सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता - आरबीआई - Reserve Bank of India
सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता
भारिबैं/2014-15/435 29 जनवरी 2015 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय, सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता कृपया 3 दिसंबर 2009 का हमारा परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी).परि.सं.25/09.11.200/2009-10 और 01 दिसंबर 2009 का परिपत्र सं.आरपीसीडी.केंका.आरएफ़.बीसी.44/07.40.06/2009-10 देखें जिसके माध्यम से सहकारी बैंकों से कम से कम एक सीआईसी में सदस्यता लेने और निर्धारित प्रारूप में क्रेडिट डाटा (सकारात्मक और ऋणात्मक) सीआईसी को उपलब्ध कराने के लिए सूचित किया था। 2. अब तक, चार साख सूचना कंपनियोंयथा- क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड, इक्यूईफैक्स क्रेडिट इनफॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एकस्पेरियन क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनी आफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, तथा सीआरआईएफ हाई मार्क क्रेडिट इनफॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान किया जा चुका है। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसीआरए) की धारा 15 के अनुसार प्रत्येक ऋण देने वाली संस्था को कम से कम एक सीआईसी का सदस्य होना चाहिए। इसके अलावा सीआईसीआरए की धारा 17 में अपेक्षा की गई है कि एक सीआईसी केवल अपने सदस्यों (ऋण देने वाली संस्था/ सीआईसी) से ही क्रेडिट सूचना रिपोर्ट मंगा और प्राप्त कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप, सीआईसीआरए और साख सूचना कंपनी विनियमन, 2006 में परिभाषित किए गए अनुसार एक विनिर्दिष्ट उपयोगकर्ता जब किसी खास उधारकर्ता/ ग्राहक के बारे में सीआईसी से क्रेडिट सूचना प्राप्त करता है तो उसे केवल वही सूचना प्राप्त होती है जो सीआईसी को उसके सदस्यों द्वारा उपलब्ध कराई गई है। इसमें ऐसी गैर-सदस्य ऋण देने वाली संस्थाओं का क्रेडिट इतिहास शामिल नहीं होता है जिनके साथ उधारकर्ता/ ग्राहक का मौजूदा एक्सपोजर है अथवा पहले रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा साख सूचना कंपनियों को साख सूचना देने हेतु डाटा फॉर्मेट को अनुशंसा करने के लिए गठित समिति (अध्यक्ष श्री आदित्य पूरी) ने अपर्याप्त/ गलत क्रेडिट सूचना की इस समस्या का समाधान पाने के लिए अपनी रिपोर्ट में कुछ संभावित विकल्पों के गुण/ दोषों परचर्चा की है। समिति की रिपोर्ट निम्न यूआरएल पर उपलब्ध है: /en/web/rbi/-/publications/reports/report-of-the-committee-to-recommend-data-format-for-furnishing-of-credit-information-to-credit-information-companies-763 इन विकल्पों के साथ-ही आईबीए तथा साख सूचना कंपनियों से प्राप्त सुझावों/ टिप्पणियों पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विचार किया गया। यह निर्णय लिया गया है कि सर्वश्रेष्ठ विकल्प यही होगा कि सभी ऋण देने वाली संस्थाओं को सभी साख सूचना कंपनियों की सदस्यता लेने हेतु अधिदेश दिए जाए और सदस्यता शुल्क तथा वार्षिक शुल्क को यथोचित रूप से संतुलित किया जाए। इन अनुदेशों की समीक्षा यथासमय की जाएगी। 3. तदनुसार सभी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि बैंकिंग विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय द्वारा जारी 15 जनवरी 2015 का निदेश सं. बैंविवि. सं. सीईडी. बीसी. 59/ 20.16.056/ 2014-15 का अनुपालन करें और सभी साख सूचना कंपनियों के सदस्य बनते हुए उन्हें डाटा(हिस्टोरिकल डाटा समेत)प्रस्तुत करें। भवदीया, (सुमा वर्मा) |