं व मुद्रा तिजोरियों के लिए मुद्रा वितरण और विनिमय योजना नामक प्रोत्साहन की रूपरेखा तैयार की है। 2. प्रोत्साहन इस योजना के अनुसार, बैंक आवश्यक अवसंरचना की स्थापना तथा नोटों एवं सिक्कों के विनिमय/ वितरण की सुविधा प्रदान करने हेतु निम्नलिखित वित्तीय प्रोत्साहन/सेवा शुल्क के पात्र हैं:
3. कार्यनिष्पादन आधारित प्रोत्साहन से संबंधित अन्य प्रक्रियागत दिशानिर्देश
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न बैंक शाखाओं व मुद्रा तिजोरियों के लिए मुद्रा वितरण और विनिमय योजना हेतु प्रोत्साहन की रूप रेखा पर मास्टर निदेश 1. स्वच्छ नोट नीति क्या है? यह आरबीआई द्वारा जनता के सदस्यों को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई नीति है। 2. पूंजीगत एवं राजस्व लागत में क्या शामिल है? पूंजीगत लागत, करेंसी चेस्ट स्थापित करने के लिए आवश्यक अचल संपत्तियों या बुनियादी ढांचे को तैयार करने के लिए किया गया एक बार किया गया व्यय है। राजस्व लागत करेंसी चेस्ट के दिन-प्रतिदिन के संचालन और रखरखाव पर होने वाले आवर्ती खर्च हैं। व्यय की वास्तविक प्रकार बैंक को लागत की प्रतिपूर्ति के समय संबंधित निर्गम कार्यालय द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। उदाहरण 1. उत्तर पूर्वी क्षेत्र में/ जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख संघ शासित प्रदेशों के दुर्गम/ पहाड़ी स्थानों (जैसा कि राज्य सरकारों / किसी उचित प्राधिकरण द्वारा माना गया हो ) पर मुद्रा तिजोरी का निर्माण तथा संचालन: उदाहरण 1: पूंजीगत व्यय की प्रतिपूर्ति बैंक द्वारा खर्च और दावा की गई पूंजीगत लागत: ₹75 लाख (कर सहित) (क) प्रतिपूर्ति की जाने वाली पूंजीगत लागत: (क) का 100% (प्रति मुद्रा तिजोरी ₹50 लाख की सीमा के अधीन) = ₹50 लाख (कर सहित) उदाहरण 2: राजस्व व्यय की प्रतिपूर्ति
2. बैंक शाखाओं के काउंटरों पर गंदे नोटों का विनिमय/कटे-फटे बैंकनोटों का अधिनिर्णयन: उदाहरण 1: बैंक शाखाओं के काउंटरों पर गंदे नोटों के विनिमय के लिए प्रोत्साहन
उदाहरण 2: बैंक शाखाओं के काउंटरों पर कटे-फटे बैंक नोटों का अधिनिर्णयन के लिए प्रोत्साहन
3. सिक्कों के वितरण के लिए प्रोत्साहन: उदाहरण:
शहरी क्षेत्र में सिक्कों का वितरण: 3 बैग के लिए प्रोत्साहन राशि, ₹65 प्रति बैग: ₹195 (कर पूर्व) अर्ध-शहरी/ग्रामीण क्षेत्र में सिक्कों का वितरण: 3 बैग के लिए प्रोत्साहन राशि, ₹75 प्रति बैग: ₹225 (कर पूर्व) नोट: निर्गम विभाग मैनुअल 2021 के अध्याय 3-नकद विभाग के खंड 5.1 के अनुसार, 50 पैसे के सिक्कों के 5000 पीस; ₹1, ₹ 2 या ₹ 5 के सिक्कों के 2500 पीस; ₹10 या ₹20 के सिक्कों के 2000 पीस, को एक बैग माना जाएगा। 1 बैग की संख्या के निर्धारण के लिए, 50 पैसे के सिक्कों के 5000 पीस; ₹1, ₹2 या ₹5 के 2500 पीस; ₹10 या ₹20 के सिक्कों के 2000 पीस, को एक बैग माना जाएगा। 2 विशाल आधुनिक सीसी वे सीसी हैं जो परिपत्र आरबीआई/2018-19/166 DCM (CC) NO. 2842/03.39.01/2018-19 दिनांक 8 अप्रैल 2019 में वर्णित न्यूनतम मानक को पूरा करते हैं। |