मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियों को विनियमित करने वाले अनुदेशों का ज्ञापन - आरबीआई - Reserve Bank of India
मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियों को विनियमित करने वाले अनुदेशों का ज्ञापन
भारिबैंक/2011-12/242 01 नवंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी व्यक्ति महोदया/महोदय, मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियों को विनियमित करने वाले अनुदेशों का ज्ञापन प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों (एएमसीज) को 9 मार्च 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 57 [ए.पी. (एफएल/आरएस सिरीज) परिपत्र सं. 04] के जरिये जारी अनुदेशों के ज्ञापन के संलग्नक -। के भाग 'बी' के पैरा-3 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों (एएमसीज) से महानगरों में अतिरिक्त कार्यालयों के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों पर तब विचार किया जाता है जब आवेदक के कुल कार्यालयों (प्रस्तावित कार्यालयों सहित) का अनुपात 1:1 ( अर्थात आवेदक के महानगर में प्रत्येक कार्यालय के लिए एक नॉन-मेट्रोपोलिटन कार्यालय है) है । 2. प्राधिकृत व्यक्तियों को अपनी शाखाओं का स्थान निर्धारित करने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि मेट्रो और नॉन-मेट्रो शाखाओं के बीच 1:1 के अनुपात से संबंधित मानदंड हटाया जाए । तथापि, हम चाहते हैं कि शाखाएं विविध स्थानों पर हों तथा पर्यटकों, आदि की मांगें पूरी करने वाली हों । सभी अन्य अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे । 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों/घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा),1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं तथा इन दिशानिर्देशों का अनुपालन न करना उक्त अधिनियम की धारा 11 (3) के दण्डात्मक प्रावधानों को आकर्षित कर सकता है । भवदीया, (मीना हेमचंद्र) |