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एशियाई समाशोधन संघ (ACU) के जरिए लेनदेनों (संव्यवहार) की चैनलिंग के लिए क्रियाविधि ज्ञापन

भारिबैंक/2015-16/203
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 21

8 अक्तूबर 2015

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक

महेदया/महोदय

एशियाई समाशोधन संघ (ACU) के जरिए लेनदेनों (संव्यवहार) की चैनलिंग के लिए क्रियाविधि ज्ञापन

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 17 फरवरी 2010 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 35 के द्वारा जारी और तदुपरांत 18 अक्तूबर 2013 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 63 के द्वारा संशोधित 'एशियाई समाशोधन संघ (ACU) के जरिए लेनदेनों की चैनलिंग के लिए विस्तृत क्रियाविधि संबंधी अनुदेशों को अंतर्विष्ट करने वाले ज्ञापन की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. एशियाई समाशोधन संघ के निदेशक बोर्ड की जून 2015 में आयोजित 44वीं बैठक में एशियाई समाशोधन संघ के सदस्यों में बनी सहमति (हुए करार) को दृष्टिगत रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि एशियाई समाशोधन संघ के सदस्य देशों के साथ माल और सेवाओं के निर्यात तथा आयात संबंधी दोनों प्रकार के संव्यवहारों (transactions) के निपटान के लिए एशियाई समशोधन संघ के सदस्य देशों के वाणिज्यिक बैंकों के नास्ट्रो (nostro) खाते अर्थात एसीयू डालर खाते और एसीयू यूरो खाते का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की जाए।

3. परिणामत:, सभी पात्र भुगतानों के लिए

ए) निर्यात संव्यवहारों (transactions) के मामले में, संव्यवहार करने वाला दूसरा पक्ष जिस देश में निवास करता है उस सदस्य देश के बैंक द्वारा भारत में रखे गए एसीयू डालर / एसीयू यूरो खाते को नामे करके अथवा अन्य सदस्य देश में तदनुरूपी (करेस्पांडेंट) बैंक के पास रखे गए प्राधिकृत व्यापारी बैंक के एसीयू डालर/ एसीयू यूरो खाते में जमा के मार्फत निर्यात संबंधी संव्यवहार के भुगतान प्राप्त किए जा सकते हैं;

बी) आयात संव्यवहारों (transactions) के मामले में, संव्यवहार करने वाला दूसरा पक्ष जिस देश में निवास करता है उस सदस्य देश के बैंक द्वारा भारत में रखे गए एसीयू डालर / एसीयू यूरो खाते में जमा करके अथवा अन्य सदस्य देश में करेस्पांडेंट बैंक के पास रखे गए प्राधिकृत व्यापारी बैंक के एसीयू डालर / एसीयू यूरो खाते को नामे करके आयात संबंधी संव्यवहार का भुगतान किया जा सकता है।

4. इस बात को फिर से दोहराया जाता है कि एशियाई समाशोधन संघ के अन्य सदस्य देशों (उन कतिपय देशों को छोड़कर जिनके संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक ने खास छूट दी है) के साथ पात्र निर्यात/आयात संबंधी सभी संव्यवहारों (transactions) के निपटान अनिवार्यत: एशियाई समाशोधन संघ की प्रणाली के जरिए किए जाएंगे।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।

भवदीय

(ए.के.पाण्डेय)
मुख्य महाप्रबंधक

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